जब मौका मिला, बेटियों ने देश-विदेश में फहराया तिरंगाः केशव प्रसाद मौर्य

अमर उजाला का बालिका ओलम्पिक आयोजन सराहनीयः अनुराग ठाकुर
खेलपथ संवाद
लखनऊ।
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से देश की खेल प्रतिभाओं को निखारने का काम किया जा रहा है। यही कारण है कि अब हमारे देश के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में तिरंगा फहरा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में खेलों के विकास को लेकर जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किया वो पहले कभी नहीं हो पाया। अमर उजाला द्वारा आयोजित बालिका ओलम्पिक एक सराहनीय प्रयास है। ये हमारे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को अवसर उपलब्ध करवा रहा है। 
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमारी बेटियों ने टोक्यो और रियो ओलम्पिक में देश को पदक दिलाकर गौरवान्वित किया है। खेलो इंडिया व सांसद खेल प्रतियोगिता जैसे आयोजनों से खेल प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन कर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। तीन दिनों तक चले इस आयोजन का शुभारंभ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को किया था। यूपी सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक सहित कई मंत्रियों ने कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराई। आयोजन में प्रदेश के 18 मंडलों के एक हजार से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया और हॉकी, वॉलीबाल, फुटबाल, कराटे, बाक्सिंग और हैंडबॉल में अपनी प्रतिभा दिखाई।
जब मौका मिला, बेटियों ने देश-विदेश में फहराया तिरंगाः केशव प्रसाद मौर्य
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब भी मौका मिला, देश-विदेश में बेटियों ने तिरंगा लहराने का काम किया है। अमर उजाला बालिका ओलम्पिक के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आपका उत्साह देखकर तय है कि आने वाले दिनों में देश के लिए मेडल जीतकर लाएंगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया-जीतो इंडिया का नारा दिया है। हर लोकसभा क्षेत्र में सांसद खेल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है। इसमें कई ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिले, जिन्होंने कभी प्रशिक्षण तक हासिल नहीं किया था। प्रदेश सरकार भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में खेलों को बढ़ावा देने के लिए तमाम बड़े कदम उठा रही है। इसी तरह अमर उजाला बालिका ओलम्पिक में सभी 18 मंडलों की टीमों को बुलाना और विभिन्न खेलों का आयोजन करना बड़ा कदम है। यह आयोजन प्रतिभाशाली बेटियों के लिए बेहद उपयोगी प्लेटफॉर्म साबित होगा। इसके लिए केवल आपको अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना है। डबल इंजन की सरकार में आपको अपनी खेल विधा की प्रतिभा दिखाने का पूरा अवसर मिलेगा। इसके लिए संसाधनों की काेई कमी नहीं होने दी जाएगी। उप मुख्यमंत्री केशव ने साथी मंत्रियों के साथ हॉकी खिलाड़ियों से मुलाकात की और उनसे बातचीत कर उत्सावर्धन किया। उन्होंने हॉकी खेलकर सुबह के सत्र का शुभारंभ भी किया।
उन्होंने इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सामाजिक सरोकारों को निभाने में अमर उजाला समूह हमेशा आगे रहा है। मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान, ब्लड डोनेशन कैंप, अतुल महेश्वरी छात्रवृत्ति जैसे समाज को दिशा दिखाने वाले सामाजिक सरोकार के कार्यक्रमों के जरिए इस समूह ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। ये आयोजन महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
बेटियों को आगे बढ़ाने में किसी तरह की कमी नहीं आने देंगे: रामकेश निषाद
बालिका ओलंपिक के दूसरे दिन के उद्घाटन अवसर पर जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने कहा कि अमर उजाला बालिका ओलंपिक अपने आप में एक अनूठा और अलग तरीके का आयोजन है। अमर उजाला अपने इस तरह के विशिष्ट आयोजनों से समाज में उदाहरण पेश करता है। सामाजिक सरोकारों की दिशा में अमर उजाला विभिन्न कार्यक्रम हर जिले में करता है। खेलकूद प्रतियोगिताओं के प्रति बालिकाओं का उत्साहवर्धन करने वाला यह आयोजन समाज को भी एक दिशा देने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा हर क्षेत्र हैं, जरूरत उसे निखारने की है, उन्हें प्रोत्साहन देने की है। अमर उजाला इसी तरह समाज को एक दिशा देने का काम करे। देश और प्रदेश की सरकार भी बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए समय-समय पर इस तरह के आयोजन करती है। हम इसमें किसी तरह की कमी नहीं होने देंगे।
