लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित होंगे सचिन तेंदुलकर
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अपने वार्षिक समारोह में देगा अवॉर्ड
खेलपथ संवाद
मुम्बई। भारत के महान बल्लेबाज और पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) उन्हें अपने वार्षिक समारोह में सचिन को सम्मानित करेगा। अपने शानदार करियर के दौरान सचिन ने 664 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 48.52 की औसत से 34,357 रन बनाए।
सचिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। वह शतकों का शतक लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। टेस्ट क्रिकेट के अलावा सचिन ने वनडे फॉर्मेट में भी कई रिकॉर्ड बनाए हैं। वनडे में 44.83 के औसत, 49 शतक और 96 अर्धशतक के साथ 18,426 रन और टेस्ट में 53.78 के औसत, 51 शतक और 68 अर्धशतक के साथ 15,921 रन बनाए। उन्होंने अपने शानदार करियर में केवल एक टी20 अंतरराष्ट्रीय खेला है।
51 साल के सचिन ने कुल मिलाकर भारत के लिए 664 मैच खेले और 48.52 की औसत से 34,357 रन बनाए। इनमें 100 शतक और 164 अर्धशतक शामिल हैं। बोर्ड के एक सूत्र ने बताया, 'हां, उन्हें वर्ष 2024 के लिए सीके नायडू ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।' भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री और पूर्व दिग्गज विकेटकीपर फारुख इंजीनियर को यह पुरस्कार मिल चुका है।
अपने युग के महानतम बल्लेबाजों में शुमार
अपने युग के महानतम बल्लेबाज माने जाने वाले तेंदुलकर न केवल एक शानदार रन-स्कोरर रहे, बल्कि इस खेल के प्रतीक भी हैं। उन्होंने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ 16 साल की उम्र में टेस्ट में डेब्यू किया था। वह दो दशक तक टीम को अपनी सेवा देते रहे। वह 2011 में भारत की विश्व विजेता टीम का हिस्सा भी थे। यह उनका छठा और आखिरी वनडे विश्व कप रहा।
दुनिया भर के गेंदबाज सचिन से डरते थे
तेंदुलकर जब अपने खेल के अपने चरम पर थे तब उनकी बल्लेबाजी को देखने के लिए देश की एक बड़ी आबादी जैसे थम जाती थी। सचिन से दुनिया भर के गेंदबाज खौफ खाते थे। दिवंगत शेन वॉर्न से लेकर मुथैया मुरलीधरन तक ने सचिन की तारीफ की है और कहा है कि वह किसी भी समय मैच का रुख पलट सकते थे। कई गेंदबाजों का मानन है कि सचिन को गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल काम था। विपक्षी टीमें उनके लिए खास प्लान बनाती थीं। दुनिया भर के कई पूर्व दिग्गज गेंदबाज यह कह चुके हैं भारतीय बल्लेबाजों में उन्हें सिर्फ तेंदुलकर से परेशानी होती है।
कुल मिलाकर तेंदुलकर इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले 31वें खिलाड़ी हैं। इस अवॉर्ड को 1994 में भारत के पहले कप्तान कर्नल सीके नायडू के सम्मान में स्थापित किया गया था। नायडू ने प्रशासक के रूप में भी खेल की सेवा की थी। नायडू का 1916 से 1963 के बीच 47 साल लंबा प्रथम श्रेणी करियर रहा, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है।