2019 विश्व कप खेले आठ खिलाड़ी फिर बने टीम का हिस्सा

चार साल में बदल गए भारत के कोच और कप्तान
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
वनडे विश्व कप के 13वें संस्करण के लिए भारतीय टीम की घोषणा हो चुकी है। 15 सदस्यीय टीम में आठ ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके पास विश्व कप में पहले से खेलने का अनुभव है। वहीं, सात क्रिकेटर पहली बार इस बड़े टूर्नामेंट का हिस्सा होंगे। टीम में विराट कोहली सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। उनके पास तीन विश्व कप में खेलने का अनुभव है वहीं, रोहित शर्मा, रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी ने दो-दो बार वनडे क्रिकेट के इस सबसे बड़े आयोजन में हिस्सा लिया है।
2019 और 2023 के बीच भारतीय टीम में काफी बदलाव हो चुके हैं। पिछली बार टीम की कप्तानी करने वाले विराट कोहली इस बार बतौर खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। रोहित शर्मा के हाथ में बागडोर है। वह पहली बार विश्व कप में टीम की कमान संभालेंगे। चार साल में सिर्फ कप्तान ही नहीं बदले बल्कि कोच भी अब नए हैं। पिछली बार पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री टीम के कोच थे। इस बार पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ के कंधे पर यह जिम्मेदारी है। संयोग कि बात है कि उनकी कप्तानी में भारत 2007 विश्व कप खेला था। हालांकि, वह टूर्नामेंट उनके लिए यादगार नहीं रहा। भारत पहले ही दौर में बाहर हो गया था।
ये खिलाड़ी पहली बार विश्व कप में खेलेंगे
15 सदस्यीय टीम में चुने गए सात खिलाड़ी पहली बार इस टूर्नामेंट में खेलेंगे। युवा ओपनर शुभमन गिल के साथ श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, विकेटकीपर ईशान किशन, ऑलराउंडर अक्षर पटेल और शार्दुल ठाकुर के अलावा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज भी पहली बार विश्व कप में खेलेंगे।
रोहित शर्मा: आईपीएल के सबसे सफल कप्तानों में एक रोहित शर्मा की असली परीक्षा विश्व कप में होनी है। वह पहली बार इस बड़े टूर्नामेंट में टीम की कमान संभालेंगे। रोहित 2015 और 2019 विश्व कप में खेल चुके हैं। उन्होंने पिछली बार टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 648 रन बनाए थे। उनके बल्ले से रिकॉर्ड पांच शतक भी निकले थे।
विराट कोहली: भारतीय टीम में विश्व कप के लिए चुने गए खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अनुभव विराट कोहली के पास ही है। वह 2011, 2015 और 2019 के संस्करण में खेल चुके हैं। कोहली टीम में इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके खाते में एक विश्व कप भी है। वह 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे। कोहली ने तीन विश्व कप के 26 मैचों में 1030 रन बनाए हैं।
केएल राहुल: राहुल दूसरी बार विश्व कप में हिस्सा लेंगे। वह 2019 में बतौर बल्लेबाज खेले थे, लेकिन इस बार विकेटकीपर के रूप में टीम में शामिल किए गए हैं। ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में उनके ऊपर विकेटकीपिंग की अतिरिक्त जिम्मेदारी होगी। राहुल का रिकॉर्ड विश्व कप में बतौर बल्लेबाज अच्छा है। उन्होंने नौ मैचों में 45.12 की औसत से 361 रन बनाए। अब देखना है कि वह विकेटकीपर और बल्लेबाज की दोहरी भूमिका के साथ किस तरह न्याय करते हैं।
हार्दिक पांड्या: भारत के अनुभवी ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या पर इस बार सबकी नजरें रहेंगी। वह न सिर्फ टीम के महत्वपूर्ण ऑलराउंडर हैं, बल्कि उपकप्तान भी हैं। टीम के कई फैसलों में उनके विचार लिए जाएंगे। इसका असर मैच पर दिख सकता है। हार्दिक लगातार दूसरा विश्व कप खेलेंगे। वह पहले से ज्यादा अनुभवी हैं। उन्होंने पिछली बार विश्व कप में 226 रन बनाने के साथ-साथ 10 विकेट भी हासिल किए थे।
रवींद्र जडेजा: भारतीय टीम में शामिल उन चार खिलाड़ियों में जडेजा शामिल हैं, जिनके पास दो या उससे अधिक विश्व कप खेलने का अनुभव है। वह महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2015 और विराट कोहली की कप्तानी में 2019 विश्व कप में खेले थे। अब रोहित शर्मा की कप्तानी में अपना तीसरा विश्व कप खेलेंगे। जडेजा ने दो विश्व कप के 10 मैच में सिर्फ 134 रन बनाए हैं। गेंदबाजी में उन्हें उम्मीद के अनुसार सफलता नहीं मिली है। जडेजा के खाते में सिर्फ 11 विकेट है। वह इस बार टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ना चाहेंगे।
मोहम्मद शमी: भारतीय टीम में शामिल तेज गेंदबाजों में सबसे ज्यादा अनुभव किसी के पास है तो वह मोहम्मद शमी हैं। वह दो विश्व कप खेल चुके हैं। शमी 2015 और 2019 में टीम के सदस्य थे। उनकी गेंदबाजी भी इस टूर्नामेंट शानदार रही है। शमी ने 11 मैच में 31 विकेट झटके हैं और वह एक बार फिर से कमाल दिखाना चाहेंगे।
जसप्रीत बुमराह: टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह लंबे समय तक चोट के कारण नहीं खेल पाए हैं। उन्होंने आयरलैंड सीरीज से वापसी की और अब वह विश्व कप में खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। बुमराह लगातार दूसरा विश्व कप खेलेंगे। पिछली बार नौ मैच में उन्होंने 18 विकेट लिए थे। वह इस बार भी प्रभाव छोड़ना चाहेंगे।
कुलदीप यादव: विश्व कप के लिए चुनी गई टीम में कुलदीप यादव इकलौते विशेषज्ञ स्पिनर हैं। जडेजा और अक्षर पटेल को बतौर ऑलराउंडर चुना गया है। अगर अक्षर बल्लेबाजी करने में सक्षम नहीं होते तो उनके स्थान पर युजवेंद्र चहल खेल सकते थे। कुलदीप की बात करें तो उनका यह दूसरा विश्व कप होगा। 2019 में उन्हें सात मैचों में खेलने का मौका मिला था और वह सिर्फ छह विकेट ही ले पाए थे। इस बार घरेलू मैदान पर कुलदीप अपने रिकॉर्ड में सुधार करना चाहेंगे।

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