वनडे वर्ल्ड कप का कोई मैच मोहाली स्टेडियम में नहीं

वजह पार्किंग प्रॉब्लम, करप्शन के आरोप
5 अक्टूबर से शुरू होगा वर्ल्ड कप
खेलपथ संवाद
मोहली।
वनडे वर्ल्ड कप 2023 के सभी 48 मैच इस बार भारत में होंगे। टूर्नामेंट के लिए देश के 12 अलग-अलग शहर शॉर्टलिस्ट कर लिए गए हैं। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 19 नवंबर को फाइनल मुकाबला होगा। शॉर्टलिस्ट हुए शहरों में पंजाब के मोहाली का नाम नहीं है, जहां 2011 में भारत-पाकिस्तान के बीच वनडे वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया था।
इसी स्टेडियम में 2016 टी-20 वर्ल्ड कप में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच अहम लीग मैच भी हुआ था। इतने अहम मैचों की मेजबानी के बावजूद मोहाली का नाम शॉर्टलिस्ट नहीं होना एक चौंकाने वाला फैसला है। भास्कर ने अपने सूत्रों से शहर को शॉर्टलिस्ट नहीं किए जाने की वजह जाननी चाही। जो वजहें सामने आईं, उन्हें ही इस खबर में हम जानेंगे।
ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वनडे वर्ल्ड कप 5 अक्टूबर से शुरू होकर 19 नवंबर तक चलेगा। 10 टीमों के टूर्नामेंट में 45 लीग और 3 नॉकआउट मैच होंगे। 48 मैच 46 दिन तक चलेंगे, इन मैचों के लिए 12 शहरों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। वहीं फाइनल मुकाबला अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा। जिन शहरों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, उनमें बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, धर्मशाला, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद और मुंबई में अक्सर वर्ल्ड कप के मुकाबले होते आए हैं। इस बार गुवाहाटी, लखनऊ, इंदौर और राजकोट को भी इस लिस्ट में जोड़ा गया है।
मोहाली को शॉर्टलिस्ट क्यों नहीं किया गया?
मोहाली में बना पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन का आईएस बिंद्रा स्टेडियम शॉर्टलिस्ट किए गए स्टेडियम में जगह नहीं बना सका। यहां इन दिनों खालिस्तानी आंदोलन चल रहा है। इसके अलावा पार्किंग की समस्या और करप्शन के आरोप भी बड़ी वजह हैं।
34 हजार दर्शक बैठ सकेंगे नए स्टेडियम में
मोहाली में इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए नया स्टेडियम बनने का काम 2017-18 में शुरू हुआ। स्टेडियम 2019-20 में बन कर तैयार होना था। लेकिन कोरोना के कारण बीच में काम रोकना पड़ा। अब बताया जा रहा है कि नया स्टेडियम 90 से 95% बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन यहां इंटरनेशनल लेवल के मैच आयोजित कराने के लिए 2024 तक का इंतजार करना होगा।
वनडे वर्ल्ड कप इसी साल अक्टूबर-नवंबर में होना है। इस कारण यहां मैच नहीं हो सकेंगे। नया स्टेडियम पुराने स्टेडियम से करीब 10 किलोमीटर दूर मुल्लांपुर के तोगा और तीरा गांव में बनाया जा रहा है। जिसका नाम महाराजा यादविंद्र सिंह क्रिकेट स्टेडियम होगा। इस स्टेडियम में घरेलू और इंटरनेशनल मैचों के लिए अलग-अलग ग्राउंड होंगे। साथ ही इंटरनेशनल मैचों के लिए दर्शक क्षमता करीब 35 से 40 हजार तक रहेगी।
पुराने स्टेडियम में क्यों नहीं हो सकते मैच?
पुराने स्टेडियम में पार्किंग की समस्या है। इस कारण यहां अब इंटरनेशनल मैच होने भी कम हो गए। पिछले 4 साल में यहां एक टी-20 इंटरनेशनल ही खेला गया। ऐसे में भास्कर ने जब इस बात की पड़ताल की तो पता चला कि आईएस बिंद्रा स्टेडियम शहर के बीचों-बीच बना हुआ है। जहां शुरुआत में पार्किंग की समस्या नहीं थी, लेकिन शहर की बढ़ती आबादी के बाद अब यहां पार्किंग की समस्या होने लगी है।
मैच के दौरान ट्रैफिक भी बहुत बढ़ जाता है, जिस कारण आम जनता के साथ टीमों को भी आने-जाने में परेशानी होती है। वर्ल्ड कप जैसे बड़े इवेंट में इस तरह की भीड़ का सामना न करना पड़े इसीलिए नए स्टेडियम को बनाने का काम शुरू हुआ। वर्ल्ड कप से पहले नया स्टेडियम तैयार नहीं होगा, लेकिन पार्किंग और ट्रैफिक जैसी समस्या के चलते पुराने स्टेडियम में भी मैच नहीं होंगे।
इंटरनल पॉलिटिक्स भी आई सामने
टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी और पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (PCA) के चीफ एडवाइजर हरभजन सिंह ने पिछले दिनों एसोसिएशन में करप्शन के आरोप लगाए थे। उन्होंने 7 अक्टूबर 2022 को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और BCCI को ऑफिशियल लेटर लिखकर करप्शन की बात कही थी। जिसके बाद PCA पर इंटरनल इन्वेस्टिगेशन जारी है। इस कारण भी यहां लंबे समय से इंटरनेशनल क्रिकेट मैच के आयोजनों को प्राथमिकता नहीं दी गई।
दो वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी के मैच हुए
22 नवंबर 1993 को भारत और साउथ अफ्रीका के बीच यहां पहली बार लिमिटेड ओवर्स का कोई मुकाबला खेला गया। हीरो कप का यह मुकाबला भारत ने 43 रन से जीता। इसके बाद यहां 25 वनडे मुकाबले खेले गए। इनमें 1996 और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप और 2006 चैंपियंस ट्रॉफी के मैच शामिल हैं। आखिरी बार 2019 में यहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे मैच हुआ, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता।
इसी मैदान पर 2011 में भारत और पाकिस्तान के बीच वनडे वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया। जिसे भारत ने जीतकर फाइनल में जगह बनाई। 2 अप्रैल 2011 को मुंबई में हुए श्रीलंका के खिलाफ फाइनल को जीतकर भारत ने दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप भी जीता था।
खालिस्तान की समस्या तो वजह नहीं?
पंजाब में इस वक्त खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी की कार्रवाई चल रही है। पंजाब पुलिस अमृतपाल को गिरफ्तार करने में लगी है। वहीं अमृतपाल के कुछ समर्थक अलग-अलग गुट बनाकर शहर भर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। एक गुट स्टेडियम से 2-3 किलोमीटर दूर भी बना है। ऐसे में माना जा रहा था कि इस वजह से भी मोहाली को वर्ल्ड कप के लिए शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया। इस समस्या का समाधान 13 अप्रैल को आने वाली लोहड़ी से पहले तक कर लिया जाएगा। जो गुट आंदोलन कर रहे हैं, वे ज्यादा दिनों तक नहीं टिकेंगे। ऐसे में वर्ल्ड कप मैचों की मेजबानी नहीं मिलने के पीछे खालिस्तान वजह नहीं है। 
आईपीएल का नया सीजन 31 मार्च से शुरू हो रहा है। मोहाली का IS बिंद्रा स्टेडियम पंजाब किंग्स टीम का होम ग्राउंड है। जहां एक अप्रैल को ही दोपहर 3:30 बजे पंजाब टीम का कोलकाता नाइट राइडर्स से मुकाबला होगा। खालिस्तानी समर्थक आंदोलन के चलते इस मैच में परेशानी आ सकती है। एक अप्रैल के बाद यहां 13, 20 और 28 अप्रैल को भी मैच हैं।
2019 के बाद अब होने हैं IPL के मैच
2019 का IPL सीजन पिछली बार होम और अवे फॉर्मेट में हुआ था। 2020 और 2021 में कोरोना के चलते UAE में IPL शिफ्ट किया गया। 2022 में महाराष्ट्र के 3 शहरों में टूर्नामेंट कराना पड़ा। अब जब कोरोना से पूरी तरह राहत मिल चुकी है तो IPL एक बार फिर होम और अवे फॉर्मेट में लौट आया है। लेकिन, पंजाब में जारी तनाव की स्थिति को देखते हुए लग रहा है मोहाली के मैचों को शिफ्ट किया जा सकता है।पंजाब टीम के 7 में से 5 होम मैच मोहाली और 2 धर्मशाला को मिले हैं। धर्मशाला में भी होटल और ट्रांसपोर्टेशन की समस्या बनी रहती है। धर्मशाला और मोहाली के अलावा मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित होलकर स्टेडियम को भी पंजाब ने पिछले सीजनों में अपना होम ग्राउंड बनाया है। ऐसे में अगर खालिस्तानी समर्थकों की समस्या बनी रही तो मोहाली के शुरुआती मैचों को इंदौर में भी कराया जा सकता है।

