अब होंगी महिला लीग खेल प्रतियोगिताएं

बेटियों की ओलम्पिक सफलता से निकला महिला लीग का मंत्र
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
अब वह दिन दूर नहीं जब देश में सिर्फ बेटियों की स्पोर्ट्स लीग का आयोजन होगा। भारतीय बेटियों की ओलम्पिक की सफलता और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां अर्जित करने के बाद खेल मंत्रालय ने एक नहीं कई खेलों में एक साथ महिला लीग के आयोजन की तैयारी कर ली है।
बेटियों को खेलों में आगे लाने के लिए मंत्रालय ने कुछ खेल संघों से लीग के आयोजन का खाका खीचने को भी कह दिया है। खास बात यह है कि लीग में अच्छी ईनामी राशि दांव पर रखी जाएगी जिसमें खेल संघों के साथ खेल मंत्रालय भी अपना योगदान देगा। यही नहीं मंत्रालय ने खेल संघों से यह भी हिसाब लेना शुरू कर दिया है कि उन्होंने गांवों में खेलों के विकास के लिए क्या किया है।
क्रिकेट, बैडमिंटन या कुछ खेलों को छोड़ दें तो महिलाओं को समर्पित कोई लीग नहीं है, जबकि बेटियां लगातार ओलम्पिक, एशियाई, राष्ट्रमंडल स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। खेल मंत्रालय ने बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए खेल संघों के समक्ष महिला लीग के आयोजन की जिम्मेदारी रखी है। कुछ खेल संघों को खेल मंत्रालय ने अपने साथ हुई बैठक में महिला लीग के आयोजन की जिम्मेदारी सौंप भी दी है। लीग का आयोजन खेलो इंडिया के तहत कराया जाएगा, जिसमें जूनियर बेटियां ही शिरकत कर सकेंगी। लीग में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर उनका चयन कर उन्हें नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (एनसीओई) में भेजा जाएगा।
हालांकि मंत्रालय ने अंडर-21 महिला हॉकी लीग के जरिए प्रयोग शुरू किया है, जो उसे सफल होता दिखाई देता है। यही कारण है कि अब दूसरे खेल संघों को भी यह जिम्मेदारी देने का फैसला लिया गया है। मंत्रालय के एजेंडे में कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग, शूटिंग, बैडमिंटन, एथलेटिक्स जैसे खेलों में बेटियों की लीग का आयोजन प्रमुख हैं।
खेल मंत्रालय ने अब ग्रामीण और जिला स्तर पर खेलों के विकास के लिए खेल संघों से जोनल स्तर पर टूर्नामेंटों की जानकारी लेना शुरू कर दिया है। जो भी खेल संघ जोनल स्तर पर खेल टूर्नामेंट नहीं कराएंगे उनकी आर्थिक मदद में कटौती भी की जा सकती है।

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