दिलीप वेंगसरकर ने सचिन को लेकर कही बड़ी बात

मैं समझ गया था कि उसका भविष्य उज्ज्वल है
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने अतीत की यादों को ताजा करते हुए कहा कि स्पिनरों की मददगार पिच पर अरशद अयूब और वेंकटपति राजू जैसे काबिल गेंदबाजों के खिलाफ सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी को देखकर वह उनके उज्ज्वल भविष्य को लेकर आश्वस्त हो गए थे। वेंगसरकर ने हैदराबाद के खिलाफ सचिन के साथ की गई लम्बी साझेदारी को याद किया। मालूम हो कि सचिन के नाम सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है और वह दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाए हैं। 
भारत और मुंबई के लिए तेंदुलकर के साथ खेलने वाले वेंगसरकर ने हैदराबाद के खिलाफ अपने जूनियर साथी के साथ की गई लम्बी साझेदारी को याद करते हुए कहा, मुझे याद है, हम हैदराबाद के खिलाफ स्पिनरों की मददगार पिच पर खेल रहे थे। अरशद अयूब और वेंकटपति राजू गेंदबाजी कर रहे थे। वे बहुत अच्छे गेंदबाज थे। उनके खिलाफ मेरी और सचिन की साझेदारी लम्बी रही थी।
वेंगसरकर ने एक पुस्तक के विमोचन के दौरान कहा कि इस साझेदारी ने उन्हें तेंदुलकर के भविष्य की झलक दिखा दी थी। उन्होंने कहा, 'वह स्पिनरों की मददगार पिच पर बहुत अच्छा खेल रहा था। मैं समझ गया था कि वह पूरी दुनिया में अच्छा करेगा और वही हुआ।' वेंगसरकर ने इस मौके पर मुंबई और हरियाणा के बीच 1991 में खेले गए रणजी ट्रॉफी के यादगार फाइनल मैच को याद किया। 
कपिल देव की अगुआई वाली हरियाणा ने इस मैच में मुंबई को दो रन से हराया था। इस मैच में वेंगसरकर ने 139, जबकि तेंदुलकर ने 96 रन का योगदान दिया था। वेंगसरकर ने कहा,  हरियाणा के खिलाफ हमने 1991 में रणजी ट्रॉफी फाइनल खेला था। जीत के लिए 355 रन का पीछा करते हुए हमने 22 (वास्तविक स्कोर 34 रन) रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे। उस पारी में उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी की वह शानदार थी। अगर वह कुछ ओवर और रुकते तो हम मैच जीत सकते थे।

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