बॉडी बिल्डर रोहताश ने पटाया में जमाई धाक

मिस्टर एशिया चैम्पियनशिप में झटका रजत पदक
फिटनेस की बदौलत पूरा हुआ एयरफोर्स में जाने का सपना
खेलपथ संवाद
अम्बाला।
परिंदों को मिलेगी मंजिल एक दिन, ये फैले हुए उसके पर बोलते हैं, वही लोग रहते हैं खामोश अक्सर जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं...। यह पंक्तियां अम्बाला छावनी के गांव टुंडली निवासी 29 वर्षीय बॉडी बिल्डर रोहताश पर सटीक बैठती हैं। रोहताश ने बैंकाॅक के पटाया की जमीन पर आयोजित हुए मिस्टर एशिया चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया है।
रोहताश ने इस प्रतियोगिता में विदेशी बॉडी बिल्डरों को 60 से 65 किलोग्राम भार वर्ग में मात देकर यह मुकाम हासिल किया। पटाया में यह ओलंपिया अमेचर एशिया चैंपियनशिप 26 से 28 मई 2023 तक आयोजित हुई थी। रोहताश एयरफोर्स में हैं और अभी हैदराबाद में पोस्टिंग है। वहीं से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। वह 30 मई को बैंकाॅक से इंडिया लौटा है। परिजनों ने अंबाला पहुंचने पर रोहताश का जोरदार स्वागत किया। जिले का यह पहला बॉडी बिल्डर है, जिसने इतने बड़े स्तर पर यह मुकाम हासिल किया और बॉडी बिल्डिंग करने वाले युवाओं के लिए मिसाल बन गया।
रोहताश ने बताया कि फिटनेस को लेकर वह पांच से छह घंटे तक जिम में खूब पसीना बहाता था। उसी की बदौलत 2019 में एयरफोर्स में जाने का मौका मिला। वहां मस्कुलर बॉडी को देखकर उसे एयरफोर्स ऑफिसर अकादमी में जिम कोच चुना गया। फिलहाल वह हैदराबाद में एयर मार्शल सहित पायलट को फिटनेस का पाठ पढ़ा रहे हैं। रोहताश ने बताया कि खुद के साथ-साथ अंबाला के कई युवाओं व दोस्तों को भी ट्रेंड कर चुका है और वे भी मिस्टर इंडिया का खेल चुके हैं। इसके अलावा 17 साल की उम्र में ही बॉडी बिल्डिंग शुरू करने के बाद मिस्टर चंडीगढ़, मिस्टर पटियाला सहित आधा दर्जन खिताब अपने नाम किए है।
वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण का सपना
रोहताश ने बताया कि 2022 में पहली बार पुणे के बालावेड़ी छत्रपति शिवाजी स्टेडियम में आयोजित हुई मिस्टर यूनिवर्स चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। उस समय छठे स्थान पर आने के कारण वह मेडल से चूक गए थे। रोहताश ने बताया कि अब वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का सपना है और उसकी तैयारियों में जुटे हुआ है। छोटी बहन काजल गौरी सॉफ्ट बॉल व बैडमिंटन की खिलाड़ी हैं। पिता कुलदीप कुमार आर्मी के स्टेशन हेडक्वार्टर में सिविलियन अंबाला में तैनात हैं। मां ऊषा रानी गृहिणी हैं। दो चचेरे भाई सन्नी व अजय गौरी की मदद से यह मुकाम हासिल किया है।

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