भारतीय पहलवानों पेरिस ओलम्पिक में लहरा दो तिरंगा
कुश्ती में पदक का सिलसिला जारी रखने पहलवान लगाएंगे दांव
खेलपथ संवाद
पेरिस। पेरिस ओलम्पिक के दसवें दिन सोमवार से कुश्ती प्रतियोगिता शुरू होने जा रही है। भारत को कुश्ती में पिछले कुछ ओलम्पिक से लगातार पदक मिलता आया है और पहलवानों को अगर यह सिलसिला जारी रखना है तो विनेश फोगाट सहित सभी छह पहलवानों का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। भारत ने बीजिंग ओलम्पिक 2008 से लेकर प्रत्येक ओलम्पिक खेल में कुश्ती में पदक जरूर जीता है। ऐसे में सभी की निगाहें अनुभवी पहलवान विनेश पर टिकी रहेंगी जिनका पिछला कुछ समय उथल-पुथल में बीता है।
विनेश ने विश्व चैम्पियनशिप में दो, राष्ट्रमंडल खेलों में तीन और एशियाई चैम्पियनशिप में आठ पदक जीते हैं लेकिन वह अभी तक ओलम्पिक पदक नहीं जीत सकी हैं। महिला पहलवान विनेश पदक लाने की प्रबल दावेदार हैं, लेकिन ओलम्पिक से पहले विनेश को अभ्यास का पर्याप्त मौका नहीं मिला। वह भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर धरना प्रदर्शन करने वाली प्रमुख खिलाड़ियों में शामिल रही। विनेश की चुनौतियां यहीं पर समाप्त नहीं हुई। वह विश्व चैम्पियनशिप में भाग नहीं ले सकीं। अंतिम पंघाल ने उनके वजन वर्ग 53 किलोग्राम में कोटा हासिल कर दिया। इस कारण विनेश को 50 किलोग्राम वजन वर्ग में अपनी चुनौती पेश करनी पड़ रही है। वह गैर वरीयता प्राप्त है जिसका मतलब है कि उनका सफर आसान नहीं होगा।
विनेश के इस वजन वर्ग में कई दिग्गज पहलवान शामिल हैं जिनमें चार बार की विश्व चैंपियन युई सुसाकी, चार बार की ओलंपिक पदक विजेता मारिया स्टैडनिक, टोक्यो खेलों की कांस्य विजेता सारा हिल्डेब्रांट और दो बार की विश्व पदक विजेता डोलगोरजाविन ओटगोंजरगल प्रमुख हैं। अंशु मलिक (महिला 57 किग्रा) और अमन सहरावत (पुरुषों का 57 किग्रा) भी पदक के दावेदारों में शामिल हैं। अंशु की फिटनेस को लेकर हालांकि संदेह बना हुआ है क्योंकि अभ्यास के दौरान उनकी गर्दन में ऐंठन आ गई थी।
अनुकूल नहीं अंतिम की तैयारी
अंतिम पंघाल की तैयारी भी अनुकूल नहीं रही हैं। उन्हें पिछले साल एशियाई खेलों के बाद प्रतियोगिताओं में किसी तरह की कड़ी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा है। पीठ की चोट के कारण वह इस साल मार्च में एशियाई चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाई थीं। भारत पहली बार महिलाओं के 76 किग्रा हैवीवेट वर्ग में चुनौती पेश करेगा जिसमें रीतिका दांव लगाएगी। उन्हें पदक का दावेदार नहीं माना जा रहा है लेकिन वह छुपा रुस्तम साबित हो सकती है और अपने प्रदर्शन से लोगों को चौंका सकती है। ओलंपिक में चुनौती पेश कर रहीं भारत की एक अन्य पहलवान निशा दहिया के पास बहुत कम अनुभव है। वह महिलाओं के 68 किग्रा भार वर्ग में अपनी चुनौती पेश करेंगी।