धावक दुती चंद ने कहा- हां मैं समलैंगिक हूं!

बड़ी बहन मारती थी और मांगती थी 25 लाख रुपये
खेलपथ संवाद
भुवनेश्वर।
उड़ीसा की फर्राटा धावक दुती चंद ने समलैंगिक रिश्ते की जैसे ही बात स्वीकारी लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। हाल ही इस जोड़े के एक शादी समारोह की फोटोज को लेकर खूब चर्चा हो रही है। लोग कह रहे हैं कि दुती ने अपनी महिला मित्र से शादी कर ली है। यह सच नहीं है लेकिन यदि बात सच भी हो तो यह बड़े जिगर का निर्णय है। हम आपको आज बताते हैं कि 2019 में सबसे पहले दुती ने किन परिस्थितियों के चलते समलैंगिक रिश्ते की बात स्वीकारी थी। इसकी वजह कोई और नहीं उसकी बड़ी बहन थी। दुती की बहन न केवल उसे मारती थी बल्कि ब्लैकमेलिंग करते हुए 25 लाख की मांग भी करती थी।
दुती चंद भारत की असाधारण महिला धावक है। संघर्षों का सामना करते हुए कभी हार नहीं मानने वाली दुती चंद दुनिया भर की महिला खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा भी है। 2019 में इटली में आयोजित यूनिवर्सिटी गेम्स में दुती 100 मीटर रेस 11.32 सेकेंड में पूरी कर गोल्ड जीतने वाली पहली महिला बनी थी। वर्तमान में यह उड़ीसा माइनिंग कॉर्पोरेशन में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर नियुक्त हैं। 
दुती का जन्म तीन फ़रवरी, 1996 को उड़ीसा के जाजपुर के चाका गोपालपुर गाँव में एक बुनकर परिवार में हुआ था। दुती चंद ने वर्ष 2012 में अंडर 18 नेशनल चैम्पियनशिप में 100 मीटर की रेस जीतकर अपने खेल करिअर की शुरुआत की थी। 2013 में इसने पुणे में हुई एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक अपने नाम किया था तो सीनियर नेशनल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 100 मीटर और 200 मीटर की रेस भी जीती थी। वर्ष 2014 में ताइपे में एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में दुती ने 200 मीटर और 4×400 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीता था।
2014 में दुती चंद के करिअर को एक बड़ा झटका लगा। कॉमनवेल्थ गेम्स के कुछ समय पहले हुए जेंडर टेस्ट में वह फेल हो गई और एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने उसे प्रतिबंधित कर दिया। जेंडर टेस्ट एक ऐसा नियम है जिसका सामना महिला खिलाड़ियों को करना पड़ता है। इस टेस्ट के माध्यम से यह जाँच की जाती है कि महिला खिलाड़ियों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा कहीं इतनी अधिक तो नहीं है, जो उन्हें पुरुषों के बराबर शक्ति दे रही हो, क्योँकि अगर ऐसा है तो उस महिला खिलाडी को अन्य महिला खिलाड़ियों के साथ प्रतियोगिता में भाग दिलाना अन्य खिलाड़ियों के साथ अन्याय होगा।
कई अंतरराष्ट्रीय खिलाडी इस टेस्ट की मार झेल चुके हैं। इस टेस्ट में फेल हो जाने पर न केवल महिला खिलाड़ियों का करिअर समाप्त हो जाता है बल्कि उन्हें अपमान का भी सामना करना पड़ता है। कई महिला खिलाड़ी तो इसके बाद आत्महत्या भी कर चुकी हैं। दुती चंद ने इसे अदालत में चुनौती दी। जुलाई 2015 में कोर्ट ऑफ़ आरबिट्रेशन ऑफ़ स्पोर्ट्स (सीएएस) ने उनकी याचिका पर आईएएएफ के नियमों को रद्द कर दिया और उन्हें अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग लेने की अनुमति दे दी। तापसी पन्नू अभिनीत फिल्म रश्मि राकेट में एक ऐसी ही एथलीट की कहानी का चित्रण किया गया है।
अदालत के फैसले के बाद दुती ने फिर से खेल के मैदान में अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए जीजान एक कर दिया। 2016 में दोहा में आयोजित एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 60 मीटर वर्ग की रेस में दुती ने कांस्य पदक जीता। 2018 में जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स में दो रजत पदक जीते तो 2019 की नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में दुती ने 100 मीटर की रेस 11.25 सेकेंड में पूरी करके स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
दुती ने 2019 में दुनिया भर के खेलप्रेमियों को उस समय चौंका दिया, जब उसने एक इंटरव्यू के दौरान अपने आपको समलैंगिक घोषित किया। तब उसने बताया था कि वह अपनी एक महिला मित्र के साथ रिलेशन में है। दुती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा धारा 377 को गैर आपराधिक करार देने के बाद वह अपने सम्बन्धों के बारे में खुलकर बात कर सकती हैं और किसी को भी उन संबंधों के बारे में कोई राय बनाने का हक़ नहीं है। यह एक निजी निर्णय है, जिसका सम्मान होना चाहिए।
दुती चंद के पदक और उपलब्धियां
कांस्य: 200 मीटर, 2019, एशियाई चैम्पियनशिप, दोहा
कांस्य: 60 मीटर, 2019 एशियन इंडोर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, दोहा 
गोल्ड: 100 मीटर, 2019 यूनिवर्सियाड, नापोली 
सिल्वर: 100 मीटर, 2018 एशियाई खेल, जकार्ता 
सिल्वर: 200 मीटर, 2018 एशियाई खेल, जकार्ता 
कांस्य: 100 मीटर, 2017, एशियाई चैंपियनशिप, भुवनेश्वर 
कांस्य: 4×400 मीटर, 2017, एशियाई चैंपियनशिप, भुवनेश्वर 
कांस्य: 200 मीटर, 2016 दक्षिण एशियाई खेल, गुवाहाटी 
सिल्वर: 100 मीटर, 2016 साउथ एशियन गेम्स, गुवाहाटी 
कांस्य: 200 मीटर, 2013, एशियाई चैम्पियनशिप, पुणे 
गोल्ड: 200 मीटर, 2014 एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, ताइपे 
गोल्ड: 4×400 मीटर, 2014 एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, ताइपे।

रिलेटेड पोस्ट्स