हॉकी की रानी उपेक्षा से आहत

टीम से बाहर होने पर विदेशी कोच से मांगा जवाब
कहा- मेरे साथ सही बर्ताव नहीं हुआ
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक में चौथे स्थान पर रहने वाली महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने विदेशी कोच यानिके शॉपमेन के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई है। भारतीय अंडर-17 महिला टीम का प्रशिक्षक नियुक्त किए जाने के बाद रानी ने गुरुवार को कहा कि टोक्यो ओलम्पिक के बाद उनके साथ सही बर्ताव नहीं किया गया। वह राष्ट्रीय टीम से क्यों बाहर की गई हैं, इसका जवाब शॉपमेन से मांगा जाना चाहिए। 28 वर्षीय रानी ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल उनका संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है। उनमें अभी भारतीय टीम में वापसी करने का माद्दा है।
रानी ने कहा कि ओलम्पिक के बाद उनकी सर्जरी हुई। इसके बाद उन्होंने गुजरात राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा की कप्तानी की और 18 गोल किए। बावजूद इसके उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं दी गई। उनके साथ सही नहीं किया गया। इसका जवाब केवल विदेशी कोच ही दे सकती हैं। इतना सब होने के बावजूद वह टूटी नहीं हैं। अगर ऐसा होता तो वह टोक्यो ओलम्पिक के बाद ही संन्यास की घोषणा कर देतीं।
चयन में हस्तक्षेप नहीं करते: टिर्की
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने रानी के आरोपों पर कहा कि वह रानी से सहानुभूति रखते हैं, लेकिन चयन के मामलों में वह हस्तक्षेप नहीं करते हैं। हमने रानी के टीम से बाहर होने के बारे में चयनकर्ताओं और राष्ट्रीय कोच से बात की। हमने रानी से भी इस बारे में बात की, लेकिन हम चयन में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। यह अधिकार चयनकर्ताओं और कोच का है।
अंडर-17 टीम के कोच बने सरदार और रानी
हॉकी इंडिया ने पुरुष और महिलाओं की अंडर-17 टीम तैयार करने की घोषणा की। दिलीप टिर्की ने पुरुष अंडर-17 टीम का प्रशिक्षक पूर्व कप्तान सरदार सिंह और महिला टीम का प्रशिक्षक रानी रामपाल को नियुक्त किया है। इन दोनों टीमों के 45 से 50 दिन के शिविर 21 अगस्त से राउरकेला के बिरसामुंड स्टेडियम में लगाए जाएंगे। इसके बाद नीदरलैंड और बेल्जियम में इन्हें अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए भेजा जाएगा।

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