कोहली का यादगार टी-20 भी मोहाली में हुआ
2016 का टी-20 वर्ल्ड कप पूरी तरह से भारत में ही हुआ था। तब भी मोहाली को 3 मैचों की मेजबानी मिली। भारत ने यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीग स्टेज का अहम मुकाबला खेला था। विराट कोहली ने 53 बॉल पर 82 रन की नाबाद पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी और टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया था। कोहली ने उस पारी को अपने टी-20 करियर की सबसे यादगार पारियों में से एक बताया है।
सितंबर 2022 में हुआ था आखिरी मैच
टी-20 वर्ल्ड कप में 3 मैचों के अलावा यहां द्विपक्षीय सीरीज के भी 3 मुकाबले हुए हैं। भारत ने यहां श्रीलंका, साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस फॉर्मेट के मैच खेले। श्रीलंका और साउथ अफ्रीका को भारत ने हराया, वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम को हार मिली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सितंबर 2022 के जिस मैच में भारत को हार मिली, वही इस मैदान पर आखिरी इंटरनेशनल मैच था। उस मैच के बाद यहां और कोई मैच नहीं हुआ। टी-20 में 4 मैचों के अलावा भारत ने यहां वनडे फॉर्मेट के भी 16 मुकाबले खेले हैं।
ऑस्ट्रेलिया सबसे सफल विदेशी टीम
विदेशी टीमों में ऑस्ट्रेलिया का इस मैदान पर एकतरफा दबदबा रहा है। टीम ने टी-20 फॉर्मेट के 3 मैच खेले, 2 में जीत और एक में हार मिली। वनडे में भी विदेशी टीमों में ऑस्ट्रेलिया ने ही यहां सबसे ज्यादा 7 मैच खेले हैं। 6 में जीत और एक में ही टीम को हार मिली। ऑस्ट्रेलिया ने यहीं 2006 चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराया था। टीम ने उस टूर्नामेंट के फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर ट्रॉफी भी जीती थी।

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