36 साल बाद न्यूजीलैंड से अपनी सरजमीं पर हारा भारत

भारत का पहली पारी में 46 रन पर आउट होना बना वजह
खेलपथ संवाद
बेंगलूरु।
भारतीय क्रिकेट टीम और न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बीच खेले गए पहले टेस्ट में कीवी टीम को 8 विकेट से जीत मिली है। इसी के साथ तीन मैचों की सीरीज में उसने 1-0 की बढ़त बना ली है। भारतीय सरजमीं पर साल 1988 के बाद न्यूजीलैंड की यह पहली टेस्ट जीत है। 36 साल पहले वानखेड़े स्टेडियम में न्यूजीलैंड को 136 रन से जीत मिली थी।
पहले दिन बारिश के कारण एक भी गेंद का खेल नहीं हो पाया। दूसरे दिन भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उनका यह फैसला गलत साबित हुआ और पूरी टीम 46 रन पर ऑलआउट हो गई। मैट हेनरी ने 5 विकेट झटके। जवाब में न्यूजीलैंड ने 402 रन बना दिए। भारतीय टीम की दूसरी पारी 462 रन पर समाप्त हुई। न्यूजीलैंड को 107 रन का लक्ष्य मिला, जिसे उन्होंने दो विकेट खोकर प्राप्त कर लिया।
46 रन से पहले भारतीय टीम का घरेलू सरजमीं पर सबसे छोटा स्कोर 75 रन था। साल 1987 में भारतीय टीम वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ 75 रन पर ऑलआउट हो गई थी। वह मुकाबला दिल्ली में खेला गया था। इसके अलावा साल 2007/8 में भारत दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के खिलाफ 76 रन पर ऑलआउट हुई थी। वह मुकाबला अहमदाबाद में हुआ था। पहली बार भारतीय टीम अपनी घरेलू सरजमीं पर 50 से कम स्कोर पर ऑलआउट हुई है।
हेनरी ने सरफराज खान (0) को आउट करके विकेटों का खाता खोला था। इसके बाद उन्होंने रविंद्र जडेजा (0) और रविचंद्रन अश्विन (0) के विकेट लगातार गेंदों पर हासिल किए। आखिर में उन्होंने ऋषभ पंत (20) और कुलदीप यादव (2) को अपना शिकार बनाया। उन्होंने 13.2 ओवर में 15 रन देते हुए 5 सफलताएं हासिल की। उनके अलावा विलियम ओरुके ने 4 और टिम साउथी ने 1 विकेट चटकाए। इस मैच में हेनरी ने अपने 100 विकेट भी पूरे किए।
कॉनवे ने न्यूजीलैंड की पहली पारी में 105 गेंदों का सामना किया और 91 रन बनाए। उनके बल्ले से 11 चौके और 3 छक्के निकले। यह भारत के खिलाफ उनके टेस्ट करियर का सबसे बड़ा स्कोर है। टेस्ट क्रिकेट में उनका यह 10वां अर्धशतक है। रचिन रविंद्र ने कीवी टीम की पहली पारी में 157 गेंदों पर 13 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 134 रन बनाए। वह साल 2012 के बाद भारतीय सरजमीं पर शतक लगाने वाले पहले कीवी बल्लेबाज बने हैं। उनसे पहले 12 साल पहले रॉस टेलर ने भारतीय टीम के खिलाफ उनके घरेलू सरजमीं पर शतक लगाया था। वह मुकाबला भी बेंगलुरु में ही खेला गया था। यह एशिया महाद्वीप पर रविंद्र का पहला टेस्ट शतक भी है।
कोहली ने पूरे किए 9,000 टेस्ट रन 
विराट कोहली ने कीवी टीम के विरुद्ध दूसरी पारी में 53वां रन बनाते ही अपने 9,000 रन पूरे कर लिए। भारत की ओर से 9,000 टेस्ट रन बनाने वाले वह सिर्फ चौथे बल्लेबाज हैं। भारतीय बल्लेबाजों में उनसे पहले सचिन तेंदुलकर (15,921), राहुल द्रविड़ (13,265) और सुनील गावस्कर (10,122) ये आंकड़ा छू चुके हैं। विश्व के सक्रिय खिलाड़ियों में कोहली से ज्यादा रन सिर्फ इंग्लैंड के जो रूट (12,716) और ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ (9,685) ने बनाए हुए हैं।
एक दिन में 450 से ज्यादा रन 
पहले टेस्ट के तीसरे दिन एक बड़ा रिकॉर्ड बना। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ दूसरा मौका था, जब भारतीय सरजमीं पर एक दिन में 450 से ज्यादा रन बने। दोनों टीमों ने मिलकर 453 रन बनाए। तीसरे दिन न्यूजीलैंड ने 402 रन बना दिए। इसके बाद भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में 231 रन बनाए। पूरे दिन में 453 रन बने। भारतीय सरजमीं पर एक दिन में सबसे ज्यादा 470 रन साल 2009 में बने थे।
सरफराज ने जड़ा पहला टेस्ट शतक 
भारतीय टीम की दूसरी पारी में सरफराज ने 195 गेंदों का सामना किया और 150 रन बनाए। उनके बल्ले से 18 चौके और 3 छक्के निकले। उन्होंने 110 गेंदों का सामना कर शतक पूरा किया।
यह उनके टेस्ट करियर का पहला शतक है। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 4 टेस्ट खेले हैं और इसकी 7 पारियों में 1 बार नाबाद रहते हुए 58.33 की औसत से 350 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से 1 शतक और 3 अर्धशतक निकले हैं।
पंत पहली बार 99 रन पर आउट हुए
पंत ने दूसरी पारी में 105 गेंदों का सामना किया और 99 रन बनाए। उनके बल्ले से 9 चौके और 5 छक्के निकले। वह अपने 7वें टेस्ट शतक से सिर्फ 1 रन दूर थे, तभी विलियम ओ'रूर्के की गेंद पर क्लीन बोल्ड हुए। पंत टेस्ट में 99 रन पर आउट होने वाले महेंद्र सिंह धोनी के बाद दूसरे भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ पंत का यह सर्वश्रेष्ठ टेस्ट स्कोर भी है।
धोनी का यह बड़ा रिकॉर्ड पंत ने तोड़ा 
पंत ने 36वें टेस्ट की 62वीं पारी में अपने 2,500 टेस्ट रन पूरे किए। वह सबसे तेज यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज बने हैं। उन्होंने इस मामले में धोनी को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने 69 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी। सूची में फारुख इंजीनियर तीसरे पायदान पर हैं, जिन्होंने 82 पारियों में यह कारनामा किया था। दूसरी पारी में 48वां रन बनाते ही उनके टेस्ट क्रिकेट में 2,500 रन पूरे हो गए।
मैच में बने कुछ अन्य रिकॉर्ड्स 
भारतीय टीम ने 462 रन 99.3 ओवर में बनाए। टीम का रन रेट 4.64 का रहा। ये 450 से ज्यादा रन बनाते हुए टीम का सर्वाधिक रन रेट है। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहला मौका है जब भारतीय टीम अपनी घरेलू सरजमीं पर 450 से ज्यादा रन बनाने के बाद हार गई है। पिछला रिकॉर्ड 449 रन का था। पंत टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 7 बार नर्वस 90 के शिकार होने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं।

 

रिलेटेड पोस्ट्स