बिपिन रावत ने ही कराई थी धोनी की आर्मी ट्रेनिंग

माही ने दो साल पहले मांगी थी इजाजत
सीडीएस ने कहा था- अन्य सैनिकों जैसे ही रक्षक बन पाएंगे
नई दिल्ली।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) रहे जनरल बिपिन रावत ने ही दो साल पहले टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल बनाए गए क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को सेना की प्रॉपर ट्रेनिंग करने की इजाजत दी थी। धोनी ने यह ट्रेनिंग करने का उनसे आग्रह किया था। जनरल रावत ने पूर्व भारतीय कप्तान धोनी के इस आग्रह को मंजूर कर लिया था। धोनी ने इसके बाद दो महीने के लिए पैराशूट रेजिमेंट में ट्रेनिंग की थी।
उस समय टीम इंडिया वेस्टइंडीज के दौरे पर जाने वाली थी। धोनी ने तब बीसीसीआई को बताया था कि वे वेस्टइंडीज दौरे पर नहीं जा पाएंगे, क्योंकि वे अगले दो महीने का वक्त भारतीय सेना को देना चाहते हैं। ट्रेनिंग के दौरान जनरल रावत ने धोनी को लेकर कहा था कि वे सेना में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। वे अन्य सैनिकों की तरह ही रक्षक की भूमिका निभाएंगे। जब कोई भारतीय नागरिक सेना की वर्दी पहनना चाहता है तो वह अपनी उस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए तैयार हो जाता है, जिसके लिए उसे वर्दी दी गई है।
जनरल रावत ने आगे कहा था कि धोनी ने बेसिक ट्रेनिंग हासिल की है और हम जानते हैं कि वह उस कार्य को पूरा करने में सक्षम हैं। बता दें कि धोनी पैराशूट रेजिमेंट की 106 पैरा टेरिटोरियल आर्मी बटालियन की ट्रेनिंग का हिस्सा बने थे। इस ट्रेनिंग के दौरान धोनी ने आम सैनिकों की तरह ही पेट्रोलिंग, गार्ड और पोस्ट की ड्यूटी की थी।
तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में बुधवार दोपहर सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। इस हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई। हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई।

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