बेटियां सशक्त, जरूरत उन्हें एक प्लेटफार्म देने की हैः रजनी तिवारी
बालिका ओलंपिक में बेटियों का उत्साहवर्धन करते हुए उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि कौन कहता है कि देश में महिला सशक्तीकरण की जरूरत है। हमारी बेटियां पहले से सशक्त हैं, जरूरत उन्हें सिर्फ एक अवसर देने, एक प्लेटफार्म देने की है। सिडनी ओलंपिक में जब 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी ने पदक जीता था तो पूरे देश में धूम मच गई थी। उसके बाद फिर एक के बाद एक सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, मैरी कॉम, साक्षी मलिक आदि ने विभिन्न बाधाएं पार करते हुए ऊंचाई पर पहुंची और मेडल भी जीता। इनका संघर्ष बेटियों को प्रेरणा देने वाला है। उन्होंने कहा कि अमर उजाला की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण है। अमर उजाला हर जिले में इस तरह के आयोजन कर महिला सशक्तीकरण की एक मिसाल पेश करता है। आप सभी मेहनत, लगन और परिश्रम से आगे बढ़ें। रजनी तिवारी ने कहा कि पिछली सरकार तो महिला सशक्तीकरण पर भाषण ही देती रही। 2017 में केंद्र सरकार ने खेलो इंडिया की शुरुआत कर बेटियों को एक बेहतर अवसर दिया। प्रदेश सरकार भी गांव स्तर पर खेल के मैदान विकसित कर रही है। हाल में विश्वविद्यालयों की एक प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें 4000 से अधिक युवाओं ने भाग लिया। केंद्र और प्रदेश की सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए सोचती नहीं, करती है।
खेलों को आगे बढ़ाने पर सरकार का खास जोरः सुरेश कुमार खन्ना
अमर उजाला खेल खिलाड़ी उत्तर प्रदेश बालिका आलंपिक-2023 के दूसरे दिन मुख्य अतिथि वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अमर उजाला को बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों से बालिका खिलाड़ियों को बुलाकर नई शुरुआत की है। वित्तमंत्री ने कहा कि खेलों को आगे बढ़ाने के लिए योगी सरकार का खास जोर है। खेलों के लिए वर्ष 2022-23 में 410 करोड़ रुपये की व्यवस्था थी। वर्तमान सत्र में 957 करोड़ रुपये की व्यवस्था खेलों के लिए की गई है। सरकारी नौकरी में दो फीसदी का आरक्षण खेलों को बहुत आगे बढ़ाएगा।
खन्ना ने कहा कि 75 वर्ष पहले महिलाएं घूंघट में भी घर से बहुत कम बाहर निकलती थीं। कार चलाते देखना तो अजूबा था। आज तस्वीर बदल गई है। मिशन शक्ति के युग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने अप्रत्याशित तरक्की की है, जिसमें महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है। प्रदेश को लेकर लोगों की सोच में बदलाव आया है। महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लक्ष्य को प्रदेश में चरितार्थ किया गया है।
सुरेश खन्ना ने कहा कि कन्या सुमंगला योजना के तहत छह चरणों में 15 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। अभी तक करीब 16 हजार को फायदा मिला है। आज अंतर्राष्ट्रीय खेलों में महिलाएं शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण महिला सशक्तीकरण का परिचायक हैं। पीटी ऊषा, बछेन्द्री पाल, सानिया मिर्जा जैसी खिलाड़ी हमारी पहचान हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर से खिलाड़ियों को एक मैदान पर लाने से उनके विश्वास में बढ़ोतरी होगी।
राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय फलक पर चमकेंगी बेटियांः दिनेश प्रताप सिंह
बालिका ओलंपिक में दूसरे दिन उद्घाटन सत्र में उद्यान व कृषि विपणन, निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि समाज हित में काम करने में जो संतुष्टि मिलती है, वह किसी और चीज में नहीं मिलती है। निश्चित रूप से बालिका ओलंपिक के आयोजन के बाद आप सभी को काफी संतोष मिलेगा। उन्होंने कहा कि बालिका ओलंपिक से निकलकर बेटियां राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय फलक पर प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। इसमें अमर उजाला की महती भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि अमर उजाला अपने मूल काम के साथ-साथ समाज के लिए भी काम करता रहता है। संस्थान ने हमेशा अपने आयोजनों के माध्यम से बेटियों को, युवाओं को आगे बढ़ाने काम किया है। इस तरह के अनुकरणीय आयोजन के लिए बधाई। मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से भी समय-समय पर इस तरह के आयोजन करके बेटियों को अवसर उपलब्ध कराया जाता है।
