क्या विराट कोहली के कारण खत्म हुआ युवराज सिंह का करियर?

पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने विराट कोहली को ठहराया जिम्मेदार
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने विराट कोहली की कप्तानी को परोक्ष रूप से युवराज सिंह का करियर जल्द खत्म कराने का दोषी ठहराया है। उथप्पा ने दावा करते हुए कहा कि कैंसर से उबरने के बाद युवराज ने फिटनेस से कुछ छूट की मांग की थी, लेकिन इसे तत्कालीन भारतीय कप्तान कोहली ने ठुकरा दिया था।
युवराज भारत के सीमित ओवरों के दिग्गज ऑलराउंडर रहे हैं और उन्होंने 2011 में वनडे विश्व कप में टीम को मिली खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई थी। वनडे विश्व कप 2011 की खिताबी जीत के बाद युवराज को कैंसर का पता चला जिसका उन्होंने अमेरिका में इलाज कराया था। युवराज ने कैंसर से उबरकर भारतीय टीम में वापसी की थी और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे मैच में शतक भी लगाया, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में लचर प्रदर्शन करने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया और फिर उन्होंने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
उथप्पा ने कहा, युवराज सिंह का उदाहरण लें। उस व्यक्ति ने कैंसर को हरा दिया और वह अंतरराष्ट्रीय टीम में वापस आने की कोशिश कर रहा था। उस व्यक्ति ने हमें दो बार विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। जब आप कप्तान बनते हैं तब ऐसे खिलाड़ी के लिए कहते हैं कि उसके फेफड़ों की क्षमता कम हो गई है, जबकि आपने उस खिलाड़ी को संघर्ष करते हुए देखा है। मुझे किसी ने इस बारे में नहीं बताया लेकिन मैं चीजों का आकलन करता हूं।
उथप्पा ने कहा, आपने उन्हें संघर्ष करते हुए देखा है, फिर जब आप कप्तान बनते हैं तो फिर आप कुछ मानक तय करके उनका स्तर बनाए रखना चाहते हैं। लेकिन हर मामले में कुछ अपवाद होते हैं और यहां उस व्यक्ति की बात हो रही है जो अपवाद होने का हकदार था। उस व्यक्ति ने केवल आपके लिए टूर्नामेंट जीते हैं बल्कि कैंसर को भी हराया है। जब युवी ने दो अंक की कटौती के लिए अनुरोध किया, तो उन्हें यह नहीं मिला। वह फिटनेस टेस्ट पास करके टीम में आए थे लेकिन एक टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया और फिर उनकी तरफ कभी गौर नहीं किया गया। विराट तब कप्तान थे जो कुछ हुआ उनके अनुसार हुआ।
कोहली की कप्तानी पर क्या बोले उथप्पा?
उथप्पा ने कोहली की कप्तानी के बारे में कहा, मैं विराट की कप्तानी में बहुत अधिक नहीं खेला हूं लेकिन एक कप्तान के रूप में वह चाहते थे कि सब कुछ उनकी मर्जी के अनुसार हो और वह इसी तरह के कप्तान थे। यह केवल परिणाम से नहीं जुड़ा है बल्कि यह अपनी टीम और साथियों के साथ व्यवहार से भी जुड़ा है।