सेमीफाइनल में ओलम्पिक चैम्पियन एक्सेलसन से होगा लक्ष्य का सामना
लक्ष्य को डेनमार्क के खिलाड़ी से सात बार हार का सामना करना पड़ा
खेलपथ संवाद
पेरिस। भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने शुक्रवार को पेरिस ओलम्पिक के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था। लक्ष्य का पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में पहुंचने के लिए मौजूदा ओलम्पिक चैम्पियन विक्टर एक्सेलसन की चुनौती से पार पाना होगा। लक्ष्य को अगर अपने पदक स्वर्ण पदक की उम्मीदों को बरकरार रखना है तो उन्हें एक्सेलसन के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
पहली बार ओलम्पिक में खेल रहे सेन ने शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल मैच में चीनी ताइपे के चाउ टीएन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से हराकर भारतीय बैडमिंटन में नया इतिहास रचा था। वह ओलम्पिक खेलों के व्यक्तिगत पुरुष एकल के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। लक्ष्य का अब सामना उस एक्सेलसन से है जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अपने प्रतिद्वंदियों को कोई मौका नहीं दिया है। डेनमार्क के ओडेंस के रहने वाले इस 30 वर्षीय खिलाड़ी ने टोक्यो ओलम्पिक में स्वर्ण पदक और रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता था। वह 2017 और 2022 में विश्व चैम्पियन रहे। उनके नाम पर 2016 में थॉमस कप की जीत शामिल है। इसके अलावा उन्होंने कई बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर और सुपर सीरीज खिताब जीते हैं। यही नहीं वह दिसंबर 2021 से जून 2024 तक विश्व के नम्बर एक खिलाड़ी भी रहे हैं।
लक्ष्य और एक्सेलसन के बीच कैसा है रिकॉर्ड?
विश्व चैंपियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य को डेनमार्क के खिलाड़ी से अभी तक सात बार हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने एक्सेलसन को केवल एक बार 2022 में जर्मन ओपन में हराया था। भारत के 22 वर्षीय खिलाड़ी ने हालांकि अपने से अधिक रैंकिंग के खिलाड़ियों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है। पेरिस ओलम्पिक खेलों में ही उन्होंने ग्रुप चरण में दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी जोनाथन क्रिस्टी और क्वार्टर फाइनल में विश्व के 11वें नंबर के खिलाड़ी चाउ को हराकर अपने कौशल का शानदार नमूना पेश किया। एक्सेलसन ने इस सत्र में केवल एक खिताब मलेशिया मास्टर्स के रूप में जीता है। जून के शुरू में सिंगापुर ओपन के दौरान उनके टखने में चोट लग गई थी जिसके कारण उन्हें इंडोनेशिया ओपन से हटना पड़ा था। दूसरी तरफ लक्ष्य अभी अपने करियर में सबसे फिट नजर आ रहे हैं। उनका रक्षण शानदार है क्योंकि उन्होंने कोर्ट को अच्छी तरह से कवर किया है।
एक्सेलसन को प्री-क्वार्टर फाइनल में बाई मिली थी। क्वार्टर फ़ाइनल में उन्होंने सिंगापुर के पूर्व विश्व चैम्पियन लोह कीन यू को हराया। डेनमार्क का यह खिलाड़ी अपने तीखे स्मैश के लिए जाना जाता है और लक्ष्य को धैर्य से उनका सामना करना होगा। लक्ष्य के पास ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीतने का यह बेहतरीन मौका है। अगर वह एक्सेलसन से पार पाने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें फिर कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करनी होगी।