बिहार खेल प्रतिभा खोज पर खर्च करेगा 40 करोड़ रुपये

50 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को शामिल कराने का लक्ष्य

खेलपथ संवाद

पटना। अंशकालिक शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों को खून के आंसू रुलाने वाला बिहार का स्कूल शिक्षा विभाग 25 से 27 अप्रैल तक प्रदेश भर में खेल प्रतिभा खोज का स्वांग कर रहा है। इस स्वांग में राज्य के 37,588 सरकारी विद्यालयों के लगभग 58 लाख छात्र-छात्राएं शिरकत करेंगे तथा इसमें 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है।

शुक्रवार को प्रदेश के सभी शासकीय विद्यालयों में विश्व की सबसे बड़ी खेल प्रतिभा खोज योजना मशाल-2025 का शुभारम्भ किया गया। 25 से 27 अप्रैल तक चलने वाले वाली खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिताओं में पांच विधाएं एथलेटिक्स (थ्रो बॉल, लम्बी कूद, दौड़), साइकिलिंग, कबड्डी, फुटबॉल तथा वॉलीबॉल शामिल की गई हैं। ये प्रतियोगिताएं विद्यालय, संकुल, प्रखंड, जिला तथा राज्य स्तर पर होंगी।

प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली प्रतिभाओं को प्रशस्ति पत्र और मेडल के साथ ही प्रोत्साहन स्वरूप नकद राशि भी दी जाएगी। प्रखंड स्तर पर प्रथम आने वाली प्रतिभा को एक हजार रुपये, द्वितीय स्थान पर आने वाले को छह सौ रुपये तथा तृतीय स्थान पर रहने वाली प्रतिभा को चार सौ रुपए दिए जाएंगे। इसी तरह जिला स्तर पर प्रथम आने पर ढाई हजार रुपये, द्वितीय आने पर डेढ़ हजार रुपये तथा तृतीय स्थान पर रहने वाली प्रतिभा को एक हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किए जाएंगे।

राज्यस्तर पर प्रथम स्थान पर रहने वाली प्रतिभा को पांच हजार रुपये, द्वितीय स्थान पर तीन हजार रुपये तथा तृतीय स्थान पर रहने वाली प्रतिभा को दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सभी प्रतियोगिताएं दो श्रेणियों में होंगी। पहली श्रेणी में 14 वर्ष से कम तथा दूसरी श्रेणी में 16 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राएं शिरकत करेंगे।

यह खेल प्रतिभा खोज योजना मशाल 2025 राज्य के शिक्षा विभाग, खेल विभाग और बिहार खेल प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान से आयोजित की जा रही है। इसका थीम ‘खेलेगा बिहार तो खिलेगा बिहार’ है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मशाल 2025 का उद्देश्य विद्यालय स्तर से खेल संस्कृति का विकास करते हुए बच्चों में खेल प्रतिभा की पहचान करना तथा उसका सर्वांगीण विकास करने के साथ खेलों के लिए अवसर सृजन करना है। अब सवाल यह उठता है कि इन प्रतिभाओं का कौशल निखारने वाले आर्थिक तंगहाल अंशकालिक शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के लिए सरकार और शिक्षा विभाग के पास क्या योजना है।

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