आखिरी तीन ओवर में हारी लखनऊ की टीम

पिछले मैच के विलेन तुषार देशपांडे ने पलटा मैच
खेलपथ संवाद
चेन्नई।
आईपीएल 2023 में चेन्नई की टीम ने पहली जीत हासिल कर ली है। चार साल बाद अपने घरेलू मैदान चेपॉक में खेलते हुए चेन्नई ने लखनऊ सुपर जाएंट्स को 12 रन से हराया। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स ने सात विकेट पर 217 रन बनाए थे। इसके जवाब में लखनऊ की टीम सात विकेट खोकर 205 रन ही बना सकी और 12 रन से मैच हार गई। 
इस मैच में चेन्नई के लिए सबसे ज्यादा 57 रन ऋतुराज गायकवाड़ ने बनाए। कॉन्वे ने 47, शिवम दुबे और रायुडू ने 27 रन की पारी खेली। वहीं, लखनऊ के लिए कायेल मेयर्स ने 53 रन बनाए। पूरन ने 32 और बदोनी ने 23 रन की पारी खेली। आइए जानते हैं कैसे चेन्नई ने सपाट पिच पर यह मैच अपने नाम किया।
महेंद्र सिंह धोनी एक दशक से चेन्नई के मैदान पर स्पिन गेंदबाजों के दम पर मैच जीतते रहे हैं। इस मैच भी कुछ ऐसा ही हुआ। धोनी ने बीच के ओवरों में मोईन अली और मिचेल सैंटनर का शानदार इस्तेमाल किया। अली ने चार ओवर में 26 रन देकर चार अहम विकेट लिए और लखनऊ की लंबे बल्लेबाजी क्रम को आधा साफ कर दिया। सैंटनर ने भी उनका साथ दिया और चार ओवर में सिर्फ 21 रन देकर एक विकेट लिया। इन्हीं दोनों गेंदबाजों ने मैच में चेन्नई की वापसी कराई। क्योंकि, लखनऊ ने 218 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पावरप्ले में ही 80 रन बटोर लिए थे और आसानी से मैच जीतने की तरफ बढ़ रही थी। 
राहुल और मेयर्स की जोड़ी सिर्फ 32 गेंद में 79 रन जोड़ चुकी थी। इसके बाद अली ने मेयर्स को आउट कर पहली सफलता दिलाई। सैंटनर ने हूडा को फंसाया तो अली ने कप्तान राहुल, क्रुणाल पांड्या और स्टोइनिस को आउट कर चेन्नई को फिर से मैच में वापस ला दिया। तुषार देशपांडे ने चेन्नई के पिछले मुकाबले में नो बॉल की थी और जमकर रन लुटाए थे। चेन्नई की हार में उनका अहम योगदान था, लेकिन इस मैच में वही जीत की वजह बने। पहले ओवर में 18 रन लुटाने के बावजूद धोनी ने उन पर भरोसा जताया और लखनऊ की पारी के 18वें ओवर में उन्होंने सिर्फ सात रन दिए। यहीं से मैच चेन्नई के पक्ष में आ गया। 
लखनऊ की टीम विकेट गिरने के बावजूद तेजी से रन बना रही थी और मैच में बनी हुई थी। आखिरी तीन ओवर में लखनऊ को जीत के लिए 18 गेंद में 44 रन चाहिए थे। कृष्णप्पा गौतम और आयुष बदोनी क्रीज पर थे। दोनों बड़े शॉट लगाने में माहिर हैं और लखनऊ के पास मैच जीतने का अच्छा मौका था। हालांकि, ये दोनों अगले दो ओवर में कोई चौका छक्का नहीं लगा सके। तुषार के 18वें ओवर में सिर्फ सात रन बने। वहीं, हंगरगेकर के 19वें ओवर में तीन वाइड के बावजूद सिर्फ नौ रन बने। इसी वजह से लखनऊ की टीम मैच में बहुत पीछे रह गई और आखिरी ओवर में 15 रन आने के बावजूद यह टीम 12 रन से हार गई। 
इस मैच में धोनी ने आखिरी ओवरों में ऑफ स्टंप के बहुत बाहर वाइड लाइन के करीब गेंदबाजी कराने का प्लान बनाया था। इस गेंद को करने में अक्सर वाइड बॉल का डर रहता है। इस मैच में भी ऐसा ही हुआ। 17वें ओवर में दीपक चाहर ने लगातार तीन वाइड गेंद की। 19वें ओवर में हंगरगेकर ने भी तीन वाइड गेंद की, लेकिन धोनी अपनी रणनीति में बने रहे। इसी वजह से लखनऊ के बल्लेबाज आखिरी पांच ओवर में सिर्फ दो छक्के और एक चौका लगा सके, जबकि पहले 15 ओवर में इसी टीम ने सात छक्के और 12 चौके लगाए थे।
चेपॉक की पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार थी और दोनों टीम के बल्लेबाजों ने आसानी से रन बनाए। चेन्नई के लिए ऋतुराज और कॉन्वे के बाद शिवम दुबे और रायुडू ने कमाल किया। अंत में धोनी ने दो छक्के लगाए और यही 12 रन हार-जीत का अंतर साबित हुए। वहीं, लखनऊ के लिए मेयर्स और राहुल के बाद स्टोइनिस, पूरन और बदोनी ने कमाल किया। 

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