इंग्लैंड के खिलाफ युवाओं का शानदार प्रदर्शन

सेलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष अजीत आगरकर की वजह से मिला मौका
बैकअप कीपर के तौर पर आगरकर ने सुझाया था जुरेल का नाम
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया ने 4-1 से जीत दर्ज कर ली। विराट कोहली, केएल राहुल और चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गजों की गैर-मौजूदगी में उतरी भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन किया और बैजबॉल की हवा निकाल दी। इस सीरीज में पांच युवाओं को डेब्यू का मौका मिला। इनमें देवदत्त पडिक्कल और ध्रुव जुरेल भी शामिल हैं। सीरीज के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि रोहित शर्मा या राहुल द्रविड़ नहीं बल्कि इन दोनों खिलाड़ियों को टीम में जगह देने का फैसला सेलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष अजीत आगरकर का था।
भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज में सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, देवदत्त पडिक्कल, रजत पाटीदार और आकाश दीप ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया। पाटीदार को छोड़कर बाकी सभी खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ईशान किशन के मानसिक थकान का हवाला देकर दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज से हटने के बाद टीम मैनेजमेंट ने बैकअप कीपर के तौर पर जुरेल का नाम सुझाया था।
दरअसल, भारत को लम्बे वक्त से विकेटकीपर की कमी से जूझते देखा गया है। केएल राहुल को लेकर पहले ही तय हो गया था कि वह बतौर बल्लेबाज खेलते नजर आएंगे। ऐसे में टीम के पास केएस भरत के सिवाए कोई विकल्प नहीं था। ऐसे में टीम को  बैकअप कीपर की तलाश थी, जोकि ध्रुव जुरेल पर आकर खत्म हुई। भारतीय टीम की चयन समिति के अध्यक्ष अजीत आगरकर ने जुरेल का नाम सुझाया। 
इंग्लैंड के खिलाफ शुरुआती दो टेस्ट मैचों में केएस भरत के असफल होने के बाद ध्रुव को राजकोट टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला। टीम प्रबंधन की तरफ से मिले इस मौके को उन्होंने भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और डेब्यू मैच में 45 रन बनाए। वहीं, चौथे मैच की पहली पारी में उन्होंने 91 रन बनाए जबकि दूसरी पारी में 36 रन की नाबाद पारी खेल कर टीम को जीत दिलाई। 
विराट कोहली और केएल राहुल की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया को मध्यक्रम में दमदार बल्लेबाज की तलाश थी। कप्तान और कोच ने पहले रजत पाटीदार को मौका दिया लेकिन वह बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। दूसरी तरफ सरफराज इंग्लैंड के लिए पहले ही डेब्यू कर चुके थे। ऐसे में आखिरी मुकाबले में देवदत्त पडिक्कल को मौका मिला जिन्होंने चयनकर्ताओं के फैसले को अपने धमाकेदार प्रदर्शन से सही ठहराया। धर्मशाला टेस्ट में उन्होंने 65 रन की दमदार पारी खेली और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 

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