उम्र का गोरखधंधा कर रहा यूपी में खेलों को गंदा

चारसौबीसी करने वाले खिलाड़ियों पर शिक्षा विभाग सख्त
उत्तर प्रदेश के स्पोर्ट्स कॉलेज और हॉस्टल निशाने पर
खेलपथ संवाद
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में खेल भगवान भरोसे चल रहे हैं। खेलों की प्रतियोगिताएं तो होती हैं लेकिन खिलाड़ी खेलनहारों की आंख में धूल झोंक अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। जब पानी सिर से ऊपर पहुंच जाता है तब शिक्षा और खेल निदेशालय जागते हैं। उम्र के गोरखधंधे ने शिक्षा विभाग की चूलें हिला दी हैं।
जानकारी के अनुसार प्रदेशीय विद्यालय हाॅकी प्रतियोगिता के दौरान 14 वर्ष आयु वर्ग की प्रतियोगिता में अधिक उम्र के खिलाड़ियों के प्रतिभाग ने शिक्षा विभाग के कान खड़े कर दिए हैं। प्रतियोगिता के दौरान अभिलेखों के निरीक्षण में खिलाड़ियों की उम्र सही पाई गई थी लेकिन शारीरिक बनावट के आधार पर अधिकांश खिलाड़ी 17 और 18 वर्ष के दिख रहे थे। पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया है। शिक्षा विभाग के निशाने पर प्रदेशीय प्रतियोगिता में पदक पाने वाले स्पोर्ट्स काॅलेजों और खेल छात्रावासों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ी हैं। शिक्षा विभाग ने इन खिलाड़ियों की कुंडली तलाशने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
राज्य विद्यालय क्रीड़ा संस्थान के प्राचार्य ने प्रदेश के छह मंडल और तीन स्पोर्ट्स कॉलेजों को पत्र भेजा है। इसके साथ ही इसकी जांच शुरू हो गई है। यह ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने खिलाड़ी बनने के लिए विद्यालय में अपनी उम्र कम दिखाकर प्रवेश लिया है। यह प्रतियोगिता 14 साल और 19 साल के खिलाड़ियों के लिए आयोजित की गई थी।
प्राचार्य डाॅ. भीमराव अम्बेडकर राज्य विद्यालय क्रीड़ा संस्थान अयोध्या ने अभिलेखों के सत्यापन के लिए तीन सदस्यों की टीम बनाई है जो प्रदेश में आयोजित प्रतियोगिताओं में अभिलेखों और खिलाड़ियों की पड़ताल कर रही है। 
टीम की पड़ताल के दौरान कुछ खिलाड़ियों ने यह बात स्वीकार भी कर ली थी। प्रतियोगिता के लिए निर्धारित उम्र से ज्यादा होने की बाबत दबाव पर ऐसे पांच खिलाड़ी प्रतियोगिता से चले गए थे। इसके बाद खेल से जुड़े अफसरों का माथा ठनका और उन्होंने प्रदेश में ऐसे खिलाड़ियों की तलाश शुरू कर दी, जो कागजों में तो निश्चित उम्र सीमा में हैं लेकिन वास्तव में देखने पर साफतौर पर वह अधिक उम्र के दिखाई पड़ते हैं।
ऐसे खिलाड़ियों की जांच के लिए डाॅ. भीमराव अम्बेडकर राज्य विद्यालय क्रीड़ा संस्थान के प्राचार्य भगवती सिंह द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि टीमों के खिलाड़ियों के प्रवेश संबंधी अभिलेख उपलब्ध कराए जाएं। इसका सत्यापन करने के बाद उसे भेजा जाए। जिन संयुक्त शिक्षा निदेशकों को प्राचार्य की ओर से पत्र भेजा गया है उनमें मेरठ, वाराणसी, प्रयागराज, मुरादाबाद, झांसी, गोरखपुर के संयुक्त शिक्षा निदेशक और गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ, वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज गोरखपुर, ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज सैफई इटावा हैं। संस्थान की ओर से भी पत्र भेजे जाने की बात कही गई है।

 

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