दादी भगवानी देवी ने पोलैंड में फहराया तिरंगा

95 साल की एथलीट ने तीन गोल्ड मेडल जीत रचा इतिहास
नौवीं वर्ल्ड मास्टर्स एथलीट इंडोर चैम्पियनशिप
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
उम्र में अंकों का कोई महत्व नहीं होता इस बात को सही साबित किया है 95 साल की दादी भगवानी देवी ने पोलैंड में भारतीय तिरंगा फहराकर। कहते भी हैं कि यदि जज्बा मजबूत हो तो मंजिल जरूर मिलती है। यही कुछ कर दिखाया है 95 साल की एथलीट दादी भगवानी देवी डागर ने। उम्र को दरकिनार कर वह कई प्रतियोगिताओं में एक साल में 95 पदक जीत चुकी हैं। दिल्ली के नजफगढ़ की एथलीट दादी भगवानी देवी डागर ने पोलैंड में आयोजित नौवीं वर्ल्ड मास्टर्स एथलीट इंडोर चैम्पियनशिप 2023 में तीन गोल्ड जीतकर भारत की झोली में डाले हैं।
भगवानी देवी दादी ने 60 मीटर दौड़, डिस्कस थ्रो और शॉटपुट में स्वर्ण पदक जीते हैं। इससे पहले पिछले साल 2022 में उन्होंने फिनलैंड में आयोजित वर्ल्ड मास्टर एथलेटिक्स इंडोर चैम्पियनशिप में भी तीन मेडल जीते थे। पूरे देश में उनकी बहुत सराहना हुई थी, तो देखते ही देखते सेलिब्रिटी बन गईं। लाखों-करोड़ों महिलाओं के दिल में उन्होंने उम्मीद की किरण जगाई। 
तीन स्वर्ण पदक जीत कर मंगलवार सुबह भारत लौटीं भगवानी देवी डागर का दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हज़ारों लोगों ने जोरदार स्वागत किया। उत्साह और जोश से भरपूर दादी को स्वर्ण रजत या कांस्य पदक की कोई जानकारी नहीं है। बस उन्होंने अपने मन में ठाना था कि वे खेलों में पीला मेडल (स्वर्ण पदक) लेकर आएंगी। हवाई अड्डे पर संवाददाताओं को उन्होंने बताया, “मुझे पूरी उम्मीद थी कि मैं पीला मेडल जीतूंगी। मेरी जीत का राज है मैं देसी घी में बना खाना खाती हूं। शाम को पार्क में घूमती हूं। मैं देश के सभी नौजवानों से कहना चाहती हूं कि खेलो कूदो, दौड़ लगाओ, दूसरे देशों में जाकर मेडल जीत कर अपने देश का नाम रोशन करो। मैं आगे भी जब कहीं जाऊंगी तो हमेशा अपने देश के लिए गोल्ड ही जीतकर लाऊंगी।"
संस्था अपराजिता ने दादी के सपनों को दी उड़ान
90 के पार अद्भुत जोश और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों के लिए सन्मार्ग अपराजिता की खेल जूरी ने दादी को पिछले वर्ष यू इंस्पायर श्रेणी के लिए चुना था। महिलाओं को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित करना और जीवन में कुछ नया कर गुज़रने की चाह रखने वाली महिलाओं को अपराजिता संस्था पिछले दस वर्षों से न केवल सम्मानित कर रही है, बल्कि उनके सपनों की उड़ान पूरी करने के लिए आर्थिक मदद भी कर रही है। अपराजिता की संस्थापिका रूचिका गुप्ता ने पिछले वर्ष एथलीट दादी को कोलकाता में एक भव्य समारोह में सम्मानित किया था। इस वर्ष पोलैंड प्रतियोगिता को स्पांसर किया और जाने से पहले उनके लिए अपराजिता जर्सी भी लांच की थी।
फिर से भारत का मान बढाने वाली दादी की जीत पर रूचिका गुप्ता ने कहा कि पोलैंड के सात डिग्री तापमान में विपरीत हालात में 95 वर्ष की आयु में भी तीन गोल्ड मेडल लाना गर्व की बात है। यह केवल दादी की जीत नहीं है ये भारत की उन लाखों महिलाओं की जीत है जो हर रोज़ अपने सपने पूरा करना चाहती हैं। ये कभी न रुकने वाली भावनाओं की जीत है। उन्होंने अपराजिता को दुनिया के नक्शे पर लाने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि पूरे अपराजिता परिवार को उन पर गर्व है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दादी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए उनको बधाई देते हुए कहा कि 95 साल की उम्र में यह कर दिखाना किसी करिश्मे से कम नहीं है। उनकी स्पिरिट वाकई प्रेरित करने वाली है और हमें अपने बुजुर्गों पर बहुत गर्व है।

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