जीव मिल्खा सिंह बेटे के साथ गोल्फ टूर्नामेंट में लेंगे हिस्सा

पहली बार बाप-बेटे की जोड़ी गोल्फ कोर्स में खेलेगी
खेलपथ संवाद
चण्डीगढ़।
भारत में गोल्फ खेल के इतिहास में यह पहली बार होने जा रहा है जब पिता और पुत्र एक साथ बड़े गोल्फ टूर्नामेंट में एक साथ गोल्फ कोर्स पर खेलते हुए नजर आएंगे। चंडीगढ़ ओपन 2024 गोल्फ टूर्नामेंट की शुरुआत तीन अप्रैल से होगी। इसमें जीव मिल्खा सिंह बेटे के साथ जहां हिस्सा लेंगे वहीं गगनजीत भुल्लर, एसएसपी चौरसिया, ओम प्रकाश चौहान, मनु गंडास, राहिल गंगजी, राशिद खान, वीर अहलावत, अभिनव लौहान, युवराज सिंह संधू, छिक्कारनगप्पा और करनदीप कोच्चर आदि अपना दम दिखाएंगे। 
एक करोड़ की इनामी राशि वाला चंडीगढ़ ओपन 2024 गोल्फ टूर्नामेंट का आयोजन चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में 3 से 6 अप्रैल तक खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में चंडीगढ़ के गोल्फर और पद्मश्री जीव मिल्खा सिंह (52) और उनके बेटे हरजय मिल्खा सिंह (14) एक साथ खेलेंगे। जीव मिल्खा सिंह प्रोफेशनल कैटेगरी और उनका बेटा हरजय मिल्खा सिंह एमेच्योर कैटेगरी में खेलेगा।
विदेशी गोल्फर्स में श्रीलंका के एन थंगाराजा और के प्रबागरन, बांग्लादेश के जमाल हुसैन और बबल हुसैन, एंडोरा के केविन स्टीव रिगेल, अमेरिका के वरुण चोपड़ा सहित पीजीटीआई क्वालिफांइग स्कूल विजेता चिली के मितियास डोमिनगुऐज, नेपाल के सुभाष तमांग, ईटली के मिशेल ओरटोलानी और चेक गणराज्य के स्टीपन हिस्सा लेंगे। वहीं अमेच्योर में हरजय मिल्खा सिंह के साथ दो अन्य एमेच्योर खिलाड़़ी अयान गुप्ता और राम सिंह मान चंडीगढ़ से हैं, वह भी खेलेंगे।  
मेरे लिए जिंदगी का सबसे बड़ा दिन
बेटे के साथ खेलने के बारे में जीव मिल्खा सिंह ने कहा कि यह टूर्नामेंट मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा यादगार वाला और स्पेशल रहने वाला है। पहली बार मैं अपने बेटे के साथ एक ही टूर्नामेंट में शिरकत करने जा रहा हूं। मैं उस पल के लिए पहले से ही काफी उत्साहित हूं। वहीं उन्होंने यह भी कहा हम दोनों अलग अलग समय पर स्टार्ट लेंगे क्योंकि एक साथ स्टार्ट लेंगे तो मेरी उपस्थिति में वह काफी नर्वस होगा। जो मैं देखना नहीं चाहता। जीव ने कहा कि मैंने गोल्फ खेलना 9 वर्ष की उम्र से शुरू किया था और बेटे हरजय ने 7 वर्ष की उम्र से ही गोल्फ खेलना शुरू कर दिया था। यूरोप में यूएस किड्स टूर्नामेंट में मैं अपने बेटे का कैडी भी बन चुका हूं।
दादा दादी भी खुश होंगे
जीव मिल्खा सिंह ने कहा कि मेरे पिता मिल्खा सिंह और मां निर्मल मिल्खा सिंह जोकि अब इस दुनिया में नहीं हैं, वह भी अपने पोते हरजय मिल्खा सिंह को मेरे साथ देश के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खेलते हुए देखकर बहुत खुश होंगे। क्योंकि मेरी मां मेरे बेटे को गोल्फ सिखाने के लिए खुद चंडीगढ़ गोल्फ क्लब लेकर जाती थीं। इसके बाद बेटे ने भी इस खेल में अपना रुझान दिखाते हुए कड़ी मेहनत की और आज वह बेहतर खेल रहा है।

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