प्रसिद्ध कृष्णा का एक ओवर दिल्ली पर पड़ा भारी

वॉर्नर-पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत ने किया निराश
मुम्बई।
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच रोमांचक मैच देखने को मिला। शुक्रवार (22 अप्रैल) को राजस्थान ने करीबी मुकाबले में 15 रन से जीत हासिल कर खुद को शीर्ष स्थान पर पहुंचा दिया। मैच में कुल 429 रन बने। राजस्थान ने 21 चौके और 14 छक्के लगाए। दूसरी ओर, दिल्ली के बल्लेबाजों ने 17 चौके और 12 छक्के लगाए। गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन के बाद बल्लेबाजों ने दिल्ली की टीम को मैच में बनाए रखा, लेकिन निरंतर विकेट गंवाने के कारण टीम को हार झेलनी पड़ी।
राजस्थान के जोस बटलर करियर के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म से गुजर रहे हैं। उन्होंने एक शतक जड़ दिया। यह आईपीएल में उनका कुल चौथा और मौजूदा सीजन का तीसरा शतक है। उनकी पारी की बदौलत राजस्थान की टीम 222 रन तक पहुंच गई। दिल्ली के लिए कोई बटलर जैसी बड़ी पारी नहीं खेल पाया। लगभग सभी खिलाड़ियों को अच्छी शुरुआत मिली, लेकिन क्रीज पर टिकने के बाद उन्होंने अपने विकेट गंवा दिए।
मैच में टर्निंग पॉइंट:
प्रसिद्ध कृष्णा का आखिरी ओवर: मैच में दिल्ली की पकड़ 18वें ओवर तक बनी हुई थी। उसे आखिरी दो ओवरों में 36 रन बनाने थे। यहां से एक ओवर अगर 20 रन के आ आते तो दिल्ली की टीम जीत जाती। आईपीएल में हमने कई बार दो ओवरों में 30-35 रन बनते देखे हैं। राजस्थान के कप्तान संजू सैमसन ने प्रसिद्ध कृष्णा को 19वें ओवर में बुलाया। क्रीज पर ललित यादव और रोवमन पॉवेल थे। दोनों तूफानी बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं।
प्रसिद्ध ने पहली और दूसरी गेंद पर ललित को रन नहीं बनाने दिया। तीसरी गेंद पर ललित ने अपना विकेट गंवा दिया। उनके आउट होने के बाद कुलदीप यादव आए और तीन गेंद पर एक भी रन नहीं बना सके। इस तरह प्रसिद्ध के ओवर में राजस्थान को एक विकेट भी मिला और उसने कोई रन भी नहीं दिए। दिल्ली की टीम यहीं पर मैच हार गई।
दोनों कप्तानों का कैसा रहा प्रदर्शन:
संजू सैमसन की बात करें तो उन्होंने बल्लेबाजी में उपयोगी पारी खेली। उन्होंने 19 गेंदों पर नाबाद 46 रन की पारी खेली। इस दौरान पांच चौके और तीन छक्के लगाए। उनका स्ट्राइक रेट 242.11 का रहा। फिल्डिंग के दौरान उनकी कप्तानी कमाल की रही। मुश्किल समय भी सैमसन घबराते नहीं हैं। आईपीएल के मौजूदा सीजन में सबसे कूल कप्तानों में एक हैं। गेंदबाजों को रोटेट करने में अब पहले से बेहतर हो गए हैं।
दूसरी ओर, ऋषभ पंत की बात करें तो उन्होंने बल्लेबाजी में 24 गेंद पर 44 रन बनाए। चार चौके और दो छक्के लगाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 183.33 की रहा। पंत ने क्रीज पर टिकने के बाद खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया। अहम मौके पर उनके आउट होने से दिल्ली की टीम दबाव में आ गई। वहीं, अंतिम ओवर में जब रोवमन पॉवेल बल्लेबाजी कर रहे थे तो नो-बॉल नहीं दिए जाने के कारण पंत डगआउट में नाराज हो गए। वे अपने खिलाड़ियों को मैदान से बाहर बुलाने लगे। हालांकि, कुछ सीनियर खिलाड़ियों के समझाने के बाद पंत शांत हुए। उनमें परिपक्वता की कमी दिखी।
दिल्ली कैपिटल्स के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष: टीम के लिए गेंदबाजी में कुछ भी अच्छा नहीं हुआ। बल्लेबाजी में पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत, ललित यादव और रोवमन पॉवेल ने जरूर अच्छी पारियां खेलीं।
नकारात्मक पक्ष: टीम के गेंदबाजों की जमकर कुटाई हुई। सभी ने नौ से ज्यादा की इकोनॉमी रेट से रन लुटाए। स्पिनर्स से लेकर तेज गेंदबाजों की जमकर पिटाई हुई। बल्लेबाजी में किसी ने बड़ी पारी नहीं खेली। वॉर्नर, शॉ और पंत ने जरूर अच्छी शुरुआत की, लेकिन उसे बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए। सरफराज खान तीसरे क्रम पर सिर्फ एक रन बना पाए। बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक बड़ी पारी की जरुरत होती है और दिल्ली के बल्लेबाजी वही नहीं कर पाए।
राजस्थान के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष: बल्लेबाजी में सबकुछ राजस्थान के हिसाब से हुआ। बटलर और देवदत्त पडिक्कल ने पहले विकेट के लिए 155 रनों की साझेदारी की। बटलर ने शतक तो पडिक्कल ने अर्धशतक लगाया। संजू सैमसन ने अंतिम ओवरों में तूफानी पारी खेली और टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाया। गेंदबाजी में प्रसिद्ध कृष्णा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। चार ओवर में सिर्फ 22 रन दिए और तीन विकेट झटके। युजवेंद्र चहल और रविचंद्रन अश्विन ने मिलकर कुल तीन विकेट लिए। दोनों ने ज्यादा रन भी नहीं लुटाए।
नकारात्मक पक्ष: टीम के लिए मैच में दो चीजें खराब हुईं। फील्डिंग के दौरान कई रन अतिरिक्त में दिए और कैच भी छोड़े। पृथ्वी शॉ को एक बार और ऋषभ पंत को दो बार जीवनदान दिया। चहल ने आसान कैच टपकाया। वहीं, गेंदबाजी में अनुभवी ट्रेंट बोल्ट का फॉर्म टीम के लिए चिंता का विषय है। एक और मैच में बोल्ट महंगे साबित हुए। ओबेड मैकॉय ने भी 17 की इकोनॉमी से रन दिए।

 

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