वनडे विश्व कप की हार के बाद राहुल द्रविड़ छोड़ना चाहते थे कोच पद

कप्तान रोहित शर्मा के एक फोन कॉल से उन्होंने अपना फैसला बदला
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टी20 विश्व कप 2024 जीतने के साथ ही भारत के चार दिग्गजों ने टीम का साथ छोड़ दिया। जहां विराट कोहली, रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा ने टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले लिया, वहीं राहुल द्रविड़ का बतौर कोच कार्यकाल भी समाप्त हो गया। अब द्रविड़ ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वह 19 नवम्बर 2023 को वनडे विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद ही पद छोड़ने वाले थे, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा के एक फोन कॉल से उन्होंने अपने फैसले पर पुनर्विचार किया और टी20 विश्व कप तक काम करने को तैयार हुए। अब द्रविड़ ने रोहित को थैंक यू कहा है।
राहुल द्रविड़ ने बताया कि अगर उन्हें भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का फोन नहीं आया होता और उन्होंने वनडे विश्व कप फाइनल में हार के बाद पद पर बने रहने का अनुरोध नहीं किया होता, तो वह इस जीत का हिस्सा नहीं होते। द्रविड़ का कार्यकाल वनडे विश्व कप के बाद समाप्त हो गया था जब भारत 10 मैचों की जीत के बावजूद फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था, लेकिन कोचिंग स्टाफ को टी20 विश्व कप के अंत तक विस्तार मिला।
द्रविड़ ने भारत की दूसरी टी20 विश्व कप जीत के बाद कोच की भूमिका के लिए दोबारा आवेदन नहीं किया है। उन्होंने शनिवार को टीम की जीत के बाद केनसिंगटन ओवल ड्रेसिंग रूम में अपने भाषण के दौरान उन्हें कोच बने रहने के लिए आग्रह करने में रोहित की भूमिका का उल्लेख किया। द्रविड़ ने मंगलवार को बीसीसीआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में कहा- रोहित, नवंबर में मुझे कॉल करने और कोचिंग जारी रखने के लिए कहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
द्रविड़ ने कहा- मुझे लगता है कि आप सभी के साथ काम करना मेरे लिए खुशी की बात है, लेकिन रोहित, उस समय मुझे रोकने के लिए धन्यवाद। हमारे पास बातचीत करने के लिए बहुत समय है, हम हमेशा चर्चा करते रहेंगे, हम किसी बात पर सहमत होंगे, कभी-कभी असहमत होंगे, लेकिन तब के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
द्रविड़ ने कहा कि इस जीत को बयां करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने एकजुट होकर प्रदर्शन करने और विश्व कप जीतने के लिए टीम की सराहना की। द्रविड़ ने कहा, 'मेरे पास सच में शब्द नहीं हैं, लेकिन मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि मुझे इस यादगार पल का हिस्सा बनाने के लिए सभी को धन्यवाद। आप सभी को ये पल याद होंगे। हम हमेशा कहते हैं, यह रनों के बारे में नहीं है, यह विकेटों के बारे में नहीं है, आप कभी भी अपने करियर को याद नहीं करते हैं लेकिन आप इस तरह के क्षणों को याद करते हैं।'
द्रविड़ ने कहा, 'जिस तरह से आपने वापसी की, जिस तरह से आपने संघर्ष किया, जिस तरह से हमने एक टीम के रूप में काम किया, मुझे आप लोगों पर गर्व है। पिछले कुछ वर्षों में कुछ निराशा हुई है जहां हम जीत के करीब गए, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए। लेकिन हमने जो कड़ी मेहनत की है, हमने जो बलिदान दिया है, पूरे देश को आप सभी पर गर्व है। आप में से हर किसी ने क्या हासिल किया है, उस पर गर्व होना चाहिए।
द्रविड़ ने कहा, 'आज, आपके माता-पिता, आपकी पत्नियां, आपके बच्चे, आपका भाई, आपके कोच, इतने सारे लोगों ने आपके लिए इस पल को यादगार बनाने और इसका आनंद लेने के लिए बहुत सारे बलिदान दिए हैं और आपके साथ इतनी मेहनत की है। गर्व है कि मैं आप लोगों के साथ इस पल का हिस्सा बना।
आमतौर पर स्पष्ट रूप से बोलने वाले द्रविड़ ने स्वीकार किया कि उनके पास शब्द कम पड़ रहे हैं, लेकिन उन्होंने कोचिंग स्टाफ के प्रति खिलाड़ियों के सम्मान के लिए टीम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, 'आप लोगों ने जिस तरह से मुझे, मेरे कोचिंग स्टाफ और मेरे सहयोगी स्टाफ में हर किसी को जो सम्मान दिया, उसके लिए मैं इससे अधिक आभारी नहीं हो सकता।'
द्रविड़ ने पर्दे के पीछे के काम के लिए बीसीसीआई अधिकारियों और अन्य लोगों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, 'एक महान टीम के पीछे, एक सफल संगठन भी होता है और हमें बीसीसीआई और पर्दे के पीछे के लोगों के काम को स्वीकार करना होगा। हम में से हर कोई एक ऐसी प्रणाली के माध्यम से आता है जो हमें देश का सर्वोच्च स्तर पर प्रतिनिधित्व करने का मौका देती है। उसके लिए भई धन्यवाद।

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