काशी की बेटियों ने गुजरात में लहराया परचम

वेटलिफ्टिंग में पूर्णिमा को गोल्ड तो पूनम की चांदी
खेलपथ संवाद
अहमदाबाद।
गुजरात में चल रहे 36वें राष्ट्रीय खेलों में काशी की बेटियों ने वेटलिफ्टिंग में कमाल का प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उत्तर प्रदेश की पूर्णिमा पांडेय ने जीता 87 किलोग्राम वजन वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है। पूर्णिमा पांडेय राष्ट्रमंडल खेलों की भी गोल्ड मेडलिस्ट हैं। इससे पहले काशी की ही एक अन्य बेटी पूनम यादव भी वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतकर अपनी शक्ति का आगाज कर चुकी हैं। पूनम यादव ने किलोग्राम वजन वर्ग में सिल्वर मेडल जीता है।
पूर्णिमा और पूनम की इस शानदार उपलब्धि से काशी ही नहीं समूचा उत्तर प्रदेश खुश है। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पूर्णिमा ने पहली बार गोल्ड मेडल जीता था। इससे पहले वह दो बार कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में रजत और कांस्य जीत चुकी हैं। बता दें कि वाराणसी के दादूपुर गांव (हरहुआ) की रहने वाली पूनम यादव गुजरात में रजत पदक जीत चुकी हैं। पूनम कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भी रजत पदक पर कब्जा जमाया था। पूनम पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल में टिकट निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। इससे पहले पूनम 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। 
पूर्णिमा पांडेय की जहां तक बात है, यह भारतीय भारोत्तोलक हैं जोकि वाराणसी, उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखती हैं। पूर्णिमा ने बहुत कम उम्र में कई भारोत्तोलन प्रतिस्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर पदक जीते हैं। साल 2015-16 में पूर्णिमा पांडेय ने भारोत्तोलन में युवा जूनियर नेशनल्स में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। पूर्णिमा ने साल 2021 में ताशकंद में हुई कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में आठ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता था।
भारतीय भारोत्तोलक पूर्णिमा पांडेय का जन्म 16 अक्टूबर, 1999 को बनारस में हुआ था। इन्होंने काफी कम उम्र में वेटलिफ्टिंग करना शुरू कर दिया था। पूर्णिमा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए स्वर्ण पदक सहित कई मेडल जीते हैं। इन्होंने राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा से भारोत्तोलन का प्रशिक्षण लिया है।
 

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