निकहत जरीन एशियाड के क्वार्टर फाइनल में पहुंचीं

शिवा थापा और संजीत बाहर; नागल और अंकिता को भी मिली हार
खेलपथ संवाद
हांगझोऊ।
दो बार की विश्व विजेता मुक्केबाज निकहत जरीन (50 किलोग्राम) ने बुधवार को एशियाई खेलों के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई वहीं, शिवा थापा (63.5 किलोग्राम) और संजीत (92 किलोग्राम) हारकर एशियाई खेलों से बाहर हो गए। निकहत ने दूसरे दौर में दक्षिण कोरिया की चोरोंग बाक पर 5-0 से आसान जीत दर्ज की। 
शिव आसान ड्रॉ का फायदा नहीं उठा सके और प्री-क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान के अस्कत कुलताएव से 0-5 से हार गए। संजीत को विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता लाजिजबेक मुलोजोनोव से 0-5 से हार मिली।
साथियान-मनिका की जोड़ी टेबल टेनिस के प्री क्वार्टर में
भारत के जी साथियान और मनिका बत्रा की जोड़ी टेबल टेनिस के मिश्रित युगल के प्री क्वार्टर में पहुंच गई। उन्होंने थाईलैंड के नापत थानमाथिकोम और सुथासिनी को 10-12, 11-8, 11-3, 11-8 से पराजित किया। इसके अलावा हरमीत देसाई और श्रीजा अकुला की जोड़ी ने मकाऊ के ची चेंग चियोंग और हुई ली सिएक को 12-10, 11-7, 11-7 से पराजित किया। 
साथियान और बत्रा ने पहला गेम 10-12 से गंवा दिया था। दूसरे गेम एक समय स्कोर 6-6 था लेकिन यहां से वापसी की और उसके बाद अपने गेम का स्तर उठाया। तीसरे गेम में आसान जीत हासिल की। चौथे गेम में 10-5 की बढ़त के साथ अपना दबदबा बना लिया था। पुरुष युगल में मानव ठक्कर और मानुष शाह ने थाईलैंड की नपत और सितिसेक की जोड़ी को 11-8, 8-11, 11-6, 7-11, 12-10 से हराया।
नागल और अंकिता क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर
भारत के एकल टेनिस खिलाड़ी 2006 के बाद पहली बार एशियाई खेलों से खाली हाथ लौटेंगे। सुमित नागल और पिछली बार की कांस्य पदक विजेता अंकिता रैना बुधवार को क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए। नागल के लिए दुनिया के 60वें नंबर के खिलाड़ी जिझेन झांग को हराना आसान नहीं था। वह दो घंटे 16 मिनट में 7-6, 1-6, 2-6 से हार गए। सोमदेव देववर्मन ने 2010 में पुरुष एकल में स्वर्ण जीता था। उसके बाद युकी भांबरी (2014 इंचियोन) और प्रजनेश गुणेश्वरन ( 2018 जकार्ता ) ने कांस्य पदक जीता था। 
दोहा में 2006 में हुए खेलों में रोहन बोपन्ना और करण रस्तोगी एकल वर्ग में पदक दौर में नहीं पहुंच सके थे। रैना को जापान की हारूका राजी ने क्वार्टर फाइनल में 3-6, 6-4, 6-4 से पराजित किया। रामकुमार रामनाथन तीसरे और रूतुजा भोसले दूसरे दौर में ही हार गए थे। पुरुष युगल और मिश्रित युगल में भारतीय चुनौती अभी भी बाकी है।

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