मीराबाई चानू ने उठाया सोने का भार

लगातार दूसरी बार जीता गोल्ड मेडल
खेलपथ संवाद
बर्मिंघम।
टोक्यो ओलम्पिक की रजत पदक विजेता भारतीय महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने अपना बेस्ट प्रदर्शन करते हुए बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन गोल्ड मेडल जीत लिया। चानू ने महिलाओं की 49 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। चानू ने क्लीन एंड जर्क के अपने पहले ही प्रयास में 109 किलोग्राम का भार उठाया और गोल्ड मेडल जीत लिया। वह तीसरे प्रयास में असफल रहीं लेकिन उससे फर्क नहीं पड़ा क्योंकि 201 किलो के स्वर्णिम प्रदर्शन के साथ वह पोडियम पर पहले स्थान पर रहीं।
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टिंग में भारत का यह तीसरा मेडल है। 27 वर्षीय मीराबाई का राष्ट्रमंडल खेलों में यह लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने इससे पहले, पिछली बार गोल्ड कोस्ट (2018) में भी गोल्ड मेडल जीता था और 2014 (ग्लास्गो) में रजत पदक हासिल किया था। मीराबाई के अलावा मौरिशियस की मारी रानाइवोसोआ दूसरे स्थान पर रहीं जबकि कनाडा की हानाह कामस्किी ने कांस्य पदक हासिल किया।
भारत की शेरनी चानू ने अपने पहले प्रयास में 80 किलो वजन उठाने के साथ मुकाबले में उतरी। उन्होंने अपने पहले प्रयास में 84 किलो भार उठाया, जबकि अन्य वेटलिफ्टर मॉरीशस की मेरी ने हाईएक्सट ने 76 किलो भार उठाया था। भारतीय वेटलिफ्टर चानू ने अपने दूसरे प्रयास में 88 किलो का भार उठाया। उन्होंने अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी कर ली और साथ ही अपनी बढ़त को 12 किलो तक पहुंचा दिया। हालांकि वह अपने तीसरे प्रयास में 90 किलोग्राम का वजन नहीं उठा पाईं।
मीराबाई चानू ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद कहा,  मुझे बहुत खुशी है कि मैंने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलोग्राम में जो रिकॉर्ड बनाया था, वो मैंने इस बार बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 49 किलोग्राम में बनाया। मैंने अपने ही रिकाॅर्ड को तोड़कर गोल्ड मेडल जीता, जिससे मैं बहुत खुश हूं। टोक्यो ओलम्पिक के बाद ये मेरा सबसे बड़ा टूर्नामेंट था और इसमें भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।
उन्होंने कहा, मैं यह सोचकर आई थी कि मुझे खुद से मुकाबला करना है। इसलिए मैंने खुद से फाइट किया और अब मैं अपने प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। मेरा लक्ष्य यही था कि मुझे 90 किलोग्राम भार उठाना है। हालांकि यह थाेड़ा रह गया। लेकिन इससे मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला है। अगली बार मैं जरूर 90 किलोग्राम का भार उठाने का प्रयास करूंगी। 
चानू ने 2018 गोल्ड कोस्ट, टोक्यो ओलम्पिक और अब बर्मिंघम काॅमनवेल्थ गेम्स में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है। उन्होंने कहा, मैं बहुत खुश हूं। साथ ही मैं सभी खिलाड़ियों और एथलीटों को बोलना चाहती हूं कि आप लोग भी देश के लिए मेडल जीतें और अपने देश का नाम रोशन करें। हम इंडिया के लिए कुछ करके दिखाएं। ओलम्पिक पदक विजेता चानू ने कहा कि अब उनका अगला लक्ष्य विश्व चैम्पियनशिप में देश के लिए पदक जीतना है। उन्होंने कहा, विश्व चैम्पियनशिप में मैं इससे भी बेहतर करने की कोशिश करूंगी और उसके लिए मैं और अच्छे से तैयारी करूंगी। 
परिवार और कोच किया मेडल समर्पित
मीराबाई चानू ने कहा कि वह अपना यह मेडल अपने कोच विजय शर्मा और परिवार को समर्पित करना चाहती हैं। यहां तक मैं अपने परिवार और कोच की वजह से ही पहुंची हूं, इसलिए उनकी वजह से ही मैं दूसरी बार गोल्ड मेडल जीत पाई हूं।

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