एक जोन के दो शख्स चयन समिति में क्यों?

उत्तर और मध्य क्षेत्र से कोई चयनकर्ता क्यों नहीं?
क्या अगरकर को मुख्य चयनकर्ता बनाने के लिए बीसीसीआई ने तोड़ा नियम
खेलपथ संवाद
मुम्बई।
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सीनियर पुरुष चयन समिति का मुख्य चयनकर्ता बनाया है। अगरकर को मुख्य चयनकर्ता बनाने के फैसले को भारतीय क्रिकेट के लिए सही दिशा में उठाया गया कदम कहा जा रहा है। चार महीने से खाली पद को बीसीसीआई ने आखिरकार भर दिया है। पूर्व क्रिकेटर चेतन शर्मा को एक टीवी समाचार चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद पद छोड़ना पड़ा था। उनके स्थान पर शिवसुंदर दास अंतरिम मुख्य चयनकर्ता के तौर पर काम कर रहे थे।
अगरकर करीब एक दशक में चयन समिति के सबसे हाई-प्रोफाइल सदस्य हैं। 2007 में टी20 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे इस खिलाड़ी ने 26 टेस्ट और चार टी20 मैचों के अलावा 191 वनडे खेले हैं। उनके नाम भारतीय खिलाड़ी द्वारा सबसे तेज वनडे अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड है। इसके अलावा वह सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज भी हैं।
अगरकर जिस चयन समिति के अध्यक्ष बने हैं उसमें पहले से सुब्रतो बनर्जी (पूर्व क्षेत्र), एस शरथ (दक्षिण क्षेत्र), शिवसुंदर दास (पूर्व क्षेत्र) और सलिल अंकोला (पश्चिम क्षेत्र) हैं। अगरकर खुद पश्चिम क्षेत्र से आते हैं। ऐसे में दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनसे दो-दो चयनकर्ता हो गए हैं। पश्चिम क्षेत्र से सलिल अंकोला के बाद अगरकर चुने गए हैं। उत्तर क्षेत्र और मध्य क्षेत्र से कोई चयनकर्ता नहीं है। आदर्श रूप से इन्हीं क्षेत्रों से ही चयनकर्ता का चयन होना चाहिए था।
दरअसल, उत्तर और मध्य क्षेत्र से किसी अन्य हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार ने चयनकर्ता पद के लिए आवेदन नहीं किया। ऐसे में बीसीसीआई के पास पांच क्षेत्रों से पांच चयनकर्ताओं को नियुक्त करने की पुरानी प्रथा को खत्म करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। अब तो क्षेत्र भी पांच नहीं रहे। लोढ़ा समिति की सिफारिशों के बाद उत्तर-पूर्व क्षेत्र भी बनाया गया।
एक क्षेत्र से दो चयनकर्ताओं को चुनकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कोई नियम नहीं तोड़ा है। हां, बोर्ड ने इन कई सालों तक एक परंपरा का पालन किया, लेकिन आरएम लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार तैयार किए गए इसके संविधान में क्षेत्रीय आधार पर चयनकर्ताओं की नियुक्ति से संबंधित ऐसा कोई नियम नहीं है। ऐसे में बीसीसीआई ने कोई नियम नहीं तोड़ा है। लोढ़ा समिति ने तो सिर्फ तीन चयनकर्ताओं के रहने की सिफारिश की थी, लेकिन बीसीसीआई ने इस बात को नहीं माना और उसने पांच चयनकर्ताओं की परंपरा को कायम रखा।
बीसीसीआई ने 22 जून को चयनकर्ता अध्यक्ष पद के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाले अपने विज्ञापन में भी किसी विशेष क्षेत्र के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया। विज्ञापन में कहा गया है कि पद के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को कम से कम सात टेस्ट मैच या 30 प्रथम श्रेणी मैच या 10 वनडे और 20 प्रथम श्रेणी मैच खेलने का अनुभव होना चाहिए। साथ ही उस खिलाड़ी ने पांच साल पहले संन्यास लिया हो। बीसीसीआई ने कई सालों तक चयनकर्ताओं की क्षेत्रीय नियुक्ति को एक सामान्य अभ्यास के रूप में अपनाया। इस पर कभी सवाल नहीं उठाया गया क्योंकि इसने पांच अलग-अलग क्षेत्रों के सदस्य संघों को समान प्रतिनिधित्व की अनुमति दी। अगरकर का पहला काम वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारत की टी20 टीम चुनना है। उनकी अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक इस सप्ताह के अंत में होने वाली है। भारत वेस्टइंडीज में दो टेस्ट, तीन वनडे और पांच टी20 मैच खेलेगा।

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