दिव्या काकरान ने विनेश फोगाट के आरोपों को किया खारिज

फेडरेशन अध्यक्ष के सपोर्ट में उतरी उत्तर प्रदेश की रेसलर 
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह शरण पर हरियाणा की प्रसिद्ध पहलवान विनेश फोगाट ने यौन शोषण आदि के आराेप लगाए हैं। बकायदा, मामले को लेकर दिल्ली में धरना भी दिया गया है। बुधवार देर रात को अंतरराष्ट्रीय एवं अर्जुन अवार्डी पहलवान दिव्या काकरान ने एक साथ तीन वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किए जिसमें भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष के समर्थन में अपना पक्ष रखा है। कहा, कि ब्रजभूषण सिंह शरण ने फेडरेशन समेत कुश्ती की हालत बदली है। आज छोटी उम्र के पहलवान राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहे हैं, जबकि पूर्व में ऐसा नहीं था।
मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर क्षेत्र के गांव पुरबालियान निवासी अंतरराष्ट्रीय एवं अर्जुन अवार्डी पहलवान दिव्या काकरान ने प्रसारित वीडियो में कहा कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह शरण पर कई तरह के गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। उनको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है तो वह अन्य आरोप ढूंढ़कर लाए जा रहे हैं। वह 14 वर्ष की उम्र यानि करीब वर्ष 2013 से फेडरेशन से जुड़ी हैं, अब 2023 आ चुका है।
पिछले दस वर्ष में उनके या अन्य किसी लड़की के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया है, जो अन्य राज्य हरियाणा आदि से खिलाड़ी आते हैं, ब्रजभूषण सिंह उनका साथ अधिक देते हैं, ताकि उनके साथ भेदभाव नहीं हो पाए। कई बार वह ट्रायल दो बार कराते हैं। ब्रजभूषण सिंह शरण की प्रधानमंत्री मोदी ने भी तारीफ की है। कहा कि पहली बार मंगोलिया कुश्ती लड़ने गई थी तो वहां किट और खाना अच्छा नहीं मिला था। वहां पर विरोध करने पर बताया गया कि फेडरेशन ने पैसा नहीं दिया है।
दिव्या कहती हैं कि जब से टाटा मोटर्स फेडरेशन के साथ जुड़ी है। ब्रजभूषण शरण सिंह इस कम्पनी के अलावा अन्य जगह से पैसा एकत्र कर खिलाड़ियों के हित में किट समेत संसाधन जुटाने का काम कर रहे हैं। वह आगे कहती हैं कि आज जो लोग धरने पर बैठे हैं। वह दो माह पूर्व ट्वीट, साक्षात्कार में बोल रहे थे कि जब से ब्रजभूषण आए हैं हमारी कुश्ती ठीक हुई है क्योंकि वह ऊपर तक बात करते हैं।
उनके रहते खिलाड़ियों के साथ भेदभाव नहीं होता है। पहले 19 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय कैंप होते थे, लेकिन आज बच्चा-बच्चा राष्ट्रीय स्तर पर तैयार होता है। पहले विदेशी धरती पर खिलाड़ी के साथ उनके स्वजन नहीं जाते थे, लेकिन ब्रजभूषण शरण सिंह ने व्यवस्था से ऊपर उठकर खिलाड़ियों के साथ उनके स्वजन को भेजना आरंभ कराया है। वह व्यवस्थाओं से ऊपर पहुंचकर कुश्ती को बढ़ावा देते हैं।

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