जापान की सुसाकी 82 मैचों बाद विनेश से हारी
पूरे करियर में कभी नहीं हारी थी जापानी पहलवान
खेलपथ संवाद
पेरिस। ओलम्पिक खेलों में विनेश फोगाट ने जापानी अपराजेय पहलवान सुसाकी को हराकर जहां अपने दमखम का परिचय दिया वहीं यह साबित किया कि वह अब दुनिया में किसी भी पहलवान से मुकाबला करने को तैयार हैं। सुसाकी की जहां तक बात है वह अपने कुश्ती करियर में 82 मुकाबलों में अजेय रही उसके विजयी रथ को भारत की पहलवान बेटी ने रोक दिया।
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलम्पिक के महिला 50 किलोग्राम कुश्ती के सेमीफाइनल मैच में क्यूबा की लोपेज गुजमान को 5-0 से हराकर फाइनल में जगह पक्की कर ली है। उनका सात अगस्त को होने वाले फाइनल में सामना अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट से होगा। इसी के साथ विनेश ने पदक भी पक्का कर लिया है। विनेश की शुरुआत ही इस ओलम्पिक में शानदार रही थी। उनका पहला मैच ही एक ऐसी पहलवान (सुसाकी) से था जो इस मैच से पहले तक अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कभी हारी ही नहीं थीं।
सुसाकी के 82-0 की जीत के सिलसिले को विनेश ने रोक दिया। इसके बाद विनेश ने लगातार दो और मैच जीते और फाइनल में पहुंचकर पदक पक्का किया। यह इस ओलम्पिक में पहली बार है जब भारत कांस्य पदक के ऊपर कोई पदक ला रहा है। इससे पहले मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा, मनु ने सरबजोत के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा और स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किए थे।
पहले ही मैच में चार बार की विश्व चैम्पियन को हराया
दरअसल, विनेश ने अपने पहले मैच यानी प्री क्वार्टर फाइनल में चार बार की विश्व चैम्पियन और टोक्यो ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीती सुसाकी को हराकर इन खेलों के सबसे बड़े उलटफेरों में से एक किया। जापान की पहलवान के लिए अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में यह पहली हार रही, जिससे विनेश की यह सफलता और भी खास हो गई। विनेश के खिलाफ मुकाबले में आखरी 15 सेकेंड से पहले सुसाकी के पास 2-0 की बढ़त थी। अपना तीसरा ओलम्पिक खेल रहीं विनेश ने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल कर आखिरी 15 सेकेंड में जापान की चैम्पियन पहलवान को टेकडाउन कर दो अंक हासिल करने में सफल रहीं।
जापान की टीम ने इसके खिलाफ अपील भी की, लेकिन रेफरी ने वीडियो रिप्ले देखने के बाद उसे खारिज कर दिया जिससे विनेश को एक और अंक मिला और उन्होंने 3-2 से जीत हासिल कर ली। इस 29 साल की पहलवान ने पिछले साल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने के बाद उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए काफी समय मैट से दूर बिताया था। विनेश पहली बार 50 किलोग्राम में चुनौती पेश कर रही हैं। इससे पहले वह 53 किलोग्राम में खेलती थीं।
विनेश ने शुरुआती एक मिनट तक सुसाकी को पकड़ बनाने का कोई मौका नहीं दिया। हालांकि, सुसाकी दूसरे मिनट में बढ़त बनाने में सफल रही। विनेश ने सुसाकी की आक्रमण का अपनी मजबूत डिफेंस से शानदार जवाब दिया। दूसरे राउंड में भी सुसाकी विनेश की रक्षण को भेदने में सफल नहीं रही, लेकिन उन्होंने एक अंक हासिल कर 2-0 की बढ़त बना ली। विनेश ने अपना सर्वश्रेष्ठ आखिरी कुछ सेकेंडों के लिए बचा रखा था और उनके अचानक से अपनाए गए आक्रामक रवैये ने जापान की पहलवान को संभलने का मौका नहीं दिया।
दूसरे मैच में ओकसाना लिवाच को हराया
इसके बाद विनेश ने क्वार्टर फाइनल मैच में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच को हराकर अंतिम चार में जगह पक्की की। उन्होंने ने आठवीं वरीयता प्राप्त यूक्रेन की पहलवान को 7-5 से शिकस्त दी। ओकसाना के खिलाफ पहले राउंड में 2-0 की बढ़त बनाने के बाद विनेश ने दूसरे राउंड की शुरुआत में अपनी बढ़त 4-0 की कर ली। ओकसाना ने भी अंक हासिल कर मैच में वापसी करने की कोशिश की और उन्होंने विनेश की बढ़त को दो अंकों (5-3) तक सीमित कर दिया।
विनेश पर इस समय थकान हावी हो रही थी और उन्होंने अपने कोच से चैलेंज लेने के लिए कहा। वीडियो रेफरी ने देखने के बाद इसे खारिज कर दिया और विनेश को एक और अंक का खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्हें हालांकि इस दौरान खुद को तरोताजा करने के लिए कुछ सेकेंड मिल गए। विनेश ने यूक्रेन की पहलवान को बाहर धकेल कर दो अंक हासिल कर अपनी बढ़त को 7-4 कर लिया। ओकसाना इसके बाद एक अंक हासिल करने में सफल रही, लेकिन यह विनेश को रोकने के लिए काफी नहीं था।
तीसरे मैच में क्यूबा की पहलवान को हराया
विनेश फोगाट ने तीसरा मैच जीतने के साथ ही इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान बन गईं। उन्होंने महिलाओं की 50 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में क्यूबा की लोपेज गुजमान को 5-0 से हरा दिया। पहले राउंड तक विनेश 1-0 से आगे थीं। फिर आखिरी तीन मिनट में उन्होंने क्यूबा की पहलवान पर डबल लेग अटैक किया और चार पॉइंट अर्जित किए। इस बढ़त को वह अंत तक बनाए रखी और फाइनल में जगह बनाई।
विनेश ने कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया और वह बुधवार यानी सात अगस्त को स्वर्ण पदक के लिए उतरेंगी। विनेश से पहले केवल दो पुरुष पहलवान ही ओलंपिक में फाइनल तक पहुंच पाए हैं। 2012 लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार और 2020 टोक्यो ओलंपिक में रवि दहिया फाइनल तक पहुंचे थे, लेकिन आखिरी मुकाबला दोनों हार गए थे। विनेश कुश्ती में पहला ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाली भारतीय बनने की कोशिश करेंगी।