फाइनल से पहले भारत के खिलाफ कोई नहीं कर पाया गोल

पाकिस्तान को 4-0 से हराकर की थी शुरुआत
खेलपथ संवाद
बेंगलुरु।
भारतीय टीम ने साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन चैम्पियनशिप यानी सैफ चैम्पियनशिप का खिताब जीत लिया है। सीधे शब्दों में कहें तो टीम साउथ एशियन फुटबॉल की चैम्पियन बन गई है। फाइनल में भारत ने पेनल्टी शूट आउट में कुवैत को 5-4 से मात दी। भारत ने लगातार दूसरा मैच पेनल्टी शूटआउट में जीतकर खिताब अपने नाम किया। आमतौर पर इस टूर्नामेंट में भारत, बांग्लादेश, भुटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमें हिस्सा लेती हैं।
अफगानिस्तान ने 2005 में सैफ जॉइन किया था। हालांकि, 2015 में अफगानिस्तान ने सैफ का साथ छोड़ दिया था और सेंट्रल एशियन फुटबॉल एसोसिएशन की स्थापना की थी। आठ टीमें इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेती हैं। श्रीलंका की टीम डिस्क्वालीफाई हुई थी और अफगानिस्तान के निकलने से सिर्फ छह टीमें बच गई थीं। ऐसे में वेस्ट एशियन फुटबॉल फेडरेशन की दो टीमों- लेबनान और कुवैत को गेस्ट टीम के तौर पर बुलाया गया था। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले लेबनान की फीफा रैंकिंग 99 थी, वहीं भारत 101वें और कुवैत 143वें स्थान पर था। फाइनल आने तक भारत ने शीर्ष 100 टीमों में एंट्री ली। उसकी रैंकिंग 100 हो गई। वहीं, लेबनान 102वें और कुवैत 141वें स्थान पर पहुंच गया। 
भारत ने खुद से मजबूत लेबनान समेत सभी टीमों को शिकस्त देते हुए ट्रॉफी अपने नाम की। टीम इंडिया इस पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही। भारत के प्रभुत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फाइनल से पहले इस टीम के खिलाफ कोई भी विपक्षी खिलाड़ी गोल नहीं कर सका। फाइनल में सिर्फ कुवैत के शबीब अल खलिदी ही इस टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ गोल कर सके। वहीं, भारत ने एक आत्मघाती गोल भी किया था।
ग्रुप स्टेज में टीम इंडिया के खिलाफ एकमात्र गोल कुवैत के खिलाफ मैच में हुआ था। वह गोल भी आत्मघाती रहा था। दरअसल, भारत के डिफेंडर अनवरी अली के पैर से लगकर गेंद गोल पोस्ट में चली गई थी। इसके अलावा बाकी मैचों में टीम इंडिया का प्रदर्शन क्लीन शीट रहा। पाकिस्तान के खिलाफ शुरुआती मैच से लेकर कुवैत के खिलाफ फाइनल तक सुनील छेत्री की टीम ने फॉरवर्ड, डिफेंस, मिड-फील्ड और गोलकीपिंग, चारों विभाग में बेहतरीन प्रदर्शन किया। आइए देखते हैं हर मैच में टीम इंडिया का प्रदर्शन-
1. पाकिस्तान को 4-0 से हराया
सैफ चैंपियनशिप में भारतीय फुटबॉल टीम ने जीत के साथ शुरुआत की थी। उसने बेंगलुरु के कांतिरावा स्टेडियम में 21 जून को चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 4-0 से हरा दिया था। भारत के लिए इस मैच के हीरो कप्तान सुनील छेत्री रहे। उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान पर गोलों की बारिश कर दी। छेत्री ने हैट्रिक लगाई। उनके अलावा उदांता सिंह ने एक गोल किया। इस मैच में कई विवाद भी देखने को मिले। भारतीय कोच इगोर स्टिमैक को रेड कार्ड दिखाया गया था।
2. नेपाल को 2-0 से शिकस्त दी
सैफ चैंपियनशिप में भारतीय फुटबॉल टीम ने नेपाल को हराकर लगातार दूसरी जीत हासिल की। उसने 24 जून को ग्रुप ए के अपने दूसरे मैच में नेपाल को 2-0 से हरा दिया। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंच गई। भारत के लिए इस मैच में कप्तान सुनील छेत्री और नाओरेम महेश सिंह ने गोल दागे। भारतीय कोच स्टिमैक पर एक मैच का बैन लगाया गया था तो वह स्टेडियम में नहीं दिखे।
3. कुवैत से 1-1 से ड्रॉ खेला
सैफ चैंपियनशिप फुटबॉल में सुनील छेत्री की अगुआई वाली भारतीय टीम ने 27 जून को कुवैत के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेला। कप्तान सुनील छेत्री के गोल से टीम इंडिया ने बढ़त हासिल की थी, लेकिन दूसरे हाफ में भारत के अनवर अली के आत्मघाती गोल से स्कोर 1-1 से बराबर हो गया। इस मैच में भी जमकर विवाद हुआ। भारतीय कोच स्टेडियम में वापस तो लौटे लेकिन उन्हें दो यलो कार्ड (यानी रेड कार्ड) दिखाया गया। इसके बाद उन्हें रेफरी ने मैदान से बाहर भेज दिया। स्टिमैक पर दो मैचों का बैन लगा।
4. सेमीफाइनल में लेबनान को पेनल्टी शूटआउट में शिकस्त दी
सैफ चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में एक जून को भारतीय फुटबॉल टीम ने लेबनान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हरा दिया। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया फाइनल में पहुंच गई। निर्धारित 90 मिनट तक 0-0 की बराबरी के बाद मैच एक्स्ट्रा टाइम में चला गया। एक्स्ट्रा टाइम में भी दोनों टीमें एक भी गोल नहीं कर पाईं। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में मैच का फैसला हुआ। टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने यहां शानदार प्रदर्शन करते मैच को अपने नाम कर लिया। टीम इंडिया 13वीं बार सैफ कप के फाइनल में पहुंची।
5. कुवैत को भी पेनल्टी शूटआउट में हराया
भारत ने सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में कुवैत को पेनल्टी शूटआउट में हरा दिया और टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए खिताब अपने नाम किया। इस मैच के 14वें मिनट में कुवैत ने बढ़त बना ली थी, लेकिन भारत ने बाद में बराबरी की। एकस्ट्रा टाइम तक दोनों टीमों का स्कोर 1-1 था। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में भारत ने कुवैत को 5-4 से हराया। भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत ने शानदार प्रदर्शन किया। भारत ने नौवीं बार इस खिताब को अपने नाम किया है। भारत इससे पहले 1993, 1997, 1999, 2005, 2009, 2011, 2015 और 2021 में चैंपियन बना था। टूर्नामेंट के 14 साल के इतिहास में भारत नौ बार चैम्पियन बना है और चार बार वह उप विजेता रहा।

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