बचपन में ही तूलिका के सिर से उठ गया था पिता का साया

मां ने दिया हौसला तो बेटी ने छू लिया आसमान
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
जिस संघर्ष और परिस्थियों से गुजरते हुए तुलिका ने बर्मिंघम में सिल्वर अपने नाम किया, वह अपने आप में एक मिसाल है। दरअसल, बचपन में ही तुलिका के पिता सतबीर मान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ऐसे में उनकी परवरिश की पूरी जिम्मेदारी अकेले मां अमृता सिंह पर आ गई। अमृता दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं।
इंग्लैंड के बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में बुधवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की एक और जूडो खिलाड़ी तूलिका मान ने रजत पदक हासिल कर इतिहास बनाया है। इससे पहले विजय कुमार यादव ने भी जूडो में कांस्य पदक पर कब्जा जमाया है। पहली बार गोरखपुर विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में दो पदक हासिल कर कीर्तिमान बनाया है।
देश को पहली बार कॉमनवेल्थ जूडो में अब तक तीन पदक मिले हैं। इसमें से दो पदक गोरखपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने हासिल किए हैं। विजय ने पुरुष वर्ग के सबसे कम भार वर्ग 60 किलो वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया है। तूलिका ने महिलाओं के सबसे अधिक भारवर्ग 78+ किलो में रजत पदक हासिल किया है।
तूलिका की उपलब्धि पर गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद के पदाधिकारियों समेत खेलप्रेमियों ने शुभकामनाएं दी हैं। तूलिका की सफलता पर गुरुकुल पीजी कॉलेज ददरी में देर रात जश्न मनाया गया। निदेशक डॉ. बिपिन शाही ने लोगों का मुंह मीठा कराकर तूलिका को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रमंडल खेलों में जूडो खिलाड़ी तूलिका मान ने रजत पदक जीत कर मां के सपनों को साकार किया है। वर्ष 2015 में जब पिता का असामयिक निधन हुआ, तो तूलिका को गहरा आघात लगा था। ऐेसे समय में मां ने बेटी को टूटने से बचाया और हौसला दिया। गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्रा तूलिका के पदक हासिल करने से गोरखपुर का भी मान बढ़ा है।  
गोरखपुर विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के आचार्य प्रो. विजय कुमार चहल ने बताया कि कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक हासिल करने वाली तूलिका मान ने कभी खिलाड़ी बनने के बारे में सोचा भी नहीं था। छह वर्ष की उम्र में तूलिका घर के पास स्थित एकेडमी में व्यवसायी पिता के साथ मैच देखने जाती थीं। धीरे-धीरे उनकी रुचि खेल में बढ़ी, तो पिता ने प्रशिक्षण के लिए भेजना शुरू किया। बारहवीं पास करने के बाद तूलिका ने पंजाब विश्वविद्यालय की तरफ से खेलना शुरू किया लेकिन, उन्हें जो मार्गदर्शन चाहिए था वह नहीं मिला।
इस दौरान अपने सीनियर विजय यादव की सलाह पर गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध गुरुकुल पीजी कॉलेज में प्रवेश लेकर खेल पर फोकस किया। धीरे-धीरे कई अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में पदक हासिल किया। हाल ही में कानपुर में आयोजित ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी जूडो महिला में स्वर्ण पदक हासिल किया है। इससे पहले सीनियर नेशनल और साउथ एशियन जूडो में सुनहरी चमक बिखेरी है। दिल्ली पुलिस में कार्यरत मां अमृता सिंह के साथ तूलिका दिल्ली के राजौरी गार्डन में रहती हैं। दिल्ली में ही अपने कोच अर्जुन अवार्डी यशपाल सोलंकी की निगरानी में प्रैक्टिस करती हैं।
तूलिका की कुछ उपलब्धियांः वर्ष 2019- दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय रैंकिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण। वर्ष 2019- यूएई में आयोजित सीनियर एशियन चैम्पियनशिप में सातवीं रैंक। वर्ष 2019- सीनियर कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक। वर्ष 2019- ताइवान में आयोजित एशियन ओपन में कांस्य पदक। वर्ष 2019- नेपाल में आयोजित साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक। वर्ष 2022- कानपुर में आयोजित ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी जूडो में स्वर्ण। सीनियर नेशनल जूडो और एशियन जूडो चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक।

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