रविकांत चौहान की चालबाजी से दिव्यांग क्रिकेटर स्तब्ध
हारुन को बदनाम करने दिव्यांग क्रिकेटरों से बनवाए फर्जी वीडियो
पीड़ित हारुन रशीद के मन में आया था आत्महत्या का विचार
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। खेल संगठन में कुर्सी की खातिर इंसान किस हद तक नीचे गिर सकता है, इसका जीता जागता उदाहरण रविकांत चौहान हैं। इन्होंने हारुन रशीद को रास्ते से हटाने की खातिर षड्यंत्र का सहारा लिया और दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों से फर्जी वीडियो बनवाए तथा उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल भी करवाया लेकिन सांच को आंच कहां। अब दिव्यांग खिलाड़ी जहां अपने किए की माफी मांग रहे हैं वहीं रविकांत का स्याह सच सामने आने के बाद सबदूर उनकी थू-थू हो रही है।
जानकारी के अनुसार बीसीसीआई के डिफरेंटली एबल्ड समिति के सदस्य रविकांत चौहान द्वारा दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों की भारत की सबसे बड़ी संस्था दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के महासचिव के खिलाफ बीसीसीआई की टीम में लेने का लुभावना सपना दिखाकर फर्जी वीडियो बनवाया। दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के महासचिव हारून रशीद ने बताया दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा 2008 से भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम का संचालन किया जा रहा है। 2013 में बांग्लादेश खेलने गई टीम के एक सदस्य भीमसेन को खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर कर दिया गया था।
तब भीमसेन ने एक अन्य संस्था फिजिकली चैलेंज्ड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया नामक संस्था के सेक्रेटरी रवि चौहान से सम्पर्क किया। कुर्सी की प्रतिस्पर्धा का फायदा उठाते हुए रविकांत चौहान ने भीमसेन से एक फर्जी वीडियो बनवा लिया जिसमें भीमसेन ने हारुन रशीद पर आरोप लगाया कि उन्होंने बांग्लादेश दौरे पर गई टीम के अन्य खिलाड़ियों के मुकाबले भीमसेन से ज्यादा फीस ली। जिसकी वजह से उसकी जमीन बिक गई। यह वीडियो उस समय बनवाया गया जब पाकिस्तान की शारीरिक रूप से निशक्तजनों की टीम रविकांत चौहान की एसोसिएशन के साथ श्रृंखला खेलने भिवानी आई हुई थी।
गतवर्ष रविकांत चौहान को बीसीसीआई ने डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट समिति में स्थान दिया जोकि सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के डायरेक्शन के विपरीत है। इसके खिलाफ हारून रशीद लगातार खिलाफत कर रहे हैं। बीसीसीआई को इस संबंध में लीगल नोटिस भी भेजा गया है। इस बीच रविकांत चौहान ने एक बार फिर भीमसेन से सम्पर्क किया और उसको यह लालच दिया कि मैं बीसीसीआई का सदस्य हो गया हूं और भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम बीसीसीआई में बन रही है। उसमें हारून रशीद सबसे ज्यादा रोड़ा डाल रहा है। बीसीसीआई की टीम में खेलने का प्रलोभन मिलते ही भीमसेन ने हारून रशीद के खिलाफ एक बार फिर वीडियो बना दिया।
इस वीडियो को फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर डाला गया और वायरल किया गया लेकिन बीसीसीआई की टीम नहीं बनी। इधर रविकांत चौहान ने लखनऊ में एक बड़ा टूर्नामेंट आयोजित किया। उस टूर्नामेंट में जब भीमसेन को उत्तर प्रदेश की टीम में भी जगह नहीं मिली तो उसको लगा कि उसके साथ यह छल हो गया है। उसको पछतावा हुआ कि उसने गलत व्यक्ति का साथ देते हुए एक नेक इंसान का दिल दुखाया है। भीमसेन ने तत्काल प्रभाव में हारून रशीद से माफी मांगते हुए अपना एक वीडियो जारी किया जिसमें उसने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसको बीसीसीआई की टीम में लेने का लालच दिया गया था इसलिए उसने यह झूठा वीडियो बना दिया। ऐसा वीडियो सिर्फ भीमसेन ने ही नहीं बल्कि एक और खिलाड़ी रणवीर सिंह ने भी बनाया है। रणबीर भी बीसीसीआई का हवाला अपने वीडियो में दे रहा है।
नए साल की पहली सुबह खिलाड़ियों का माफी मांगते हुए वीडियो जैसे ही हारुन रशीद द्वारा सोशल मीडिया पर डाला गया, अब समूचे देश में रविकांत चौहान के नाम की थू-थू हो रही है। दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के अध्यक्ष भगवान तलवारे ने भी रविकांत चौहान के इस कृत्य की घोर निंदा की और हैरानी जाहिर की है कि ऐसे जालसाज और चालबाज व्यक्ति का बीसीसीआई लगातार फेवर क्यों कर रही है। भगवान तलवारे ने कहा कि इस पूरे प्रकरण से बीसीसीआई को अवगत कराया जाएगा और आवश्यकता हुई तो सम्पूर्ण भारत में इसका विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मुकेश कंचन ने इस घटना को बहुत ही शर्मनाक बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर रविकांत चौहान से कहा है कि उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी। उधर, हारुन रशीद ने कहा जिस वक्त यह वीडियो सोशल मीडिया पर आए थे उस वक्त वह अपने आपको अपमानित महसूस कर रहे थे। यहां तक कि बार-बार इच्छा हो रही थी कि किसी ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर लूं। अब सारा सच सामने आने के बाद दिल को कुछ सुकून मिला है।