जिम्बाब्वे को मिली 20 साल की सबसे बड़ी शिकस्त

दक्षिण अफ्रीका ने पारी और 236 रन से हराया

कार्यवाहक कप्तान वियान मुल्डर ने नाबाद 367 रन ठोके

खेलपथ संवाद

बुलावायो। दक्षिण अफ्रीका ने दो मैचों की शृंखला के दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन मंगलवार को यहां जिम्बाब्वे की दूसरी पारी को 220 रन पर समेट कर उसे पिछले 20 साल में पारी से सबसे बड़ी शिकस्त दी। दक्षिण अफ्रीका ने महज तीन दिन के अंदर पारी और 236 रन की शानदार जीत दर्ज की।

विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का खिताब जीतने वाली दक्षिण अफ्रीका की टीम ने इसके साथ ही सीरीज में 2-0 से सूपड़ा साफ किया।दक्षिण अफ्रीका ने कार्यवाहक कप्तान वियान मुल्डर के नाबाद 367 रन के दम पर पांच विकेट पर 626 रन बनाकर पारी घोषित की थी। जिम्बाब्वे की टीम सोमवार को अपनी पहली पारी में 43 ओवर में 170 रन पर आउट हो गयी थी जिसके बाद उसे फॉलोऑन दिया गया। टीम मंगलवार को अपनी दूसरी पारी में 220 रन पर आउट हो गयी।

जिम्बाब्वे की टीम ने इस मैच में कुल 390 रन बनाये जो मुल्डर के स्कोर से सिर्फ 23 रन अधिक था। मुल्डर का चोटिल टेम्बा बावुमा और केशव महाराज की अनुपस्थिति में कप्तान के तौर पर यह पहला टेस्ट मैच था। उन्होंने बल्ले से योगदान देने के साथ तीन विकेट भी चटकाए और तीन कैच लपके। वह मैच और शृंखला के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गये। जिम्बाब्वे ने दिन की शुरुआत दूसरी पारी में एक विकेट पर 51 रन से की थी और सुबह के सत्र में टीम ने दो विकेट गंवाए, जिसमें अनुभवी सीन विलियम्स भी शामिल थे।

अफगानिस्तान पर मसौदा प्रस्ताव : मतदान से दूर रहा भारत

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए मसौदा प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया और कहा कि ‘सामान्य तौर-तरीकों के साथ काम करने’ से शायद वे परिणाम नहीं मिल पाएंगे, जिनकी वैश्विक समुदाय अफगान जनता के लिए अपेक्षा करता है। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने सोमवार को जर्मनी द्वारा पेश ‘अफगानिस्तान में स्थिति’ पर प्रस्ताव को पारित किया। प्रस्ताव के पक्ष में 116 वोट पड़े, दो ने विरोध किया और 12 देश मतदान से दूर रहे, जिनमें भारत भी शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने मतदान में भाग न लेने पर कहा कि किसी भी युद्धोत्तर स्थिति से निपटने के लिए एक समेकित नीति में विभिन्न बातें समाहित होनी चाहिए, जिसमें सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करने और हानिकारक कार्यों को हतोत्साहित करने वाले उपाय शामिल हों। हरीश ने कहा, ‘हमारे दृष्टिकोण में केवल दंडात्मक उपायों पर केंद्रित एकतरफा रुख नहीं चल सकता। संयुक्त राष्ट्र और व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अन्य युद्धोत्तर परिप्रेक्ष्य में अधिक संतुलित दृष्टिकोण अपनाए हैं।’

उन्होंने कहा कि भारत, अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए अपने समन्वित प्रयास करने चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित संस्थाएं और व्यक्ति, अलकायदा और उसके सहयोगी संगठन, इस्लामिक स्टेट और उसके सहयोगी संगठन, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद शामिल हैं, तथा उनके क्षेत्रीय प्रायोजक जो उनकी गतिविधियों में सहायता करते हैं, वे अब आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल न कर सकें। उन्होंने यह बात पाकिस्तान के संदर्भ में कही।

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