जसप्रीत बुमराह महान तेज गेंदबाज के तौर पर करियर खत्म करेंगे
ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने दिया बड़ा बयान
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल का कहना है कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अपना करियर दुनिया के महानतम तेज गेंदबाज के तौर पर खत्म करेंगे। मैक्सवेल बुमराह से काफी प्रभावित हैं और उनका कहना है कि इस तेज गेंदबाज का सामना करना आसान नहीं होता है। बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन किया था और कुल आठ विकेट झटके थे।
मैक्सवेल ने नियमित कप्तान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में टीम की कमान संभालने वाले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की जमकर तारीफ की। भारत को ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ी जीत हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बुमराह को उनके प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। मैक्सवेल ने कहा, भारत के पास बुमराह और यशस्वी जायसवाल के रूप में दो अद्भुत प्रतिभाएं हैं। मैंने पहले भी कहा था कि बुमराह संभावित रूप से सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज के रूप में जाने जाएंगे।
बुमराह ने टेस्ट में शीर्ष गेंदबाज के तौर पर की वापसी
पर्थ टेस्ट में शानदार प्रदर्शन के कारण बुमराह ने बुधवार को जारी आईसीसी की ताजा टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर दोबारा जगह बनाई थी। बुमराह ने दक्षिण अफ्रीका के कैगिसो रबाडा को पीछे छोड़ा और एक कैलेंडर वर्ष में दूसरी बार टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंच गए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच के शुरू होने से पूर्व बुमराह गेंदबाजों की रैंकिंग में रबाडा और जोश हेजलवुड के बाद तीसरे स्थान पर थे। पहले टेस्ट मैच में दमदार प्रदर्शन का फायदा बुमराह को मिला और वह एक बार फिर शीर्ष पर पहुंच गए।
मैक्सवेल ने यशस्वी की भी सराहना की और भविष्यवाणी करते हुए कहा कि यशस्वी अपने करियर में 40 शतक लगा सकते हैं और करियर के दौरान कई रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। मैक्सवेल ने कहा, यशस्वी ऐसा खिलाड़ी है जो संभवत: 40 से अधिक टेस्ट शतक लगाएगा और कुछ अलग रिकॉर्ड बनाएगा। उसके पास विभिन्न परिस्थितियों से सामंजस्य से बिठाने की अद्भुत क्षमता है। उसने कई तरह के शॉट खेले लेकिन बीच में उसने जिस तरह से गेंदें छोड़ी और जिस तरह से वह बैक फुट पर जाकर खेला वह महत्वपूर्ण था। उसका फुटवर्क बहुत अच्छा है। ऐसा नहीं लगता है कि उसमें कोई खास कमजोरी है। वह शॉर्ट पिच गेंद को अच्छी तरह से खेलता है, अच्छी ड्राइव करता है, स्पिन को अविश्वसनीय रूप से अच्छी तरह से खेलता है और दबाव झेल सकता है।
यशस्वी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 161 रन बनाए थे जिससे भारत ने यह मैच 295 रन से जीत कर पांच मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई। यशस्वी ने अभी तक 15 टेस्ट मैच में 58.07 की शानदार औसत से 1568 रन बनाए हैं जिसमें चार शतक शामिल हैं। पर्थ में पहली पारी में वह खाता नहीं खोल पाए थे लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने शानदार वापसी की जिससे उनके बल्लेबाजी कौशल का पता चलता है।