द्रोणा देसाई ने 498 रन की पारी खेल बटोरी सुर्खियां

18 साल के द्रोणा ने रिकॉर्ड बुक में दर्ज कराया नाम
खेलपथ संवाद
गांधीनगर।
गुजरात के गांधीनगर में मंगलवार को दीवान बल्लूभाई कप अंडर-19 टूर्नामेंट के दौरान 18 साल के द्रोणा देसाई ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया। 18 साल की उम्र में देसाई ने शिवाय क्रिकेट ग्राउंड में जेएल इंग्लिश स्कूल के खिलाफ अपने स्कूल सेंट जेवियर्स (लोयोला) के लिए मैराथन 498 रन बनाए। देसाई ने 320 गेंदों पर 498 रन की पारी खेली। इनमें सात छक्के और 86 चौके शामिल थे।
इस पारी के साथ सेंट जेवियर्स ने जेएल इंग्लिश स्कूल पर 712 रन की जीत अर्जित की। द्रोणा की टीम 10 खिलाड़ियों के साथ यह मैच खेल रही थी, क्योंकि उनका एक खिलाड़ी देर से मैदान में पहुंचा था। 498 रनों की अपनी पारी के साथ देसाई ने एक खास क्लब में जगह बनाई। वह भारतीय क्रिकेट इतिहास में लम्बे स्कोर बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए। उनसे पहले सिर्फ पांच बल्लेबाजों ने ऐसा किया है। इनमें मुंबई के प्रणव धनवाड़े (नाबाद 1009), पृथ्वी शॉ (546), डॉ. हवेवाला (515), चमनलाल (नाबाद 506) और अरमान जाफर (498) शामिल हैं। इन पांचों ने ही एक पारी में 498 या उससे अधिक रन बनाए थे।
मैच के बाद द्रोणा ने कहा, 'मुझे नहीं पता था कि मैं 500 रन के इतने करीब पहुंच गया हूं। कोई स्कोरबोर्ड नहीं था और मेरी टीम ने मुझे जानकारी नहीं दी। मैं अपना स्ट्रोक खेलता रहा और आउट हो गया, लेकिन मैं इतने रन बनाकर खुश हूं।' 18 साल के द्रोणा ने अपने करियर के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने सात साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर को बल्लेबाजी करते हुए देखने के बाद इस खेल को अपनाया। हालांकि, इसका श्रेय उनके पिता को जाता है, जिन्होंने उनकी प्रतिभा की पहचान की और उन्हें एक प्रसिद्ध कोच जयप्रकाश पटेल की देखरेख में कोचिंग प्राप्त करने में मदद की। जयप्रकाश ने इस क्षेत्र में 40 से अधिक क्रिकेटरों को शिक्षा दी है।
द्रोणा ने कहा, 'मैंने सात साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया और मेरे पिता ने मुझ पर कड़ी मेहनत की। उन्हें लगा कि मुझमें एक अच्छा क्रिकेटर बनने की क्षमता है। वह मुझे जेपी सर (जयप्रकाश पटेल) के पास ले गए, जिन्होंने 40 से ज्यादा क्रिकेटरों को कोचिंग दी थी। ऐसी स्थिति बनी कि मैं क्लास आठ से 12 तक मैं सिर्फ परीक्षा देने के लिए स्कूल गया। मैंने क्रिकेट खेलना जारी रखा और उम्मीद कर रहा हूं कि एक दिन बड़ा खिताब हासिल करूंगा।' द्रोणा अंडर-14 स्तर पर भी गुजरात का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हालांकि, हाल फिलहाल में उनके प्रदर्शन ने अंडर-19 टीम में उनकी दावेदारी मजबूत कर दी है।

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