महिला सशक्तीकरण की नई इबारत लिखेगा बालिका ओलम्पिक: आशीष पटेल
प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि अमर उजाला बालिका ओलम्पिक का आयोजन महिला सशक्तीकरण की नई इबारत लिखेगा। जन सरोकार की दिशा में अमर उजाला समूह का यह आयोजन प्रदेश की बेटियों के लिए नए अवसर लेकर आया है। इससे बेटियों को अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का मौका मिलेगा। दूसरे दिन के उद्घाटन सत्र में उन्होंने बालिकाओं का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने इस आयोजन के लिए अमर उजाला समूह की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में इस तरह के कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके जरिए प्रतिभावान बेटियों को अपनी खेल विधा का मुख्यालय पर आकर प्रदर्शन करने का मौका मिलता है। आज बच्चों का उत्साह और ऊर्जा देखकर लग रहा है कि यह आयोजन पूरी तरह सफल साबित हुआ है। भविष्य में भी ऐसे आयोजनों से तमाम बेटियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुअवसर प्राप्त होगा।
प्रशासन से लेकर सेना तक में प्रतिभा दिखा रहीं बेटियां: राठौर
सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि अमर उजाला ने प्रदेश की बालिकाओं का हौसला बढ़ाया है। ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए। बेटियां अब हर क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं। प्रशासन संभालने से लेकर सेना तक में अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं। प्रधानमंत्री ने नारा दिया है कि बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ। इस नारे में अब बेटियों को खिलाड़ी बनाओ भी जुड़ गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेटियों के अनुकूल प्रदेश का माहौल तैयार किया है। एंटी रोमियो अभियान चलाने के बाद बेटियां बिना किसी झिझक के बाहर निकल रही हैं। वे अपनी मेहनत और योग्यता के दम पर मंजिल हासिल कर रही हैं। उन्होंने गुरु द्रोणाचार्य और अर्जुन से जुड़े प्रसंगों का जिक्र करते हुए लक्ष्य के लिए आगे बढ़ने का संदेश दिया।
बेटियां हर क्षेत्र में आगे: विजय लक्ष्मी
ग्राम्य विकास राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने कहा कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। इसे अमर उजाला ने और गति दी है। बालिका ओलंपिक के जरिये ग्रामीण बालिकाओं को मंच देकर सराहनीय कार्य किया है। केंद्र व राज्य सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि आज गांवों से प्रतिभाशाली बच्चे हर खेल में देश- विदेश में यूपी का परचम लहरा रहे हैं। राज्य सरकार की कोशिश है कि हर समाज के बच्चों का संपूर्ण विकास हो। बेटियां खेलों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी से लेकर राजनीति तक में आगे आ रही हैं। उन्होंने अमर उजाला के आयोजन की तारीफ करते हुए कहा कि यहां हर जिले से आई बेटियां अलग संदेश दे रही हैं।
गांव-गांव बढ़ा खेल के प्रति उत्साह: सक्सेना
वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण सक्सेना ने कहा कि भाजपा सरकार में गांव-गांव खेलों के प्रति उत्साह बढ़ा है। हर जगह खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है। गांवों में स्टेडियम बन रहे हैं। कबड्डी, हॉकी ही नहीं हर खेल के प्रति युवा तैयार हो रहे हैं। संसाधनों के समुचित विकास से छोटे-छोटे गांवों से खेल प्रतिभाएं निकल रही हैं। खेल से एकाग्रता आती है। जो खिलाड़ी होते हैं, उनमें कुछ भी कर गुजरने की हिम्मत होती है। अमर उजाला की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन निरंतर चलते रहने चाहिए। अमर उजाला परिवार ने पेड़ लगाने से लेकर बेटी बचाने तक का अभियान चला रखा है। वह अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रहा है।
गांवों में बच्चों को मिला खेलने का अवसर: नवनीत सहगल
खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि अमर उजाला ने गांव-गांव की बालिकाओं को राजधानी लखनऊ में एकत्र कर बड़ा काम किया है। इससे बच्चियों को खेलने का अवसर मिला है। सरकार की योजनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हर गांव में बच्चों को खेलने के लिए संसाधनों का विकास किया जा रहा है। खेल मैदान तैयार किए जा रहे हैं। पुराने मैदान को सुधारा जा रहा है। अच्छे प्रशिक्षकों के जरिये गांवों में छिपी प्रतिभाओं को निखारा जा रहा है। ऐसा माहौल बनाया गया है कि पढ़ने-लिखने ही नहीं, बल्कि खेलने-कूदने से भी बच्चे आगे बढ़ सकते हैं।

 

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