मस्तिष्क रोगियों के लिए वरदान बना के.डी. हॉस्पिटल का न्यूरोलॉजी विभाग

डॉ. प्रिंस अग्रवाल के प्रयासों से पांच साल बाद लौटी श्यामलाल की याददाश्त

मथुरा। ब्रज मण्डल के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में शुमार के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च का न्यूरोलॉजी विभाग मस्तिष्क रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। हाल ही में यहां के जाने-माने न्यूरोफिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल के प्रयासों से गांव बसई, मथुरा निवासी 72 वर्षीय श्यामलाल की लगभग पांच साल बाद याददाश्त लौटी है। इतना ही नहीं उसके लाचार हो चुके शरीर में भी नई ऊर्जा का संचार हुआ है।

ज्ञातव्य है कि लगभग पांच साल पहले गांव बसई, मथुरा निवासी 72 वर्षीय श्यामलाल की याददाश्त चली गई थी। याददाश्त जाने के बाद वह किसी को पहचान भी नहीं पाते थे। सुध-बुध खो चुके श्यामलाल एक साल से चलने-फिरने यहां तक कि उठने-बैठने में भी असमर्थ हो गए। इस दरम्यान परिजनों ने उन्हें कई चिकित्सकों को दिखाया लेकिन कहीं लाभ नहीं मिला। आखिरकार 21 फरवरी को परिजन श्यामलाल को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर लाए। न्यूरोफिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल ने श्यामलाल की पूर्व की जांचों को देखने के बाद परिजनों को भरोसा दिलाया कि उनकी याददाश्त जरूरी लौटेगी।

डॉ. अग्रवाल की सूझबूझ और उपचार से एक सप्ताह के अंदर ही श्यामलाल की याददाश्त लौट आई तथा लाचार हो चुके हाथ-पैर भी काम करने लगे। न्यूरो फिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल का कहना है कि श्यामलाल स्ट्रोक आने से अपनी सुधबुध खो बैठे थे। उन्होंने बताया कि स्ट्रोक चिकित्सा की आपात स्थिति है जिस पर तत्काल नैदानिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। स्ट्रोक के दौरान समय बहुत कीमती होता है, हम निदान और उपचार में जितनी देरी करेंगे, नुकसान उतना ही अधिक होगा।

पांच साल बाद श्यामलाल में हुए अप्रत्याशित सुधार और चेतना से परिजन बेहद खुश हैं। परिजनों ने इसके लिए के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन तथा न्यूरोफिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल का आभार मानते हुए कहा कि यहां नहीं आते तो शायद वह कभी नहीं ठीक हो पाते। श्यामलाल के पुत्र का कहना है कि उनके पिता का यहां बहुत कम खर्च में उपचार हुआ है।           

ब्रजवासियों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा का लाभ देना ही के.डी. हॉस्पिटल का एकमात्र उद्देश्य है। के.डी. हॉस्पिटल की चिकित्सा सुविधाओं में लगातार हो रहे विस्तार से ब्रजवासियों को न केवल लाभ मिल रहा है बल्कि उनमें खुशी भी है। न्यूरोलॉजिकल विकारों के विशेषज्ञ डॉ. प्रिंस अग्रवाल ने पिछले डेढ़ महीने में लगभग दो सौ मिर्गी, माइग्रेन, सिरदर्द, स्ट्रोक, सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी, पीठ दर्द, न्यूरोपैथी, मेमोरी लॉस, डिमेंशिया, एटैक्सिया, वर्टिगो, चक्कर और संतुलन की समस्याओं से पीड़ित लोगों को स्वस्थ करने में सफलता हासिल की है। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रिंस अग्रवाल की मिलनसारिता तथा मरीज के प्रति उनके समर्पण भाव की मरीज ही नहीं उनके परिजन भी सराहना करते हैं।

डॉ. प्रिंस अग्रवाल का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी विभाग में हर तरह की आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाएं, विशेषज्ञ चिकित्सक तथा प्रशिक्षित कर्मचारियों के होने से हर तरह का उपचार सहजता से हो पा रहा है। यहां मिर्गी (दौरे), फॉलिस (पैरालिसिस), सिरदर्द, लकवा, दिमाग के इंफेक्शन, कम्पन, कमर दर्द, गर्दन दर्द, नसों की सभी बीमारियां, दिमाग की ब्लीडिंग, पार्किन्सन, बेहोशी, नींद विकार आदि का सफल उपचार किया जा रहा है।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राजेन्द्र कुमार ने पांच साल बाद श्यामलाल की याददाश्त लौटाने के लिए न्यूरोफिजीशियन डॉ. प्रिंस अग्रवाल तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मरीज के स्वस्थ-सुखद जीवन की कामना की है।

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