पीटी ऊषा ने कहा राज्यसभा में पहुंचना गर्व की बात

प्रधानमंत्री मोदी हम खिलाड़ियों के काफी करीब हैं
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
पूर्व भारतीय एथलीट पीटी ऊषा राज्यसभा के लिए नामित होने के बाद बहुत खुश हैं। बुधवार की शाम को राज्यसभा के लिए उन्हें मनोनीत किया गया। पीटी ऊषा ने 1984 ओलम्पिक खेलों में चौथा स्थान हासिल किया था। इसके बाद से वो पूरे देश में लोकप्रिय हो गईं और देश की हजारों लड़कियों को खेल में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। अब उनके योगदान को सम्मान देते हुए उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।
पीटी ऊषा को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी। उन्होंने लिखा- पीटी ऊषा हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। खेलों में उनके योगदान को जाना जाता है। राज्यसभा में मनोनीत किए जाने पर बधाई। अब पीटी ऊषा ने भी प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा है। उन्होंने कहा "मैं बहुत खुश हूं। भारतीय खेल और खास तौर पर एथलीट के लिए यह गर्व और सम्मान का विषय है। प्रधानमंत्री खिलाड़ियों के काफी करीब हैं। वो हर इवेंट के पहले और बाद में खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हैं। यह हम सभी के लिए प्रेरणा है।"
16 साल की उम्र में बनी थीं ओलम्पिक का हिस्सा
1980 में केवल 16 साल की उम्र में पीटी ऊषा ने मॉस्को में हुए ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में हिस्सा लिया था। चार साल बाद 1984 में वो किसी ओलम्पिक खेल के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई थीं। 1986 के सिओल एशियाई खेलों में उन्होंने चार गोल्ड मेडल जीते थे। 400 मीटर की बाधा दौड़, 400 मीटर की रेस, 200 मीटर और 4 गुणा 400 की रेस में उषा ने स्वर्ण पदक जीते। 100 मीटर की रेस में वो दूसरे नम्बर पर रहीं। 1983 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था। 1985 में उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। पीटी ऊषा ने 1997 में अपने खेलों के करियर को अलविदा कहा। उन्होंने भारत के लिए 103 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते हैं। 

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