आस्ट्रेलिया ने मैच तो रेणुका ने जीता दिल

जीतते-जीतते हार गई हरमनप्रीत की टोली
बर्मिंघम।
राष्ट्रमंडल खेलों में क्रिकेट के उद्घाटन मैच में बेशक टीम इंडिया हार गई, लेकिन हिमाचल की बेटी रेणुका ठाकुर ने सबका दिल जीत लिया। रेणुका ठाकुर ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दमदार गेंदबाजी करते हुए चार विकेट लिए। एक समय ऐसा लग रहा था कि शुरूआती झटकों से आस्ट्रेलिया की टीम उबर नहीं पाएगी। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। रेणुका ने इस मैच में अपने चार ओवर में मात्र 18 रन देकर अहम चार विकेट हासिल किए। उन्होंने अपने पहले ओवर में ऑस्ट्रेलिया की अनुभवी बल्लेबाज एलिसा हीली को आउट कर दिया। इसके बाद टी-20 में विश्व की नंबर एक बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लेनिंग को कैच आउट करवा पवेलियन का रास्ता दिखा।
मैच में आस्ट्रेलिया की बेथ मूनी रेणुका का तीसरा शिकार बनी। इसके बाद रेणुका ने ताहिला मैकग्राथ को क्लीन बोल्ड कर भारतीय टीम को चौथी सफलता दिलाई। उधर एचपीसीए के निदेशक संजय शर्मा ने बताया कि हिमाचली की बेटी रेणुका ठाकुर ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ घातक गेंदबाजी करते हुए करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को दिल जीता है। रेणुका ने बेहतर खेल कर प्रदर्शन करते हुए हिमाचलियों को मान बढ़ाया है। 
मां बोलीं, बेटी है अनमोल
रेणुका के गांव पारसा में उनकी मां सुनीता और बड़े भाई विनोद ठाकुर तीन बजे से लेकर मैच समाप्त होने तक लगातार मैच देखते रहे। मां सुनीता ने बताया कि बेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह से खेल का प्रदर्शन किया। उससे प्रदेश का सिर गर्व में ऊंचा हुआ है। यह सब बेटी की मेहनत और खेल के लिए उसका जुनून है, जिसके बल पर उसने अपनी पहचान बनाई है और देश के लिए खेल रही है। उन्होंने कहा कि बेटी अनमोल है। भाई विनोद ने कहा कि टीवी में कुछ खराबी थी, बावजूद इसके वे मोबाइल पर भी मैच देखते रहे। अंत तक उन्होंने मैच को देखा। 
रेणुका ठाकुर ने जब अपने चार ओवर का कोटा पूरा किया तो उनके दमदार प्रदर्शन पर दर्शकों ने कुर्सियों से उठकर तालियां बजाईं। यही नहीं आस्ट्रेलियाई टीम की खिलाड़ियों सहित कोच ने भी रेणुका ठाकुर के लिए तालियां बजाईं। रेणुका ठाकुर गेंदबाजी कर रहीं और जब विकेट ले रहीं थी तो कमेंटेटर ने रेणुका का परिचय करवाते हुए हिमाचल का नाम लिया। 
पिता का सपना पूरा करने के लिए गांव के मैदान में कभी लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने वाली प्रदेश के रोहड़ू की रेणुका सिंह ठाकुर ने राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। मध्यम गति की गेंदबाज रेणुका ठाकुर रोहड़ू के पारसा गांव की रहने वाली हैं। इस मुकाम तक पहुंचीं रेणुका का क्रिकेट का सफर आसान नहीं रहा है। तीन साल की उम्र में पिता को खोने के बाद परिवार की जिम्मेदारी मां पर आ गई। मां ने उस समय आईपीएच विभाग में चतुर्थ श्रेणी के तौर पर नौकरी शुरू की।
रेणुका के पिता का सपना था कि उनकी बेटी और बेटा भारतीय टीम के लिए खेलें। गांव में उस समय लड़कियां कम ही क्रिकेट खेलती थीं। गांव के मैदान में रेणुका लड़कों को क्रिकेट खेलते हुए देखते थीं। रेणुका को भाई से क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिली। एक दिन मैदान पहुंचकर रेणुका ने कहा कि वह भी खेलेंगी। हर रोज रेणुका लड़कों के साथ क्रिकेट खेलतीं। मां ने भी रेणुका को कभी क्रिकेट खेलने से नहीं रोका। इसी बीच एचपीसीए ने साल 2009 में कांगड़ा में अकादमी खोली। जो अब धर्मशाला में चल रही है। तब रेणुका 14 साल की थीं। कांगड़ा जाकर रेणुका ने ट्रायल दिया और चयन भी हो गया।  2019 में रेणुका भारत की ए टीम के लिए चयनित हुईं। अंतरराष्ट्रीय टी-20 में सात अक्तूबर 2021 को आस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू मैच खेला था। बारिश के कारण यह मैच पूरा नहीं हो पाया था। जबकि 22 फरवरी 2022 को क्यूनस्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। जिसमें रेणुका ने दस ओवरों में 59 रन देकर एक विकेट हासिल किया था। 

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