संसदीय कार्यवाही से रूबरू हुए आरआईएस के छात्र-छात्राएं

यूथ पार्लियामेंट में तथ्यपूर्ण आंकड़ों के साथ उठाए गम्भीर मुद्दे

मथुरा। छात्र-छात्राओं को संसदीय कामकाज की जानकारी दिलाने की खातिर गुरुवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल में यूथ पार्लियामेंट का आयोजन किया गया। यूथ पार्लियामेंट में छात्र-छात्राओं ने तथ्यपूर्ण आंकड़ों के साथ जहां कई गम्भीर मुद्दे उठाए वहीं उनका समाधान भी किया गया।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में गुरुवार को संसद भवन जैसे तैयार किए गए मंच पर स्पीकर, सेक्रेटरी, स्टेनो एवं विभिन्न मंत्रियों की वेशभूषा धारण कर कक्षा 8 और 9 के छात्र-छात्राएं न केवल बैठे बल्कि संसदीय कार्यवाही में भाग लेते हुए औपचारिक रूप से अपना मत सदन के समक्ष प्रस्तुत किया। यूथ पार्लियामेंट में विपक्ष की तरफ से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर सरकार के प्रतिनिधियों ने बखूबी दिए।

यूथ पार्लियामेंट में महिला सशक्तीकरण, शिक्षा, भुखमरी, बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या, बढ़ते अपराधों से लेकर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं तक के मुद्दे उठाए गए। इतना ही नहीं कुछ प्रस्ताव भी संसद भवन में बहुमत से पारित किए गए तथा आर्थिक व सामाजिक समस्याओं पर सभी मंत्रियों ने अपने विचार रखे और उपाय भी सुझाए। आरआईएस के यूथ पार्लियामेंट में ड्रग्स जैसे नशे पर लगाम कसने का मुद्दा सर्वाधिक चर्चित रहा।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ममता भारद्वाज अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा मथुरा ने राजीव इंटरनेशनल स्कूल के इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों के भीतर चिंतन शक्ति का विकास होगा। उन्होंने कहा कि छात्र संसद छात्र-छात्राओं के सम्पूर्ण विकास की परिकल्पना का अभिन्न अंग है। इससे छात्र-छात्राओं को शैक्षिक के साथ-साथ राजनीतिक, सांस्कृतिक, क्रियात्मक रूप से योग्य बनने और विद्यालय से निकलकर देश व समाज को नई दिशा देने का मार्ग प्रशस्त होगा।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों की तार्किक क्षमता का विकास होता है तथा वह अपनी बात को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करने के योग्य बनते हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बचपन से ही लोकतंत्र के प्रति आस्था और जिम्मेदारियों का अहसास कराने के लिए छात्र संसद का गठन सकारात्मक प्रयास है। उन्होंने कहा कि आदर्श लोकतंत्र अनुशासित विद्यार्थियों से ही सम्भव है।

प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि समय-समय पर आयोजित इस तरह के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों की मानसिक योग्यता की परख होती है तथा सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास में सहायता मिलती है। श्री अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं से समय के साथ संयम से अपने जीवन को व्यवस्थित कर लक्ष्य प्राप्त करने का आह्वान किया।

विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने कहा कि यह कार्यक्रम बहुत ही शिक्षाप्रद रहा। इसके माध्यम से विद्यार्थियों ने जाना कि हमारे देश में कितने बड़े-बड़े मुद्दे ऐसे हैं जिनमें सुधार की गुंजाइश है। छात्र संसद की परिकल्पना को साकार करने में सुदीप्ता चक्रवर्ती एवं अनीता जादौन का विशेष योगदान रहा।

रिलेटेड पोस्ट्स