आईओसी ने रोकी 2036 ओलम्पिक के मेजबान चुनने की प्रक्रिया

भारत की मेजबानी बोली पर फैसले में लग सकता है समय
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) की नई अध्यक्ष कर्स्टी ने गुरुवार को ओलम्पिक 2036 की मेजबानी के लिए जारी प्रक्रिया पर रोक लगा दी। इससे भारत की मेजबानी के लिए लगाई बोली पर फैसला आने में समय लग सकता है। कर्स्टी ने भावी मेजबान की पहचान के उचित समय का पता लगाने के लिए कार्य समूह (समिति) का गठन किया है।
आईओसी की पहली महिला और पहली अफ्रीकी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व ओलम्पिक चैम्पियन तैराक कर्स्टी ने कहा कि सदस्यों के बीच प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए आम सहमति है। लुसाने में अपनी पहली कार्यकारी बोर्ड की बैठक के बाद कर्स्टी ने कहा, 'आईओसी सदस्यों से भविष्य के मेजबान चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा करने और रोक लगाने के लिए भारी समर्थन मिला है और हम इस पर विचार करने के लिए एक कार्य समूह का गठन करेंगे। (ऐसा) दो मुख्य कारणों से हुआ है। सबसे पहले, सदस्य इस प्रक्रिया में अधिक से अधिक शामिल होना चाहते हैं और दूसरा, इस बात पर काफी चर्चा हुई कि अगला मेजबान कब चुना जाना चाहिए।'
कर्स्टी ने कहा कि कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों को लगा कि भविष्य के प्रस्तावों पर आगे बढ़ने से पहले पहले से तय किए गए भावी मेजबानों लॉस एंजिलिस (2028 ग्रीष्मकालीन खेल), ब्रिस्बेन (2032 ग्रीष्मकालीन खेल) और फ्रेंच आल्प्स (2030 शीतकालीन खेल) के अनुभव का अध्ययन किया जाना चाहिए। कर्स्टी ने आगे कहा, 'इसलिए इस बात पर बहुत चर्चा हुई कि भावी मेजबान का चुनाव करने का उचित समय कब है। और यह भी कि हमें भावी मेजबान का चयन कैसे करना चाहिए।'
हरि रंजन राव के नेतृत्व में अगले महीने लुसाने जाएगा प्रतिनिधमंडल
भारत ने पिछले साल अक्तूबर में 2036 खेलों की मेजबानी के लिए एक आशय पत्र दिया था। खेल सचिव हरि रंजन राव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के अगले महीने इस मुद्दे पर अनौपचारिक बातचीत के लिए लुसाने जाने की योजना है। कर्स्टी ने कहा कि यात्रा तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि सभी इच्छुक पक्ष इस रोक का हिस्सा बनें और इस पर विचार करें। मुझे अगले सप्ताह के अंत में आने वाले प्रतिनिधिमंडल के बारे में पता है जो जारी रहेगा।'