मुंबई इंडियंस का प्लेआफ में पहुंचना असम्भव

नामुमकिन है हैदराबाद को 170 रन से हराना
नई दिल्ली।
इंडियन प्रीमियर लीग 14वें सीजन में मुंबई इंडियंस की राह प्लेआफ में अब बेहद मुश्किल हो चुकी है। राजस्थान रायल्स के खिलाफ कोलकाता नाइटराइडर्स की बड़ी जीत ने मुंबई का पहुंचना नामुमकिन जैसा कर दिया है। टॉप चार टीमों में पहुंचने की रेस में चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स और रायल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम पहले ही आगे निकल चुकी थीं। आखिरी स्थान के लिए मुंबई और कोलकाता में जंग जारी थी लेकिन अब वह भी खत्म होती नजर आ रही है।
कोलकाता ने गुरुवार को राजस्थान के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 171 रन बनाए थे। जवाब में राजस्थान को महज 85 रन पर आलआउट कर टीम ने 86 रन की बड़ी जीत हासिल की। इस जीत के बाद अब कोलकाता की टीम के 7 जीत से 14 अंक हो गए और उसका नेट रन रेट भी मुंबई के मुकाबले काफी अच्छा है। मुंबई के 12 अंक हैं और -0.048 है। ऐसे में अब उसके पास प्लेआफ में जगह बनाने का एकमात्र मौका सनराइजर्स के खिलाफ टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे बड़ी जीत है।
आईपीएल के 14वें सीजन के प्लेआफ में अगर मुंबई को पहुंचना है तो सबसे पहले इस बात की दुआ करनी होगी कि कप्तान रोहित शर्मा की किस्मत साथ दे और वह टास जीत जाएं। अगर हैदराबाद की टीम ने टास जीता तो फिर इस बात की दुआ करनी होगी कि वह पहले गेंदबाजी करे क्योंकि अगर मुंबई को पहले गेंदबाजी मिली तो उसका सफर वहीं खत्म हो जाएगा।
मुंबई की टीम को अपने आखिरी लीग मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ टास जीतकर या फिर हारने के बाद भी पहले बल्लेबाजी करनी होगी। टीम को 200 से ज्यादा का स्कोर खड़ा करना होगा और इसके बाद हैदराबाद की टीम के खिलाफ कम से कम 170 रन की जीत हासिल करनी होगी। वैसे ये भी बता दें कि अब तक की सबसे बड़ी रनों के लिहाज से जीत 146 रन की है जो 2017 में मुंबई ने दिल्ली के खिलाफ हासिल की थी।
मुंबई की टीम को अपने आखिरी लीग मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ टास जीतकर या फिर हारने के बाद भी पहले बल्लेबाजी करनी होगी। टीम को 200 से ज्यादा का स्कोर खड़ा करना होगा और इसके बाद हैदराबाद की टीम के खिलाफ कम से कम 170 रन की जीत हासिल करनी होगी। वैसे ये भी बता दें कि अब तक की सबसे बड़ी रनों के लिहाज से जीत 146 रन की है जो 2017 में मुंबई ने दिल्ली के खिलाफ हासिल की थी।
इस सीजन में मुंबई की टीम ने पहले और दूसरे चरण को मिलाकर कुल 13 मुकाबले खेले हैं। इसमें रोहित शर्मा ने 12 मुकाबलों में टीम की कप्तानी की और टास के लिए मैदान पर गए। यहां मौका 50-50 का रहा है मतलब छह मैच में रोहित ने टास जीता जबकि इतने ही मैच में उनको हार मिली। अब हैदराबाद के खिलाफ होने वाले टास पर टीम में उनके बने रहने का फैसला होने वाला है। देखना होगा इस टास में उनकी किस्मत साथ देती है या नहीं।

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