कोच्चि टीम को आईपीएल से नहीं हटाना चाहते थे ललित मोदी

मजबूरन रात तीन बजे किए साइन फिर खोला थरूर का चिट्ठा
नई दिल्ली।
आईपीएल की शुरुआत करने वाले ललित मोदी के बारे में अक्सर नए किस्से सामने आते रहते हैं। अब पत्रकार बोरिया मजूमदार ने अपनी किताब में ललित मोदी को लेकर कई खुलासे किए हैं। इस किताब में बताया गया है कि ललित मोदी कोच्चि टस्कर्स की टीम को आईपीएल से नहीं जाने देना चाहते थे। ऐसे में वो लगातार बीसीसीआई की वकील और टीम के मालिकों को लौटा रहे थे। मोदी के साइन के बिना यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती थी और वो दस्तावेजों में बदलाव करने की बात कहकर हर बार लौटा देते थे। अंत में बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष शशांक मनोहर ने फोन करके रात में ही उनसे साइन करने को कहा था। इसके बाद मोदी ने कागजों पर साइन किया था। इस किताब में शशांक मनोहर ने भी कई खुलासे किए हैं। कोच्चि की टीम के मालिक ने भी अपना नाम न बताने की शर्त पर कुछ खुलासे किए हैं। 
बीसीसीआई की वकील को साफ निर्देश मिले थे कि जल्द से जल्द फाइल पर ललित मोदी के हस्ताक्षर लें और कोच्चि टस्कर्स का मामला खत्म करें। हालांकि, मोदी इस फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं थे। एक सप्ताह में नौ मीटिंग हो चुकी थीं, लेकिन मोदी हर बार दस्तावेजों में बदलाव की बात कहकर साइन करने से मना कर देते थे। 
बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर भी ललित मोदी से परेशान हो चुके थे। नौवीं मीटिंग में भी मोदी ने बीसीसीआई की वकील को दस्तावेज में बदलाव की बात कही और मुंबई से बेंगलुरू निकल गए। इसके बाद शशांक मनोहर ने कोच्चि के मालिक को यह काम करने के लिए कहा। मोदी आईपीएल मैच खत्म होने तक कोच्चि के मालिक को होटल में इंतजार कराया और बाद में फिर से दस्तावेजों में बदलाव की बात कही और वहां से जाने लगे। ऐसे में तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने उन्हें फोन किया और साइन करने को कहा। 
शशांक मनोहर ने मोदी से कहा कि अगर वो हस्ताक्षर नहीं करेंगे तो बीसीसीआई सचिव से कहकर सुबह हस्ताक्षर करा लिए जाएंगे। सचिव के पास ऐसा करने के पूरे अधिकार हैं, क्योंकि आईपीएल बीसीसीआई का ही एक हिस्सा है। ऐसे में ललित मोदी ने मजबूर होकर 11 अप्रैल को देर रात तीन बजे कोच्चि टस्कर्स के कागजों पर साइन किए थे। यह फ्रेंचाइजी 2010 में आईपीएल का हिस्सा बनी थी, लेकिन सालाना बैंक गारंटी नहीं पूरी कर पाने के कारण एक साल बाद ही इसे हटा दिया गया था। 
कोच्चि टस्कर्स के पेपर पर साइन करने के बाद ललित मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे। इन ट्वीट में उन्होंने पैंडोरा पेपर से जुड़े कई खुलासे किए थे। उन्होंने बताया था कि तत्कालीन विदेश मंत्री शशि थरूर की दोस्त और बाद में उनकी पत्नी बनने वाली सुनंदा पुष्कर के भी शेयर रेंडेजवोस स्पोर्ट्स वर्ल्ड कंपनी में थे, जो कि कोच्चि टीम के सह मालिकों में से एक थी। 
आगे चलकर यह विवाद काफी ज्यादा बढ़ गया था और ललित मोदी को बीसीसीआई से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके अलावा शशि थरूर को केंद्रीय मंत्री के  पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मोदी पर कई तरह की अनियमितताओं और घोटाले के आरोप लगे थे, जांच में इन आरोपों को सही पाया गया और 2013 में बीसीसीआई ने उन पर आजीवन बैन लगा दिया था। फिलहाल मोदी लंदन में फरारी काट रहे हैं। 

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