अंतिम आठ में पहुंची रोहन बोपन्ना और मैथ्यू एबडेन की जोड़ी

आस्ट्रेलियन ओपन में अल्काराज जीते, अजारेंका बाहर
खेलपथ संवाद
मेलबर्न।
भारत के 43 साल के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और ऑस्ट्रेलिया के उनके जोड़ीदार मैथ्यू एबडेन ने सोमवार को मेलबर्न में नीदरलैंड के वेस्ली कूलहोफ और क्रोएशिया के निकोला मेकटिक की जोड़ी को सीधे सेटों में हराकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। भारत और ऑस्ट्रेलिया की दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी ने कूलहोफ और मेकटिक की दुनिया की पूर्व नंबर एक जोड़ी के खिलाफ 7-6 7-6 से जीत दर्ज की। 
इस जीत के साथ बोपन्ना का युगल विश्व रैँकिंग में दूसरे स्थान पर आना सुनिश्चित हो गया है। उनके जोड़ीदार एबडेन का तीसरे नंबर पर आना तय हो गया है। अगर यह जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहे तो विश्व युगल रैँकिंग में उनका नंबर एक बनना सुनिश्चित हो जाएगा। यह रोहन बोपन्ना का ऑस्ट्रेलियाई ओपन में श्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले वह कभी पुरुष युगल में वर्ष के पहले ग्रैंडस्लैम के क्वार्टर फाइनल में नहीं पहुंचे थे। पिछले साल वह सानिया मिर्जा के साथ मिश्रित युगल के फाइनल में जरूर पहुंचे थे।
दुनिया के नंबर दो स्पेन के कार्लोस अल्काराज और रूस के दानिल मेदवेदेव ने पुरुष एकल वर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। अल्कारेज ने सर्बिया के मियोमीर केस्मानोविच को 6-4, 6-4, 6-0 से हराया। मेदवेदेव ने नूनो बोर्गस को 6-3, 7-6(4), 5-7, 6-1 से पराजित किया। अब उनकी टक्कर दुनिया के नंबर नौ हुबर्ट हरकेज या फ्रांस के वाइल्डकार्ड से प्रवेश पाने वाले आर्थर कैजाक्स से होगी। 
यास्त्रेमस्का ने अजारेंका को किया बाहर
महिला वर्ग में यूक्रेन की डायना यास्त्रेमस्का ने दो बार की चैंपियन विक्टोरिया अजारेंका 7-6(6) 6-4 से हराया। वहीं, 18वीं रैंकिंग की एलिना स्वितोलिना उस समय नोस्कोवा से 0-3 से पिछड़ रही थी जब उन्होंने पीठ की चोट के कारण रिटायर्ड होने का फैसला किया। यूक्रेन और रूस तथा बेलारूस के खिलाड़ियों के बीच परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए अजारेंका और यास्त्रेमस्का ने हाथ नहीं मिलाए। नोसकोवा-स्वितोलिना के बीच हुए मुकाबले का पहला गेम 11 मिनट चला। नोसकोवा ने स्वितोलिना की सर्विस तोड़ी और फिर अपनी सर्विस बचाकर स्कोर 2-0 किया। स्वितोलिना ने टाइम आउट लेकर कमर का उपचार कराया। मैच शुरू होने पर यूक्रेन की स्वितोलिना की सर्विस की गति काफी कम थी और उन्हें मूवमेंट में भी परेशानी हो रही थी। नोसकोवा ने इसका फायदा उठाकर फिर सर्विस तोड़ी और स्वितोलिना ने मुकाबले से हटने का फैसला किया।

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