अब ब्रज में भूखी नहीं रहेगी कोई गायः जयकृष्ण दास महाराज

ब्रज के कण-कण और हर जीव में होता ईश्वर का वास

मथुरा। अनादिकाल से मानव जाति गौमाता की सेवा कर अपने जीवन को सुखी, समृद्ध, निरोगी, ऐश्वर्यवान एवं सौभाग्यशाली बनाती चली आ रही है। गौमाता की सेवा के महात्म्य से शास्त्र भरे पड़े हैं। ऐसे में हमें गौसेवा को महत्व देना चाहिए। यह बातें शनिवार शाम ब्रह्मनगरी चौमुंहा स्थित श्रीराधा मोहन गौशाला में राधाष्टमी के पावन अवसर पर यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयकृष्ण दास महाराज ने कहीं।

चौमुंहावासियों के प्रेम और स्नेह की सराहना करते हुए महाराज ने कहा कि तीर्थ स्थानों में जाकर स्नान दान, व्रत-उपवास, तपस्या, महादान तथा हरि की आराधना करने पर जो पुण्य प्राप्त होता है, वही पुण्य हम सब गौ माता की सेवा कर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गाय के दूध, दही, घी, गोबर रस, गोमूत्र का एक निश्चित अनुपात में मिश्रण पंचगव्य कहलाता है। पंचगव्य का सेवन करने से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। सच तो यह है कि गौमाता में ईश्वर का वास होता है।

जयकृष्ण दास महाराज ने कहा कि अब उनका शेष जीवन गौसेवा के नाम रहेगा। ब्रज में कोई गाय भूखी न रहे इसके लिए वह शिद्दत से काम करेंगे। यह काम ब्रजवासियों के बिना पूरा नहीं हो सकता इसलिए सभी से इस पुण्य कार्य में सहयोग अपेक्षित है। महाराज ने बताया कि वह श्रीराधा मोहन गौशाला में गन्ने की कूटी तैयार कर चौमुंहा के पांच केन्द्रों तक पहुंचाएंगे ताकि गायों का पेट भरे और किसानों की फसल को बर्बाद होने से रोका जा सके। इस चलती-फिरती गौशाला के माध्यम से हम गाय और किसान दोनों को राहत प्रदान करना चाहते हैं।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्रीप्रकाश शुक्ला ने कहा कि ब्रज जैसा स्नेह और प्यार कहीं नहीं मिलता। यहां के कण-कण और हर जीव में श्रीकृष्ण का वास है। श्री शुक्ला ने कहा कि गौसेवा के इस पुनीत कार्य के माध्यम से चौमुंहा समूचे राष्ट्र के लिए नजीर बन सकता है। आज हमारे समाज में गौवंश और वृद्धजन ही सबसे उपेक्षित हैं, इनकी सेवा हम सबका कर्तव्य होना चाहिए। इस अवसर पर कारे बाबा ने भरोसा दिया कि इस नेक कार्य में ब्रह्मनगरी चौमुंहा का हर नागरिक सहयोग करेगा। वह स्वयं गौसेवा के इस पुनीत कार्य में हर तरह का सहयोग प्रदान करेंगे। डॉ. राजवीर सिंह ने कहा कि जयकृष्ण दास महाराज के गौसेवा के इस संकल्प को हर ब्रजवासी तन-मन से पूरा करेगा क्योंकि गौसेवा से बढ़कर कोई अन्य सेवा हो ही नहीं सकती।

इस अवसर पर सुदर्शन दास महाराज, डॉ. सौरभ राय, भगवान सिंह, श्रीगोपाल, सियाराम, द्वारिका यादव, तारकेश्वर राय, चंद्रभान लम्बरदार, सुन्दर सिंह, जसवीरी सिंह सिसोदिया, सीमा सिंह सिसोदिया, मोनी सिंह सिसोदिया, भारत पाल मुंशी, देवो काका, प्रेम सिंह, राजेश्वरी, दानो अम्मा, श्यामवती, शीला देवी, सरोज देवी, गिर्राज, कैलाश चंद्र, गिरधारी, रेखचंद्र, पातीराम, मान सिंह, चंदन सिंह, महेश चंद्र सहित बड़ी संख्या में चौमुंहा के गौसेवक मौजूद रहे।

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