भारत-पाक मैच हों ताकि हम लड़कियों को प्रेरित कर सकें
पाकिस्तान की कप्तान बिस्माह मारूफ ने कहा
नई दिल्ली। क्रिकेट फैन्स के लिए मई का महीना बहुत सारे एक्शन लेकर आया है। आईपीएल में तो क्रिकेट का तड़का लग ही रहा है, इसके अलावा इंग्लैंड में काउंटी चैंपियनशिप भी खेली जा रही है। वहीं, महिला क्रिकेट फैन्स के लिए भी दुबई में फेयर ब्रेक इन्विटेशनल टी-20 टूर्नामेंट की शुरुआत हो चुकी है। इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान समेत 35 देशों की महिला क्रिकेटर्स हिस्सा ले रही हैं।
इसमें इंग्लैंड की डेनी वायट, दक्षिण अफ्रीका की मेरिजेन कैप, पाकिस्तान की मौजूदा कप्तान बिस्माह मारूफ, पूर्व कप्तान सना मीर और न्यूजीलैंड की सूजी बेट्स समेत कई दिग्गज महिला क्रिकेटर्स हिस्सा ले रही हैं। चार मई को शुरू हुए इस टूर्नामेंट को लेकर, भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय सीरीज और महिला क्रिकेट के कई पहलुओं को लेकर पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की मौजूदा कप्तान बिस्माह मारूफ से बातचीत की।
महिला बिग बैश और अब फेयर ब्रेक इन्विटेशनल टूर्नामेंट, महिलाओं के कई टी-20 लीगों की शुरुआत हो चुकी है। क्या इससे महिला क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा?
बिस्माह: महिला क्रिकेट में निश्चित तौर पर सुधार आ रहा है। आप देख सकते हैं कि कई लीग आ चुकी हैं। लोग अब महिला क्रिकेट में निवेश करने के लिए तैयार हैं। मुझे लगता है कि यह काफी अच्छे संकेत हैं। फेयर ब्रेक टी-20 लीग और इस तरह की अन्य लीगों से एसोसिएट देश के खिलाड़ियों को काफी एक्सपोजर मिला है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिल रहा है। ये बड़ी बात है और उनके लिए बड़ा मौका भी है। हमें इसकी तारीफ करनी चाहिए कि ऐसी लीग हो रही हैं, जिससे कि नए खिलाड़ियों को अनुभवी खिलाड़ियों से काफी कुछ सीखने को मिल रहा है।
आप अपने बच्चे को लेकर महिला विश्व कप खेलने गई थीं। कोरोना के समय में बायो बबल में रहकर बच्चे की देखरेख करना और साथ में टीम की कप्तानी करना कितना मुश्किल था?
बिस्माह: आसान तो कुछ भी नहीं था, क्योंकि मां बनने के बाद पहली बार कोई टूर्नामेंट खेल रही थी। मेरी बेटी फातिमा मेरे साथ थी और यह मेरे लिए चुनौतीपूर्ण था कि कैसे क्रिकेट और बच्चे दोनों को बैलेंस करूं। मेरे लिए यह आसान हो गया था क्योंकि मेरी मां साथ में थीं। मां के होने से जब मैं मैदान में होती थी तो मेरा पूरा ध्यान मैच पर ही होता था, क्योंकि मुझे पता था कि फातिमा अच्छे हाथों में है और मां उनका अच्छे से ध्यान रख रही हैं। मैदान से आने के बाद और टीम मीटिंग वगैरह खत्म हो जाने के बाद मैं फिर से फातिमा को गोद में लेती थी और उसके साथ खेलती थी। ये काफी चुनौतीपूर्ण था और इससे मैंने काफी कुछ सीखा भी। फातिमा के लिए ये एक अच्छा टूर था।
पाकिस्तान में महिला क्रिकेटरों की हालत क्या है? जब आपने क्रिकेट खेलना शुरू किया तब क्या हालात थे और आपको किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा?
बिस्माह: हमने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब निश्चित तौर पर महिला क्रिकेट को इतना सम्मान नहीं दिया जाता था और न ही ज्यादा लोग महिला क्रिकेट को जानते थे। अब ये बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हो चुका है। लोगों में महिला क्रिकेट को लेकर उम्मीदें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। अब सब जानते हैं कि महिला क्रिकेट भी कुछ होता है। अब सुविधाएं हैं, पैसा आ गया है और लड़कियां अब इसे प्रोफेशनली भी ले सकती हैं। इस वजह से महिला क्रिकेट में अब काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जब हमने शुरू किया था तो कुछ भी नहीं था, न पैसा था और न ही किसी को पता था कि महिला क्रिकेट भी कुछ है। वैश्विक स्तर पर भी महिला क्रिकेट बहुत ज्यादा आगे बढ़ चुकी है। पाकिस्तान में भी इस ट्रेंड को फॉलो किया जा रहा है और महिला क्रिकेट को और बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।
पाकिस्तान में महिला क्रिकेट टीम और पुरुष क्रिकेट टीम में कितना फर्क है? दोनों को क्या सुविधाएं मिलती हैं? सैलरी में कितना अंतर है?
