फीफा विश्व कप पर 20 साल से यूरोप का दबदबा

मेसी-नेमार पर दक्षिण अमेरिकी वर्चस्व बनाने की चुनौती

दक्षिण अमेरिका से ब्राजील, अर्जेंटीना, उरुग्वे बने हैं विजेता

खेलपथ संवाद

दोहा। फीफा विश्वकप शुरू होने में चार दिन का समय शेष है और चर्चाओं का बाजार फिर गर्म है कि इस बार यूरोपियन दबदबा टूटेगा या नहीं। पिछले 20 सालों से यूरोपीय देशों ने फीफा विश्व कप पर अपना एकाधिकार जमा रखा है। 2002 में अंतिम बार यूरोप से बाहर दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील विश्व चैम्पियन बना था।

2002 से यूरोपीय देशों ने हर विश्व कप में खिताब के प्रबल दावेदार बनने के बावजूद ब्राजील और अर्जेंटीना को फीफा ट्रॉफी से दूर रखा है। कतर में जब नेमार और लियोनल मेसी की अगुआई में ब्राजील और अर्जेंटीना अपनी दावेदारी पेश करने उतरेंगे तो दोनों देशों के सामने 20 साल से चले आ रहे यूरोपियन दबदबे को तोड़ने की चुनौती रहेगी।

सर्वाधिक पांच बार (1958, 1962, 1970, 1994, 2002)  के विश्व चैम्पियन ब्राजील और दो बार खिताब जीतने वाले अर्जेंटीना (1978, 1986) इस बार भी जीतने के प्रबल दावेदारों में हैं। देखने वाली बात यह होगी कि तेज-तर्रार और आक्रामक फुटबाल खेलने वाले ये दोनों देश रक्षात्मक और तकनीकी फुटबाल खेलने वाले यूरोपीय देशों से आगे निकल पाते हैं या नहीं।

ब्राजील और अर्जेंटीना के अलावा उरुग्वे तीसरा दक्षिण अमेरिकी देश है, जिसने फीफा विश्व कप जीता है। फीफा विश्व कप का पहला विजेता भी उरुग्वे 1930 में बना था। 1950 में भी उसने मेजबान ब्राजील को एक लाख 45 हजार दर्शकों के बीच मरकाना स्टेडियम में 2-1 से हराकर न सिर्फ विश्व खिताब जीता बल्कि उस दौरान का सबसे बड़ा उलटफेर भी किया। हालांकि इस बार भी लुई सुआरेज और एडिंसन कवानी जैसे फुटबालरों के साथ उरुग्वे चुनौती पेश कर रहा है, लेकिन उसे खिताब के दावेदारों में नहीं गिना जा रहा है।

2002 तक यूरोपीय और दक्षिण अमेरिकी देशों में खिताब को लेकर कांटे की टक्कर रहा करती थी। 2002 तक हुए 17 विश्व कप में नौ खिताब दक्षिण अमेरिकी देशों ने और आठ खिताब यूरोपीय देशों ने जीते थे, लेकिन इसके बाद बाजी पलट गई है। अब तक 12 बार यूरोपीय देश विश्व चैम्पियन बन चुके हैं, जबकि दक्षिण अमेरिकी देश नौ फीफा ट्रॉफी पर ही लटके हुए हैं।

हैरानी की बात यह है कि 2002 के बाद से हुए चार विश्व कप में सिर्फ एक बार दक्षिण अमेरिकी टीम अर्जेंटीना फाइनल में जगह बना पाई है। 2014 में जर्मनी ने मेसी की मौजूदगी में अर्जेंटीना को 1-0 से हराया था। 2010 में उरुग्वे और 2014 में ब्राजील सेमीफाइनल में पहुंचे। दोनों देश चौथे स्थान पर रहे यानी कि 2002 के बाद से फीफा विश्व कप पर यूरोपियन टीमों का ही पूरी तरह से दबदबा रहा है।

इंग्लैंड के स्टार फुटबालर वेन रूनी ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा कि अर्जेंटीना और ब्राजील इस बार विश्व कप जीतने में सक्षम हैं। फिर मेसी का यह पांचवां और अंतिम विश्व कप हो सकता है। उन्होंने अर्जेंटीना को अब तक एक भी विश्व खिताब नहीं दिलाया है। वह इस बार जीतने के लिए पूरी जान लगाएंगे वहीं, नेमार भी अगले वर्ष फरवरी में 31 साल के हो जाएंगे। विशेषज्ञ उनका भी यह अंतिम विश्व कप मान रहे हैं। उन्होंने भी ब्राजील को अब तक अपने खेल से चैम्पियन नहीं बनाया है। दोनों ही स्टार फुटबालर अपने देश के खिताबी सूखे को खत्म करना चाहेंगे।

फीफा विश्वकप विजेता-दक्षिण अमेरिकी देशः 1930: उरुग्वे, 1950: उरुग्वे, 1958: ब्राजील, 1962: ब्राजील, 1970: ब्राजील, 1978: अर्जेंटीना, 1986: अर्जेंटीना, 1994: ब्राजील, 2002: ब्राजील।

फीफा विश्वकप विजेता-यूरोपीय देशः 1934: इटली, 1938: इटली, 1954: पश्चिम जर्मनी, 1966: इंग्लैंड, 1974: पश्चिम जर्मनी, 1982: इटली, 1990: जर्मनी, 1998: फ्रांस, 2006: इटली, 2010: स्पेन, 2014: जर्मनी, 2018: फ्रांस।

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