विनेश खेल अदालत के फैसले को चुनौती नहीं देना चाहती थीं

काफी दिनों बाद वकील हरीश साल्वे का आया बयान
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
वकील हरीश साल्वे ने खुलासा किया है कि विनेश फोगाट पेरिस ओलम्पिक 2024 में संयुक्त रजत पदक देने की उनकी अपील के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती नहीं देना चाहती थीं। विनेश को महिला फ्रीस्टाइल 50 किलोग्राम कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से अयोग्य घोषित कर दिया गया था क्योंकि उन्हें फाइनल के दिन निर्धारित वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक भारी पाया गया था। 
विनेश फोगाट न सिर्फ फाइनल से बल्कि पदक की दौड़ से भी पूरी तरह से बाहर हो गईं और अंतिम स्थान पर धकेल दी गईं। फैसले से व्यथित फोगाट ने इसके खिलाफ खेल पंचाट में अपील दायर की और बाद में अदालत में हरीश साल्वे ने उनका प्रतिनिधित्व किया जो भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) की ओर से उनका मामला लड़ रहे थे। हालांकि, एक हफ्ते तक चली सुनवाई के बाद भी विनेश का फैसला उनके पक्ष में नहीं आया और उन्हें पेरिस से खाली हाथ लौटना पड़ा। हाल ही में विनेश ने भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) अध्यक्ष पीटी ऊषा पर निशाना साधा था और आईओए से समर्थन न मिलने का आरोप लगाया था। उन्होंने वकीलों को लेकर भी निराशा व्यक्त की थी। उनका मानना था कि इसी वजह से उनका पदक छिन गया।
उनके आरोपों का जवाब देते हुए साल्वे मामले की कार्यवाही का खुलासा करने के लिए सार्वजनिक रूप से सामने आए और विनेश के वकीलों से समन्वय की कमी का आरोप लगाया। साल्वे ने टाइम्स नाउ को बताया, 'शुरुआत में कुछ समय तक समन्वय का पूरी तरह अभाव रहा। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय ओलम्पिक संघ द्वारा नियुक्त की गई बहुत अच्छी कानूनी फर्म को विनेश द्वारा नियुक्त किए गए कुछ वकीलों ने कहा था कि 'हम आपके साथ कुछ भी साझा नहीं करेंगे, हम आपको कुछ भी जानकारी नहीं देंगे। हमें सब कुछ मिल गया।
साल्वे ने बताया कि उन्होंने केस को कड़ी मेहनत से लड़ा और यह भी खुलासा किया कि उन्होंने विनेश को स्विस कोर्ट में खेल पंचाट के फैसले के खिलाफ अपील करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, वह इसे आगे ले जाने के लिए इच्छुक नहीं थीं। उन्होंने कहा, 'बाद में हमें सारी जानकारी मिली और हमने कड़ा संघर्ष किया। मैंने विनेश को भी पेशकश की कि शायद हम इसे स्विस कोर्ट ऑफ अपील में चुनौती दे सकते हैं, लेकिन मुझे उनके वकीलों द्वारा बताया गया था कि वह इसे आगे नहीं ले जाना चाहती थीं।' खेलों से अयोग्य होने के एक दिन बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने के बाद पिछले हफ्ते राजनीति में कदम रखा।
हाल ही में विनेश ने एएए मीडिया के साथ एक इंटरव्यू में कहा था, 'मुझे नहीं पता कि मुझे वहां क्या समर्थन मिला। पीटी ऊषा मैडम ने अस्पताल में मुझसे मुलाकात की। एक फोटो क्लिक की गई थी, जैसा कि आपने कहा, राजनीति में बंद दरवाजों के पीछे बहुत कुछ होता है। इसी तरह वहां (पेरिस में) भी राजनीति हुई। इसलिए मेरा दिल टूट गया था। वरना काफी लोग कह रहे हैं कि कुश्ती मत छोड़ो। मुझे क्यों इसे जारी रखना चाहिए! हर जगह राजनीति है।'
विनेश ने कहा, 'आप अस्पताल के बिस्तर पर हैं, जहां आपको नहीं पता होता कि बाहर क्या हो रहा है। आप अपने जीवन के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उस जगह पर बस सभी को दिखाने के लिए कि आप मेरे साथ खड़े हैं, आप बिना बताए फोटो खींचते हो, फिर सोशल मीडिया पे दाल के बोल रहे हो हम साथ में खड़े हैं। आप इस तरह समर्थन नहीं दिखाते हैं। उनका पोज फोटो खिंचवाने से ज्यादा क्या था!'
विनेश ने कहा, 'मैंने अपना मामला खुद दायर किया। हरीश साल्वे सर अगले दिन शामिल हुए। पेरिस में मौजूद वकीलों ने मेरी ओर से यह मामला दायर किया। यह भारत सरकार से नहीं किया गया था, उन्होंने तीसरे पक्ष के रूप में कार्य किया। मैं वहां भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए वहां गई थी, इसलिए इसे दाखिल करना उनका कर्तव्य था।'

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