बिस्माह: पुरुषों और महिला क्रिकेटर्स की सैलरी स्ट्रक्चर और सुविधाओं में काफी अंतर है। इसको मैं इस तरीके से भी देखती हूं कि अगर हम अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे तो हमें जो सुविधाएं मिल रही हैं वो मिलती रहेंगी। एक टीम के तौर पर और एक कप्तान के तौर पर हमारा लक्ष्य यही रहेगा कि हम अपने प्रदर्शन में सुधार करें, जिससे जो सुविधाएं हमें मिल रही हैं, वो हमें मिलती रहें।
भारत के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज को लेकर क्या सोचती हैं?
बिस्माह: बिल्कुल भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज होनी चाहिए। राजनीति को स्पोर्ट्स से बिल्कुल अलग होना चाहिए। दोनों को एक में नहीं मिलाना चाहिए। मेरे ख्याल से हम लोग ये मौका गंवा रहे हैं। मैंने पहले भी कई बार कहा है कि हम दोनों देशों के लिए एक बहुत अच्छा मौका है कि क्रिकेट खेलकर दोनों देशों की लड़कियों और युवा पीढ़ी को प्रेरित करें, क्योंकि अब महिला क्रिकेट को लड़कियां काफी फॉलो करती हैं। हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच मैच हो, जिससे आने वाली पीढ़ी प्रेरित हो सके।
फेयर ब्रेक टी-20 टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ी नहीं हैं। महिला बिग बैश में जब कोई भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तानी क्रिकेटर के साथ मिलकर रन बनाता है तो उनकी सराहना होती है। क्या आपको लगता है कि इस टूर्नामेंट में भी भारतीय खिलाड़ियों के आने से टूर्नामेंट की रौनक बढ़ेगी?
बिस्माह: निश्चित तौर पर टूर्नामेंट में जितने ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी शामिल होंगे, चाहे वो किसी भी देश से हों, उनके होने से टूर्नामेंट में एक्साइटमेंट आएगी। अगर भविष्य में भारतीय खिलाड़ी इस लीग में शामिल होते हैं तो निश्चित तौर पर उत्साह बढ़ेगा।
क्रिकेट के अलावा क्या पसंद है? कोई दूसरा खेल या किताबें या कुछ और जिसमें आपकी रुचि हो?
बिस्माह: मैं बैडमिंटन खेलना पसंद करती हूं। अब तो बिल्कुल समय नहीं मिलता, क्योंकि साथ में फातिमा है। अब सारा समय फातिमा के साथ ही बीत जाता है, तो अपने लिए बिल्कुल समय नहीं मिल पाता। अगर कुछ समय निकल भी आए तो मेरा मन करता है कि मैं माइंड ऑफ कर थोड़ा रिलैक्स करूं और कुछ ड्रामा या कोई सीरीज देख लूं।
भारतीय महिला टीम के साथ आपके रिश्ते कैसे हैं? कोई ऐसी खिलाड़ी जिनसे आप लगातार बात करती हों?
बिस्माह: वैसे तो कोई खास खिलाड़ी फिलहाल संपर्क में नहीं है, लेकिन जब मैदान पर होती हूं या भारत-पाकिस्तान का मैच होता है तो उनके साथ बड़ी अच्छी बातचीत हो जाती है।
फेयर ब्रेक इन्विटेशनल टी-20 टूर्नामेंट में छह टीमें हिस्सा ले रही हैं। एक टीम में 15-15 खिलाड़ी हैं। 10 दिनों के अंदर 19 मैच खेले जाएंगे। टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही टीमों का नाम- फेल्कन्स, वॉरियर्स, टोरनैडोज, सफायर्स, बार्मी आर्मी और स्पिरिट है। बिस्माह इस टूर्नामेंट में स्पिरिट टीम का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इस टूर्नामेंट के प्रसारण का अधिकार यूरोस्पोर्ट इंडिया के पास है।
(साभार अमर उजाला)