पहले ज्योति और अब नीरज-जेना के साथ धोखेबाजी की कोशिश

भारतीय एथलीट्स के साथ बेईमानी पर उतरा चीन? 
अंजू बॉबी ने चीनी अधिकारियों पर निशाना साधा
खेलपथ संवाद
हांगझोऊ।
जिस तकनीक पर चीन को गुरूर था, हांगझोऊ एशियाई खेलों में उसी का मजाक उड़ रहा है। अब तक भारतीय एथलीट्स के साथ इन खेलों में तीन बार ऐसा हुआ है, जब तकनीकी खराबी या वहां मौजूद अधिकारियों की गड़बड़ी की वजह से फजीहत झेलनी पड़ी है। धाविका ज्योति याराजी से लेकर भाला फेंक के स्टार नीरज चोपड़ा और किशोर जेना तक के साथ चीनी अधिकारियों ने बेईमानी की कोशिश की, लेकिन भारतीय एथलीट्स के जुनून के आगे उनकी एक न चली।
तीनों ने पदक जीते और चीनी अधिकारी और तकनीक को मुंहतोड़ जवाब दिया। याराजी के साथ तो चीन ने चालबाजी की कोशिश की थी। चीनी एथलीट की गलती पर याराजी को परेशान किया गया था, लेकिन याराजी के विरोध के बाद चीनी अधिकारियों ने जांच की तो पता चला कि याराजी सही थीं। उनका कांस्य बदलकर रजत किया गया। वहीं, नीरज को छह प्रयास की जगह सात बार थ्रो करवाया गया, क्योंकि चीनी अधिकारियों के मुताबिक कोई तकनीकी समस्या आ गई थी। इस पर भारतीय एथलीट्स ने नाराजगी जाहिर की है। खुद नीरज स्वर्ण जीतने के बाद नाराज दिखे और उन्होंने इस पर खुलकर बातचीत की। वहीं, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की उपाध्यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज, जो नीरज के मैच के दौरान मैदान में ही मौजूद थीं, नाराज दिखीं और उन्होंने इस मुद्दे को उठाया है।
नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा- मुझे नहीं पता कि उन्होंने मेरी पहली थ्रो की दूरी क्यों नहीं नापी। मेरे बाद हुई थ्रो की दूरी आई, लेकिन मेरी नहीं। मेरे साथ ऐसा किसी कंपटीशन में कभी नहीं हुआ। मुझे बताया गया कि यह अच्छी थ्रो थी, शायद 87-88 मीटर पर गई थी। अगर पहली थ्रो अच्छी लगती है तो एथलीट से दबाव हट जाता है। ज्योति के साथ भी गड़बड़ हुआ, जेना की दूसरी थ्रो फाउल दी गई। बाद में फैसला बदला गया। हालांकि मैं किशोर जेना के लिए बेहद खुश हैं। उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।
वहीं, अंजू बॉबी ने कहा- चीनी ऑफिशियल्स जानबूझकर भारतीय एथलीटों को निशाना बना रहे हैं। वे धोखेबाजी कर हमारे एथलीटों को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने नीरज से पहली थ्रो नहीं नापे जाने का विरोध करने को कहा। चीन में जीतना काफी कठिन है, लेकिन हमारे एथलीट, थ्रोअर, जंपर श्रेष्ठ हैं, इस लिए उन्हें परेशान किया जा रहा है।
भारतीय एथलीटों को परेशान करने के मामले
ज्योति याराजीः 100 मीटर बाधा दौड़ में ज्योति याराजी को फॉल्स स्टार्ट के लिए बाहर किया गया। उनके और एएफआई के विराध के बाद न सिर्फ वह खेलीं बल्कि उनका पदक कांस्य से रजत में बदला। बाद में चीन एथलेटिक्स संघ ने इसके लिए माफी मांगी। उस चीनी खिलाड़ी ने भी याराजी से माफी मांगी।
किशोर जेनाः बुधवार को किशोर जेना की दूसरी थ्रो फाउल दी गई, जबकि ऐसा नहीं था। जेना के विरोध पर थोड़ी देर में यह फैसला बदल दिया गया। खुद नीरज जेना के समर्थन में और चीनी अधिकारियों के विरोध करने आगे आए। किशोर ने वहां मौजूद बाकी अधिकारियों से बात की। रिप्ले दिखा तो किशोर का थ्रो फाउल नहीं था। चीनी अधिकारी ने उसे सही प्रयास करार दिया। 
नीरज चोपड़ाः नीरज चोपड़ा की पहली थ्रो बेहद शानदार रही, लेकिन इसकी दूरी नहीं नापी गई। बाद में उन्हें फिर से थ्रो लगाने को कहा गया, जबकि नीरज के बाद दूसरे थ्रोअरों की दूरी नापी गई। नीरज के पहले थ्रो को देखकर लग रहा था कि वह थ्रो तकरीबन 87+ मीटर की थी। हालांकि, दूरी नहीं नापी जा सकी। नीरज इसको लेकर वहां मौजूद अधिकारियों से मिले और बात भी की। उनसे बहस भी हुई, लेकिन अधिकारियों ने तकनीकी समस्या बताकर नीरज को फिर से थ्रो करने कहा। इसकी वजह से करीब 15 मिनट तक खेल रुका रहा। नीरज ने फिर थ्रो किया और चीनी अधिकारियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए स्वर्ण अपने नाम किया।

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