एशियाई कुश्ती में छाये हरियाणा के पहलवान

पुरुष और महिला पहलवानों ने चैम्पियनशिप में 7-7 मेडल जीते
खेलपथ संवाद
सोनीपत।
सीनियर एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में हरियाणा के पहलवानों ने धूम मचा दी। गर्व की बात यह है कि चैम्पियनशिप में देश को मिले सभी 14 मेडल हरियाणा के पहलवानों ने जीते। भारतीय टीम में शामिल पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व अन्य स्थानों के पहलवानों के हाथ खाली रहे। भारतीय कुश्ती महासंघ के साथ विवाद के बीच पहलवानों ने यह कारनामा किया है। देश के स्टार पहलवान रवि दहिया, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लिया। उनकी अनुपस्थिति में नवोदित पहलवानाें ने मोर्चा संभालते हुए देश की झोली मेडलों से भर दी।
सीनियर एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप-2023 का आयोजन कजाकिस्तान के अस्ताना शहर में 9 से 14 अप्रैल तक किया गया। इसके पहले ही दिन से देश के पहलवानों ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए 3 मेडल अपने नाम किये। भारत का विजयी रथ 14 अप्रैल की रात अपने 14वें मेडल पर जाकर रुका। जीते गए मेडलों में एक गोल्ड, 3 सिल्वर और 10 ब्रांज हैं। पुरुष और महिला पहलवानों ने चैम्पियनशिप में 7-7 मेडल जीते। पिछली एशियन चैम्पियनशिप में महिला पहलवानों को 5 मेडल मिले थे, लेकिन इस बार उन्होंने 7 मेडल जीतकर ओवरऑल तीसरा स्थान हासिल किया है।
झज्जर के अमन सहरावत ने फ्रीस्टाइल के 57 किलोग्राम भार वर्ग में देश के लिए गोल्ड जीता। सोनीपत के रूपिन ने ग्रीको रोमन के 55 किलोग्राम भार वर्ग, हिसार की अंतिम पंघाल ने 53 किलोग्राम और रोहतक की निशा दहिया ने 68 किलोग्राम में सिल्वर मेडल जीते। सोनीपत के नीरज छिक्कारा ने ग्रीको रोमन के 63 किलोग्राम, सुनील मलिक ने 87 किलोग्राम, अनिरुद्ध गुलिया ने फ्री स्टाइल के 125 किलोग्राम, अंशु मलिक ने 57 किलोग्राम, सोनम मलिक ने 62 किलोग्राम भार वर्ग में ब्राॅन्ज मेडल अपने नाम किये। इनके अलावा, झज्जर के विकास ने 72 किलोग्राम, हिसार के दीपक ने फ्री स्टाइल के 79 किलोग्राम, रोहतक की मनीषा ने 65 किलोग्राम, रीतिका हुड्डा ने 72 किलोग्राम और जींद की प्रिया ने 76 किलोग्राम भार वर्ग में ब्राॅन्ज मेडल जीते।
महिला पहलवानों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2 सिल्वर समेत 7 मेडल जीते हैं। पिछले दिनों हुई खींचतान के चलते अभ्यास शिविर नियमित रूप से नहीं चल पाया, अन्यथा इन मेडलों का रंग गोल्ड या सिल्वर होता। अब हमारा अगला लक्ष्य आगामी प्रतियोगिताओं में पदकों का रंग बदलते हुए और अधिक मेडल जीतना है।
-वीरेंद्र दहिया, कोच, भारतीय महिला कुश्ती टीम

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