भारत-पाकिस्तान में क्रिकेट को लेकर ही रार क्यों
क्रिकेट नहीं पर फुटबॉल-हॉकी सहित और खेलों को छूट
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच लम्बे समय से द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज नहीं हो रही है। टीम इंडिया आईसीसी के टूर्नामेंट या एशिया कप में ही उसके खिलाफ खेलती है। भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करना चाहती वहीं, पाकिस्तान भारत आना नहीं चाहता है। हालांकि, सिर्फ क्रिकेट में ही ऐसा है। अन्य खेलों में दोनों टीमों का सामना लगातार हो रहा है। दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड ने इस साल के एशिया कप और विश्व कप के लिए अपनी टीमों को सीमा पार भेजने इनकार किया है, लेकिन जब अन्य खेलों की बात आती है तो कहानी अलग होती है।
बुधवार (17 मई) को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने अगले महीने होने वाले दक्षिण एशियाई फुटबॉल (सैफ) चैम्पियनशिप को लेकर अहम घोषणा की। उसने बताया कि पाकिस्तान की टीम बेंगलुरु की यात्रा करेगी। भारत और पाकिस्तान की टीमें एक ही ग्रुप में हैं। दोनों के बीच 21 जून को मुकाबला होगा। इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तानी टीम को इजाजत मिल गई है।
सिर्फ फुटबॉल ही नहीं, बल्कि हॉकी में भी दोनों टीमें आमने-सामने होने वाली हैं। पाकिस्तान ने अगस्त में आयोजित होने वाली एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपनी टीम को चेन्नई भेजने का मन बनाया है। हालांकि, इसके लिए पाकिस्तानी टीम को फंडिंग की आवश्यकता होगी। अगर उसे सहायता मिल जाती है तो हॉकी टीम भी इस साल भारत का दौरा करेगी। पिछले हफ्ते पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने कहा कि उसके महासचिव हैदर हुसैन ने देश के खेल बोर्ड को एक पत्र लिखा था, जिसमें उनसे भारत की यात्रा के लिए एनओसी मांगी गई थी। एक वीडियो संदेश में हुसैन ने कहा, "पाकिस्तान निश्चित तौर पर (चेन्नई) जाएगा।" फुटबॉल और हॉकी के बाद अगर ब्रिज खेल की बात करें तो भारतीय टीम हाल ही में लाहौर गई। पाकिस्तान में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल के बीच टीम इंडिया के खिलाड़ी वहां गए। खिलाड़ियों ने यह दावा किया कि उनका सत्कार वहां शानदार हुआ।
चार साल पहले हुआ था यह विवाद
फुटबॉल और हॉकी महासंघ फीफा और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमों से बंधे हैं। ये नियम किसी देश को किसी भी देश के एथलीटों के साथ भेदभाव करने से रोकते हैं। चार साल पहले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने सरकार द्वारा पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा नहीं दिए जाने के बाद भारत से वैश्विक आयोजनों की मेजबानी छीन ली थी। पाकिस्तानी टीम को नई दिल्ली में विश्व कप में भाग लेना था।
क्रिकेट एक ओलंपिक खेल नहीं है। इस कारण इस पर आईओसी के नियम लागू नहीं होते। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने भारतीय और पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्डों के बीच चल रहे झगड़े में खुद को शामिल नहीं किया। इससे गतिरोध पैदा हुआ।
भारतीय टीम इस साल एशिया कप के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करने वाली है। इस कारण पाकिस्तान से मेजबानी भी छीन गई है। अब वह टूर्नामेंट का आयोजन दूसरे देश में करेगा। एशिया कप तक ही भारत और पाकिस्तान का विवाद समाप्त नहीं हुआ है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड भारत में होने वाले विश्व कप के लिए अलग-अलग तरह के बयान दे रहा है। अब देखना है कि दोनों टूर्नामेंट को लेकर दोनों देशों का क्या रुख रहता है।