छह माह से घर नहीं गए पहलवान अमन सहरावत
स्वर्ण पदक जीत एशियाई चैम्पियनशिप में देश को किया गौरवान्वित
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। युवा पहलवान अमन सहरावत ने एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया है। इस पहलवान ने बीते गुरुवार को एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में देश को स्वर्ण पदक दिलाया। हालांकि इस स्वर्ण को पाने के लिए उन्होंने कड़ा संघर्ष किया है। हरियाणा के झज्जर के अमन ने इस चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का संकल्प लिया था और इसके चलते वह छह महीने से अपने घर नहीं गए हैं।
अमन सहरावत का घर झज्जर के बिरहोड़ गांव में है। वह दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कोच प्रवीन दहिया के साथ अभ्यास करते रहे या फिर सोनीपत के बहालगढ़ में राष्ट्रीय शिविर में मौजूद रहे, लेकिन घर की दहलीज पर नहीं चढ़े। कोच प्रवीण का कहना है कि अमन के लिए एशियाई चैम्पियनशिप काफी अहम है। उसने पहले ही सोच लिया था कि मुझे इस चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतना है।
वह अंडर-23 में विश्व चैम्पियन तो बन गए थे, लेकिन एशियाई कुश्ती में भी उन्हें स्वर्ण जीतना था। वह पिछले साल अक्टूबर में दीवाली के बाद से अपने घर नहीं गए हैं। वह या तो हमारे साथ रहता था या फिर बहालगढ़ में था। मेरी जब उससे बात होती थी तो मैंने उससे कहता था कि तुम एक बार अपने घर चले जाया करो। लेकिन उसने मना कर दिया। उसका कहना था कि इससे मेरी तैयारियों पर असर पड़ सकता है।
हालांकि अमन का यहां तक पहुंचने का सफर भी आसान नहीं रहा है। उनके सामने कई कड़ी चुनौतियां थीं, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। बचपन में उसके माता-पिता का देहांत हो गया। फिर आर्थिक स्थिति भी खराब थी। एक छोटी बहन है जिसकी पढ़ाई का खर्च भी उसके कंधों पर था, लेकिन ये अमन थे जिन्होंने कभी घुटने नहीं टेके। कोच प्रवीन ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन करीब चार महीने पहले जब उसकी रेलवे में नौकरी लगी तब जाकर थोड़ा सुधार हुआ। वह लगातार दो साल से राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में सीनियर स्तर पर स्वर्ण पदक जीत रहा है।